विवेक रामास्वामी, एक 39 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और राजनेता, वर्तमान समय में अपने राष्ट्रपति पद की महत्वाकांक्षाओं और इमिग्रेशन नीतियों के लिए चर्चा में हैं। उनके परिवार की कहानी आज की राजनीतिक बहस के केंद्र में है। रामास्वामी का जन्म सिनसिनाटी में भारतीय प्रवासी माता-पिता के घर हुआ था। उनके पिता, वी. गणपति रामास्वामी, जो कि एक अभियंता और पेटेंट अटॉर्नी थे, आज भी भारतीय पासपोर्ट धारक हैं, जबकि उनकी माँ गीता रामास्वामी ने अमेरिकी नागरिकता धारण की है। यह स्थिति अनेक सवाल खड़े करती है, और यह रामास्वामी के राजनीतिक विचारों को भी प्रभावित करती है।

रामास्वामी का पारिवारिक पृष्ठभूमि और उनकी इमिग्रेशन नीतियाँ

विवेक के माता-पिता केरल से अमेरिका आए थे। उनके पिता जिन्होंने जनरल इलेक्ट्रिक में अभियंता और पेटेंट अटॉर्नी के रूप में काम किया, ने अमेरिकी नागरिकता हासिल नहीं की, जबकि उनकी माँ गीता, जो एक वृद्ध-मानसिक रोग विशेषज्ञ हैं, ने विवेक के जन्म के बाद अमेरिकी नागरिकता ले ली। विवेक ने बताया कि उनके पिता ने पारिवारिक कारणों के चलते अमेरिकी नागरिकता परीक्षण नहीं देने का निर्णय लिया।

विवेक रामास्वामी की इमिग्रेशन नीतियाँ आंशिक रूप से उनके परिवार की कहानी से प्रभावित हैं। वे जन्म आधारित नागरिकता को समाप्त करने की वकालत करते हैं, खासतौर पर उन बच्चों के लिए जो अवैध प्रवासियों के यहाँ जन्मे हैं। उनका मानना है कि अमेरिका में कानून का पालन न करने वाले लोगों को देश से बाहर किया जाना चाहिए, और वे एक मेरिट आधारित इमिग्रेशन प्रणाली की सिफारिश करते हैं जो कानून का पालन करने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दे।

भारतीय-अमेरिकी समुदाय की प्रतिक्रिया

भारतीय-अमेरिकी समुदाय की प्रतिक्रिया

विवेक के विचारों पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि उनके पॉलिसी विचार उनके खुद के पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण विरोधाभासी हैं। परिवार की स्थिति ने अन्य भारतीय-अमेरिकियों को उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का मौका दिया है। हालांकि, रामास्वामी ने अपनी नीतियों पर अडिग रहने का निर्णय लिया है, और उन्होंने कानून का पालन न करने वालों से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

अंतरराष्ट्रीय प्रसार और विवेक का राजनीतिक भविष्य

विवेक रामास्वामी के विचार वैश्विक मंच पर भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उनकी योजनाएं न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी प्रभाव डाल सकती हैं। यह देखा जाना बाकी है कि इन विवादास्पद नीतियों के साथ उनका राजनीतिक भविष्य कौन सा रास्ता अख्तियार करेगा। फिर भी, यह सुनिश्चित है कि रामास्वामी राजनीति में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक प्रेरणा बने रहेंगे, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी स्वयं की पारिवारिक कहानियों को उनके दृष्टिकोण के साथ जोड़ पाते हैं।

विवेक रामास्वामी का राजनीतिक कारवां अपनी दिशा में चल रहा है, और चाहे उनके विचारों पर कितना भी विवाद क्यों न हो, वे अपनी विचारधारा पर मजबूती से खड़े हैं।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

5 टिप्पणि

  • INDRA MUMBA

    INDRA MUMBA

    ये सब बातें सुनकर लगता है जैसे कोई अपने घर के दरवाजे को बंद कर रहा हो और खुद के बाहर के लोगों को बाहर रखने की कोशिश कर रहा हो। विवेक के पिता ने अमेरिकी नागरिकता नहीं ली, तो फिर उनके बेटे को अब दूसरों के लिए ये नियम बनाने का क्या हक? ये तो एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण द्वंद्व है - जिस देश ने उन्हें बड़ा किया, उसी के नियमों को तोड़ने की बात कर रहे हैं।

  • Anand Bhardwaj

    Anand Bhardwaj

    अरे भाई, ये तो बस एक बात है - पापा ने पासपोर्ट नहीं बदला, बेटा ने अमेरिका के लिए अपनी बात रखी। जब तक तुम्हारा नाम रामास्वामी है, तब तक ये ड्रामा चलता रहेगा।

  • RAJIV PATHAK

    RAJIV PATHAK

    वाह, एक भारतीय पिता जिसने अमेरिकी नागरिकता नहीं ली - ये तो बहुत अनोखा है। जैसे कोई अपने बच्चे को इंजीनियरिंग के लिए अमेरिका भेजे और खुद अपने बच्चे के नाम के आगे 'डॉ.' लगाने से इनकार कर दे। अब बेटा बोल रहा है कि 'मेरे पिता की अहंकारी अधिकारिता' के कारण अन्य लोगों को बाहर रखना चाहिए। ये नहीं, ये तो बहुत बुद्धिमानी वाली बात है।

  • Nalini Singh

    Nalini Singh

    इस विषय पर चर्चा करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल अमेरिकी नागरिकता के नियमों को छूता है, बल्कि वैश्विक प्रवासी समुदायों के आत्मचिंतन को भी उजागर करता है। विवेक रामास्वामी के परिवार का अनुभव एक अद्वितीय उदाहरण है - एक ऐसा व्यक्ति जिसके जीवन की शुरुआत एक अंतर्राष्ट्रीय घर में हुई, और जिसने अपने विचारों को एक ऐसे राजनीतिक ढांचे में रखा है जो उसके अपने परिवार की वास्तविकता से टकराता है। यह द्वंद्व उनकी विश्वसनीयता को नहीं, बल्कि उनके विचारों की गहराई को दर्शाता है।

  • Sonia Renthlei

    Sonia Renthlei

    मैं इस बात पर बहुत गहराई से सोच रही हूँ कि जब कोई व्यक्ति अपने अपने परिवार के जीवन के अनुभवों को राजनीतिक नीतियों में बदल देता है, तो क्या वह उन नीतियों को वास्तविकता से अलग कर देता है? विवेक के पिता ने अमेरिकी नागरिकता नहीं ली - शायद उन्होंने भारत के प्रति लगाव रखा हो, शायद उन्हें लगा कि ये एक नागरिकता का विश्वास है, न कि कानूनी अधिकार का। लेकिन अब उनका बेटा उन्हीं नियमों को निरस्त करना चाहता है जिनके तहत वह खुद एक अमेरिकी नागरिक है। ये तो एक बहुत गहरा द्वंद्व है - जहाँ पारिवारिक अनुभव और राजनीतिक दृष्टिकोण आपस में टकरा रहे हैं। क्या ये तो बस एक व्यक्तिगत विरोधाभास है, या फिर ये एक बड़े समाज के भीतर बहुत सारे लोगों के अनुभवों का प्रतिबिंब है? मुझे लगता है कि इस तरह के विरोधाभासों को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

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