हिंदेनबर्ग रिसर्च ने फिर से भारत पर ध्यान केंद्रित किया, क्या होगा अगला बड़ा खुलासा?
उपभोक्ता और आर्थिक जुर्माना खोजने में माहिर अमेरिकी कंपनी हिंदेनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर भारत में बड़े खुलासे का संकेत दिया है। यह वही कंपनी है जिसने पिछले साल अडानी ग्रुप पर भारी धांधलियों का आरोप लगाया था। कंपनी की नई पोस्ट ने समाचार जगत और निवेशकों के बीच फिर से हलचल मचा दी है।
सोशल मीडिया पर संकेत
हाल ही में हिंदेनबर्ग रिसर्च ने 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, 'भारत पर जल्द ही कुछ बड़ा।' इस छोटे, परंतु प्रभावी सन्देश ने विभिन्न उद्योगों और निवेशकों के बीच हलचल पैदा कर दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार उनका निशाना कौन होगा।
पिछले खुलासे और उनकी गूंज
पिछले साल जनवरी में, हिंदेनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने 'कॉर्पोरेट इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' को अंजाम दिया है। यह रिपोर्ट अडानी इंटरप्राइजेज के बड़े शेयर बिक्री से कुछ समय पहले आई थी। इसके परिणामस्वरूप अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी और उनकी मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में लगभग $86 बिलियन तक की कटौती हो गई थी। इसके अलावा, विदेशों में सूचीबद्ध उनके बॉन्डों में भी बड़ी बिकवाली देखने को मिली।
नए विवाद और जांच
इस साल जून में, भारतीय बाजार नियामक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने नए खुलासे किए, जो इस चल रहे अडानी-हिंदेनबर्ग मामले को नया मोड़ दे सकते हैं। SEBI ने दावा किया कि हिंदेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करने से लगभग दो महीने पहले न्यूयॉर्क के हेज फंड मैनेजर मार्क किंग्डन के साथ रिपोर्ट की उन्नत प्रति साझा की थी, जिससे उन्हें रणनीतिक व्यापार के माध्यम से पर्याप्त लाभ हुआ।
हिंदेनबर्ग का जवाब
इन आरोपों के जवाब में, हिंदेनबर्ग रिसर्च ने SEBI से मिले उस नोटिस को खारिज कर दिया जिसमें उन पर भारतीय नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने इसे 'बेतुका' बताते हुए दावा किया कि यह नोटिस सिर्फ उन लोगों को चुप कराने और डराने के लिए जारी किया गया है, जो भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करते हैं।
कोटक बैंक का नाम उजागर
हिंदेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में पहली बार कोटक बैंक का नाम लिया, जिससे विवाद और गहरा हो गया। यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में और क्या-क्या मोड़ आते हैं।
हिंदेनबर्ग रिसर्च का इतिहास
साल 2017 में नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित इस कंपनी ने बड़े-बड़े कॉर्पोरेट समूहों पर धांधली के आरोप लगाकर तहलका मचाया है। लगभग 10 कर्मचारियों वाली यह कंपनी 'डेविड' की तरह है, जो कॉर्पोरेट 'गोलियथ्स' को चुनौती देती है।
निवेशकों की नजरें
निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों की निगाहें अब हिंदेनबर्ग के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। जिन भी कंपनियों पर ये आरोप लगाने वाले हैं, उनके शेयर बाजार में बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।
क्या हो सकता है भविष्य में?
इस नए खुलासे की जानकारी मिलने के बाद, निवेशकों को सतर्क रहना होगा। यह संभव है कि हिंदेनबर्ग का अगला निशाना किसी और बड़े भारतीय कॉर्पोरेट समूह पर हो। इस बीच, भारतीय शेयर बाजार पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह समय ही बताएगा।
UMESH DEVADIGA
ये हिंदेनबर्ग वाले तो भारत के बड़े बिजनेस घरानों का निशाना बनाए हुए हैं। अडानी के बाद अब कोटक पर निशाना साध रहे हैं? ये लोग तो बस शेयर बाजार में अंधेरा मचाने के लिए जीवित हैं।
Roshini Kumar
kotak bank ka naam uthaya toh sab ne socha kuch toh hai... lekin phir bhi ye sab kya hai? kya koi real evidence hai ya bas clickbait?
yash killer
अमेरिका के इन लोगों को भारत की अर्थव्यवस्था का क्या लेना देना? हम अपने घर की साफ-सफाई खुद करेंगे! बाहरी शक्तियां हमें डराने की कोशिश न करें!
Devendra Singh
हिंदेनबर्ग की रिपोर्ट्स तो अब एक इंडस्ट्री बन चुकी हैं। उनकी रिपोर्ट आते ही शेयर बाजार में घूम जाते हैं। लेकिन जो लोग इन रिपोर्ट्स को बिना साबित किए मान लेते हैं, वो खुद बेवकूफ हैं। SEBI का जो नोटिस आया है, वो बिल्कुल सही है। ये लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
Siddhesh Salgaonkar
बस थोड़ा रुको... ये सब बहुत बड़ा मामला है 🤯 कोटक बैंक के खिलाफ आरोप? अगर ये सच हुआ तो भारतीय बैंकिंग सिस्टम का एक आधार हिल जाएगा 😱 अब तो हर कोई अपने बैंक के शेयर बेच रहा है... ये हिंदेनबर्ग तो वाकई डेविड है, लेकिन क्या वो गोलियथ को नहीं तोड़ पा रहा? 🤔
Arjun Singh
ये हिंदेनबर्ग लोग तो अब बिना डॉक्यूमेंट्स के भी रिपोर्ट लिख रहे हैं। उनके पास तो कोई इकोनॉमिक्स डिग्री भी नहीं है, फिर भी वो बाजार को टारगेट कर रहे हैं। इनकी रिपोर्ट्स में 80% अनुमान और 20% फैक्ट है। इन्हें भारतीय नियमों के खिलाफ बंद कर देना चाहिए।
Ankit khare
अडानी के बाद कोटक बैंक? ये लोग तो भारत के सबसे बड़े बिजनेस घरानों को एक-एक करके तबाह करने का बेस्ट प्लान बना रहे हैं। इनके पास ना तो ज्ञान है ना इंसाफ। ये तो बस डॉलर कमाने के लिए भारत के नाम पर अपनी बात चला रहे हैं। अगर ये सच हुआ तो भारत के बैंकिंग सिस्टम का अंत हो जाएगा। अब तो हर कोई डर रहा है।
Chirag Yadav
मुझे लगता है कि हमें इस मामले में जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। अडानी के मामले में भी शुरू में सबने हिंदेनबर्ग को गलत बताया, लेकिन बाद में पता चला कि कुछ सच था। अब भी ऐसा हो सकता है। बस थोड़ा इंतजार करें, SEBI की जांच का इंतजार करें। बाजार को शांत रहने दें।
Shakti Fast
हर कोई डर रहा है, लेकिन अगर ये सच है तो भारत के लिए ये एक बड़ा मौका है। हमें अपने बाजार को साफ करना होगा। बुराई को उजागर करना बहुत जरूरी है। इस बार हमें सच जानना होगा, भले ही वो कितना भी दर्दनाक क्यों न हो। 💪❤️