पेरिस ओलंपिक 2024: भारत का 12वां दिन कठिनाईयों और उम्मीदों से भरा

पेरिस ओलंपिक 2024 के 12वें दिन भारत को कई अहम् मोर्चों पर सफलता और असफलता का सामना करना पड़ा। सबसे पहले, भारतीय फैंस के लिए बेहद हताशाजनक खबर आई जब महिला 50 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग में विनेश फोगाट को वज़न मानकों को पूरा न कर पाने के कारण बाहर कर दिया गया। विनेश ने इस प्रतियोगिता में 100 ग्राम ज्यादा वज़न होने के कारण हिस्सा नहीं ले पाईं, जबकि पहले ही उन्होंने जापान की चार बार की विश्व चैंपियन युई सुसाकी को हराकर फाइनल में पहुंचने का कारनामा कर दिखाया था।

भारतीय दल ने अतिरिक्त समय मांगने का प्रयास भी किया, ताकि विनेश वज़न मानकों को पूरा कर सकें, लेकिन आयोजकों ने उनकी इस अपील को खारिज कर दिया। इस कारण विनेश का बाहर होना तय हो गया और उनके स्थान पर सारा हिल्डेब्रांट को स्वर्ण पदक मिल गया।

मीराबाई चानू: वेटलिफ्टिंग में उम्मीदों का संचार

विनेश की असफलता के बावजूद सभी की निगाहें अब मीराबाई चानू पर टिकी हैं, जो वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए दूसरा ओलंपिक पदक जीतने की कोशिश करेंगी। मीराबाई ने 49 किग्रा वेट कैटेगरी में हिस्सा लिया है और उनका प्रदर्शन इस बार बहुत ही अहम है। उन्होंने पिछले ओलंपिक चक्र में कई घायलावस्थाओं और सावधानीपूर्वक कार्यभार प्रबंधन का सामना किया है, जिसके बावजूद वे फिटनेस हासिल करते हुए यहां तक पहुंची हैं।

हालांकि, मीराबाई के सामने कठिन चुनौतियां हैं, लेकिन उनके जज्बे और मेहनत को देखते हुए उम्मीद है कि वे कम से कम रजत या कांस्य पदक जीतने में सफल होंगी। चानू के लिए यह मुकाबला न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक धैर्य की भी परीक्षा होगी।

भारतीय हॉकी टीम की हार

इसके बीच, भारतीय हॉकी टीम ने भी अपना दमखम दिखाते हुए जर्मनी के खिलाफ एक रोमांचक मुकाबले में 2-3 से हार झेली। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में टीम ने जोरदार प्रदर्शन किया, लेकिन अंतिम क्षणों में वे हार से बच नहीं सके। यह मैच दर्शकों के लिए बेहद रोमांचक रहा और खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

मैनु भाकर की वापसी

इसके अलावा, शूटिंग स्टार मनु भाकर ने अपने सफल कैंपेन के बाद नई दिल्ली लौटने की तैयारी कर ली है। मनु वह पहली भारतीय एथलीट बन गई हैं जिन्होंने एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीते हों। पेरिस ओलंपिक में उनका सफर भारतीय खेलों के लिए एक अनमोल उपलब्धि साबित हुआ है।

मीराबाई चानू की ओर लौटते हुए, उनकी वेटलिफ्टिंग प्रतिस्पर्धा में कई खड़ी प्रतिभाशाली वेटलिफ्टर होंगी, जिनसे मुकाबला कर वे महत्वपूर्ण स्थान बना सकती हैं। उनके लिए यह सफर और मेहनत सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बन सकता है।

समापन

पेरिस ओलंपिक 2024 का यह 12वां दिन भारत के लिए कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा। विनेश फोगाट का बाहर होना जहां एक कड़वी सच्चाई है, वहीं मीराबाई चानू और मनु भाकर ने अपने प्रयासों से देश का मान बढ़ाया है। भारतीय हॉकी टीम की हार के बावजूद उनका जोश और जज्बा सबको पसंद आया। आगामी दिनों में भारतीय खिलाड़ियाँ और भी बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे, इस उम्मीद के साथ कि वे और भी पदक अपने नाम कर सकें।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

15 टिप्पणि

  • RAJIV PATHAK

    RAJIV PATHAK

    विनेश को वजन नहीं नियंत्रित कर पाना? अरे भाई, ये तो ऑलिंपिक है, न कि घर का बर्थडे पार्टी। जिसने इतना पसीना बहाया, उसकी नियुक्ति तो वजन वाले बॉस की बात सुनने के लिए होनी चाहिए, न कि इंटरनेशनल बॉडी की। 😒

  • Nalini Singh

    Nalini Singh

    इस घटना के माध्यम से हमें खेलों में वजन श्रेणियों के महत्व को फिर से समझने की आवश्यकता है। विनेश फोगाट का संघर्ष एक व्यक्तिगत विफलता नहीं, बल्कि एक व्यवस्थागत असफलता का प्रतीक है। उनकी निष्ठा और समर्पण के लिए हमें सम्मान देना चाहिए।

  • Sonia Renthlei

    Sonia Renthlei

    मैं तो बस इतना कहूंगी कि विनेश के बारे में सोचकर मेरा दिल टूट गया। उन्होंने इतनी मेहनत की, इतना समय दिया, और फिर भी एक छोटे से ग्राम के कारण बाहर हो गईं। मीराबाई के लिए तो ये अब सिर्फ पदक नहीं, बल्कि एक जीत है जो उनकी आत्मा की जीत है। उन्हें देखकर मुझे लगता है कि हम सब अपने अंदर की ताकत को भूल गए हैं। जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे वजन कितना भी हो।

