Raayan मूवी रिव्यू: धानुष की धमाकेदार कहानी और कमजोर किरदारों की गाथा

तमिल सिनेमा के चमकते सितारे धानुष अब न सिर्फ एक शानदार अभिनेता हैं, बल्कि एक कुशल निर्देशक के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। उनकी नयी फिल्म 'Raayan' इससे आकर्षक उदाहरण हो सकती थी, लेकिन फिल्म की कमियों ने इसे एक सामान्य प्रवृत्ति से आगे बढ़ने से रोक दिया।

Raayan की कहानी एक ऐसे परिवार के मुखिया को लेकर है जो हर हाल में अपने परिवार को खतरे से बचाने की कसम खाता है। कहानी का प्लॉट अपने आप में विशाल और दिलचस्प है, लेकिन चरित्र विकास और गहराई के अभाव ने फिल्म के आकर्षण कम कर दिया।

धमाकेदार शुरुआत

फिल्म की शुरुआत में धानुष का परिचय बेहद दमदार तरीके से होता है। वह अपने रहस्यमय और धीरजमय व्यक्तित्व के साथ दृश्य को पकड़ लेते हैं। निर्देशन भी इस हिस्से में काफी सजह प्रतीत होता है। दर्शक उम्मीद करते हैं कि यह फिल्म इसी ताल में आगे बढ़ेगी।

किरदारों की कमी

शुरुआती उत्साह के बाद फिल्म में एक कमी खलने लगती है। धानुष का किरदार 'Raayan' पूरी कोशिश करता है कि वह अपने परिवार को किसी भी तरह की हानि से बचा सके। लेकिन विरोधी गुटों के बीच की लड़ाई, कमजोर कहानी और नीरस चरित्र विकास ने फिल्म में बोरियत भर दी है।

फिल्म में रामायण से प्रेरित तत्वों को भी शामिल किया गया है, जैसे कि 'Raayan' को 'रावण', 'मुथुवेल' को 'कुम्भकर्ण' और 'मानिकवेल' को 'विभीषण' की तरह दिखाया गया है। लेकिन इन किरदारों की कमजोरी और अधूरापन ने दर्शकों के दिल तक पहुंचने में असफलता प्राप्त की।

हिंसा का प्रभाव

फिल्म में अत्याधिक हिंसात्मक दृश्यों का भी प्रयोग हुआ है जो कहानी और किरदारों के विकास को कमजोर करता है। इन एक्शन दृश्यों के चलते फिल्म के नाटकीयता और गहराई को नुकसान पहुंचा है।

फिल्म का सकारात्मक पक्ष

फिल्म की संगीत पृष्ठभूमि ए. आर. रहमान ने बनाई है, जो किसी प्रशंसा से कम नहीं है। रहमान का संगीत फिल्म की कमजोरियों को भी अपनी धुनों से कुछ हद तक ढक लेता है। वहीं, सिनेमाटोग्राफी में ओम प्रकाश का काम भी काफी प्रभावशाली है।

निष्कर्ष

मूल्यांकित करने के बाद, कहा जा सकता है कि Raayan ने जो संभावनाएं प्रस्तुत की थीं, वे पूरी नहीं हो पाईं। धानुष की निर्देशन क्षमता के बावजूद, फिल्म का कमजोर स्क्रिप्ट और अधूरे किरदार उसे एक उत्कृष्ट फिल्म नहीं बना सके।

अगर आप धानुष के फैन हैं या आपको तमिल गैंगवार की कहानियां पसंद हैं, तो यह फिल्म आपके देखने की सूची में हो सकती है। लेकिन उच्चतम आशाओं के साथ न जाएं क्योंकि फिल्म अपने वादे को पूरा करने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है।

अर्जुन चौधरी

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।
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