गंभीर बीमारी के चलते, पूर्व इंग्लैंड क्रिकेटर ग्राहम थॉर्प का 55 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने यह दुखद घोषणा की है। क्रिकेट समुदाय में यह खबर सुनकर गहरा शोक है और सभी उनके परिवार को इस कठिन समय में सांत्वना प्रदान कर रहे हैं। थॉर्प ने अपने 13 साल के शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की थीं।

थॉर्प का क्रिकेट करियर

ग्राहम थॉर्प ने 100 टेस्ट मैचों में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया और इस दौरान 16 शतक लगाए। उनका पहला टेस्ट शतक 1993 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और अंतिम शतक 2004 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आया था। टेस्ट मैचों में थॉर्प ने 6,744 रन बनाए, जिनमें उनका औसत 44.66 था। इसके अलावा, उन्होंने 82 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले, जिनमें 2,380 रन बनाए।

रोल मॉडल के रूप में थॉर्प

बतौर बल्लेबाज, थॉर्प की पहचान उनकी एलिगेंट और फ्लुइड बैटिंग शैली से थी। उनकी बैटिंग देखकर ही यह समझ में आ जाता था कि वे किस स्तर के खिलाड़ी थे। जूनियर क्रिकेटरों के लिए वे एक प्रेरणा स्रोत थे और उन्होंने अपनी कला से अनगिनत क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता।

खेल के बाद का जीवन

खेल के बाद का जीवन

थॉर्प ने अपने खेल करियर के बाद कोचिंग में भी खासे योगदान दिए। उन्होंने इंग्लैंड पुरुष क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच और सहायक कोच के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उनकी कोचिंग के दौरान कई खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और इंग्लैंड को जीत हासिल की। उनका मार्गदर्शन कई युवाओं के करियर को संवारने में सहायक रहा।

क्रिकेट समुदाय का शोक

ग्राहम थॉर्प के निधन पर क्रिकेट समुदाय गहरे शोक में है। सरे क्रिकेट क्लब (सीसीसी), जहां से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की, उनके योगदान को याद कर रहा है। ईसीबी ने भी अपने बयान में थॉर्प की खेल में गहरी प्रभाव और उनकी अद्वितीय योगदान की प्रशंसा की। उनके प्रभाव ने खेल के हर फॉर्मेट में नई ऊर्जा भर दी थी।

परिवार और दोस्तों का साथ

परिवार और दोस्तों का साथ

ग्राहम थॉर्प के परिवार में उनकी पत्नी अमांडा और बच्चे हैं, जो इस मुश्किल घड़ी का सामना कर रहे हैं। उनके करीबियों और दोस्तों को भी यह अपूरणीय क्षति सहनी पड़ी है। ऐसे कठिन समय में पूरे क्रिकेट समुदाय के साथ उनकी भावनाएं हैं।

ग्राहम थॉर्प की यादगार नेतृत्व क्षमता, उनकी सहानुभूति और उनकी अद्वितीय खेल शैली हमेशा के लिए उन्हें खिलाड़ियों और प्रशंसकों के दिलों में जीवित रखेगी। उनकी विरासत और सख्त मेहनत के जरिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।

अर्जुन चौधरी

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।
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