G7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 से 15 जुलाई तक इटली के अपुलिया में आयोजित G7 समिट में हिस्सा लिया और वैश्विक दक्षिण के हितों की वकालत की। इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने भारत को 'आउटरीच कंट्री' के रूप में आमंत्रित किया था। पीएम मोदी ने अपनी भागीदारी के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया और दुनिया को अपने दृष्टिकोण से अवगत कराया।
वैश्विक दक्षिण और अफ्रीका के साथ संबंधों की मजबूती
इस समिट में पीएम मोदी ने भारत की ओर से वैश्विक दक्षिण की भलाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने अफ्रीका के साथ करीबी संबंधों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। वैश्विक मंच पर यह एक महत्वपूर्ण पहल थी जिसमें भारत ने दक्षिणी देशों के विकास और सहयोग की दिशा में अपने कदमों को रेखांकित किया।
तकनीक और ऊर्जा पर जोर
समिट में पीएम मोदी ने G7 आउटरीच सत्र में एआई, ऊर्जा, अफ्रीका और मेडिटरेनियन पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे प्रौद्योगिकी मानवीय प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है और साइबर सुरक्षा का महत्व भी बताया। मोदी ने ऊर्जा संबंधी अपने दृष्टिकोण में उपलब्धता, पहुंच, affordability और स्वीकार्यता पर जोर दिया।
जलवायु परिवर्तन पर भारत का रुख
प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की और बताया कि भारत अपने क्लाइमेट चेंज कांफ्रेंस ऑफ द पार्टीज (CoP) प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा करने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने भारत के मिशन LiFE (Lifestyle for Environment) के सिद्धांत पर आधारित स्थायी और हरित युग की ओर बढ़ने के प्रयासों को भी रेखांकित किया।
'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान
पीएम मोदी ने समिट के दौरान 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान का भी उल्लेख किया जो पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। यह अभियान न केवल पर्यावरण की रक्षा का एक प्रयास है, बल्कि सामाजिक जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
द्विपक्षीय बैठकें
G7 समिट के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य देशों के प्रमुख नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की। उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूके के पीएम ऋषि सुनक, जापान के पीएम फुमियो किशिदा, इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज, कैनेडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो और पोप फ्रांसिस से मुलाकात की।