  • Aryan Sharma

    Aryan Sharma

    ये सब अमेरिका और चीन की साजिश है। विनेश को बाहर करने के लिए वजन वाला रिकॉर्ड बदल दिया गया। देखो ना, जब भी कोई भारतीय अच्छा करता है, तो वो नियम बदल दिए जाते हैं। ये ओलंपिक अब कोई खेल नहीं, एक राजनीति का मैदान है।

  • Devendra Singh

    Devendra Singh

    विनेश की गलती ये नहीं कि वो 100 ग्राम ज्यादा थी, बल्कि ये कि उसने अपनी टीम को इतना अनदेखा किया। डाइटिट ने क्या किया? कोच क्या कर रहा था? इस तरह की लापरवाही को खेल के नाम पर माफ नहीं किया जा सकता। ये नेशनल इमेज के लिए शर्मनाक है।

  • UMESH DEVADIGA

    UMESH DEVADIGA

    मीराबाई के लिए तो ये बस एक और चैलेंज है। पर देखो विनेश को कैसे फेंक दिया गया... इंडिया के लिए इतना कुछ करने के बाद भी? ये जो लोग उसके बारे में बात कर रहे हैं, उनमें से कितने ने उसकी ट्रेनिंग देखी है? कोई नहीं। बस लोग खुद को बड़ा समझते हैं।

  • Roshini Kumar

    Roshini Kumar

    विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा था? अरे भाई, ये तो बस एक ग्राम बहुत ज्यादा है! वो तो लगभग एक चम्मच चीनी के बराबर है! और फिर भी बाहर? अच्छा और अगर वो एक बार चाय पी गई होती तो क्या होता? अब तो ओलंपिक में ब्रेकफास्ट भी स्क्रीनिंग करना पड़ेगा।

  • Siddhesh Salgaonkar

    Siddhesh Salgaonkar

    विनेश को बाहर कर देना बिल्कुल गलत था... लेकिन अगर ये लड़की थी तो शायद नहीं करते थे 😔💔 अब मीराबाई को गोल्ड देना होगा, वरना देश गुस्सा हो जाएगा। #मीराबाईकागोल्ड #विनेशकालाश

  • Arjun Singh

    Arjun Singh

    विनेश के बाहर होने का ये एक सिस्टम फेल है। एथलीट्स को डाइट पर कंट्रोल नहीं करना चाहिए, बल्कि उनकी स्पोर्ट्स स्किल्स पर फोकस करना चाहिए। ये वजन नियम बस बुरी तरह से डिज़ाइन किए गए हैं। इस तरह की बातों पर बहस करने की बजाय, बेहतर नियम बनाओ।

  • yash killer

    yash killer

    हम भारतीय खिलाड़ियों को बहुत नीचे देख रहे हैं। विनेश को बाहर कर दिया गया? अब देखो जब मीराबाई पदक लाएगी तो कौन बोलेगा कि ये भारत का गर्व है? ये सब अंग्रेजों की चाल है जो हमें नीचे रखना चाहते हैं। जय हिन्द!

  • Ankit khare

    Ankit khare

    मीराबाई जितना भी करे वो अच्छा है लेकिन विनेश का ये निर्णय बिल्कुल बेकार है। तुम लोगों को याद है जब अर्जुन अहलावत ने आर्म लिफ्टिंग में एक ग्राम कम वजन कर लिया था और उसे फिर से वजन चेक किया गया? वो तो बस एक नियम था। लेकिन अब ये नियम बदल गया है। ये तो बस एक बड़ा झूठ है।

  • Chirag Yadav

    Chirag Yadav

    मैं तो बस इतना कहूंगा कि हम सबको इन खिलाड़ियों के प्रति सम्मान देना चाहिए। विनेश ने जो किया, वो उसकी शान है। मीराबाई जो कर रही हैं, वो भी उनकी शान है। खेल तो खेल है, लेकिन इंसानियत तो हमेशा ऊपर होनी चाहिए।

  • Shakti Fast

    Shakti Fast

    मीराबाई, तुम जितना भी करो, हम तुम्हारे साथ हैं। विनेश की तरह तुम भी बहुत मेहनत कर रही हो। ये न सिर्फ एक पदक है, बल्कि एक जीत है जो तुम्हारे अंदर के जज्बे की है। हम तुम्हारे लिए गर्व करते हैं। तुम अकेली नहीं हो, हम सब तुम्हारे साथ हैं। 💪❤️

  • saurabh vishwakarma

    saurabh vishwakarma

    विनेश का बाहर होना एक ट्रैजेडी है। लेकिन अगर उन्होंने एक दिन पहले अपना वजन चेक कर लिया होता, तो शायद ये नहीं होता। इसलिए ये निर्णय उनकी लापरवाही का परिणाम है। इस तरह की गलतियों को खेल के नाम पर माफ नहीं किया जा सकता।

  • MANJUNATH JOGI

    MANJUNATH JOGI

    खेल की दुनिया में वजन श्रेणियां बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इस बार ये नियम बहुत कठोर लगे। विनेश के लिए ये एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन उन्होंने जो दिखाया, वो दुनिया के लिए एक उदाहरण है। मीराबाई के लिए ये एक नया अध्याय है। हम आशा करते हैं कि वे अपने जज्बे के साथ इस चुनौती को पार करेंगी।

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