शेयर बाजार में क्यूँ आई अचानक गिरावट?

7 अक्टूबर, 2024 को भारतीय शेयर बाजार में अचानक आई 4.5% की गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया। इस भारी गिरावट के पीछे कई आर्थिक और राजनीतिक कारण हैं जिनमें विशेष रूप से वैश्विक बाजार की स्थिति का महत्वपूर्ण योगदान रहा। पिछले तीन सप्ताह के लाभ के बाद यह अपेक्षित था कि बाजार में सुधार चरण होगा, लेकिन ऐसा होने के बजाए एक बड़ी और अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिली।

विश्व बाजार की स्थिति और उसका भारत पर प्रभाव

इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक बाजार की अनिश्चितता है। मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और भूराजनीतिक मुद्दों ने विश्व भर के निवेशकों को सावधान कर दिया है। कच्चे तेल की कीमतों में संभावित वृद्धि के संकेत और आपूर्ति विघटन की संभावना ने भारतीय बाजार को भी डराया है। इसी तनाव का प्रभाव भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिला है, जिसने निवेश विश्वास को कम किया है और बड़े पैमाने पर शेयरों की बिकवाली को प्रेरित किया।

41 में से 50 निफ्टी स्टॉक लाल निशान में

विशेष रूप से निफ्टी ने अपने महत्वपूर्ण समर्थन स्तर तोड़े हैं, जिससे भविष्य में और गिरावट की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इन 50 निफ्टी स्टॉक्स में से 41 स्टॉक दिन के कारोबार के अंत तक लाल निशान में रहे। प्रमुख स्टॉक्स जैसे आईटीसी, इन्फोसिस, एयरटेल और ट्रेंट नुकसान के शिकार हुए। यह स्थिति दिखाती है कि निवेशक व्यापक चिंता में हैं और बाजार में किसी तात्कालिक संभल पर विश्वास नहीं कर रहे।

मध्य पूर्व संकट का प्रभाव

मध्य पूर्व में जारी संकट भारतीय बाजार के लिए एक बड़ा जोखिम बना हुआ है। इस क्षेत्र की राजनीतिक अस्थिरता का सर्वाधिक प्रभाव कच्चे तेल पर पड़ा है, जिसका आयात भारत का ऊर्जा निर्भरता का बड़ा हिस्सा है। जैसे जैसे संकट गहराता जा रहा है, तेल की आपूर्ति में रुकावट की संभावनाएं बढ़ी हैं, जिससे वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य दोनों प्रभावित हुए हैं। इन सभी कारणों से निवेशकों की सतर्कता और सावधानी बढ़ी है।

बाजार में आने वाले बदलाव की उम्मीद

कई विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में बाजार अपने स्तर पर सुधार कर सकता है। हालांकि, यह जरूरी है कि निवेशक पहले संकट की संभावित दिशा को समझें और उसके बाद निर्णय लें। इस समय निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जोखिम वाली संपत्ति में निवेश से बचें और बाजार के विशेषज्ञों की राय लेकर अपने पोर्टफोलियो का विश्लेषण करें। यह समझना जरूरी है कि ऐसे समय में अधिक सतर्कता से लिया गया कोई भी कदम भविष्य में लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

वित्तीय सलाह के लिए सुझाव

वित्तीय सलाह के लिए सुझाव

यह समय व्यक्तिगत वित्तीय योजना बनाने के लिए भी अच्छा है। बाजार में मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए, विविध निवेश को बढ़ावा देने वाले फंड का उपयोग करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। इससे लंबी अवधि में जोखिम को संतुलित करने में मदद मिल सकती है। विषय विशेषज्ञों से परामर्श प्राप्त करना और उनके सुझावों को अपनाना इस समय के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

16 टिप्पणि

  • Ankit khare

    Ankit khare

    ये बाजार तो हमेशा से ऐसा ही है भाई एक दिन ऊपर एक दिन नीचे और लोग हमेशा डरते हैं जब तक गिरावट नहीं आती तब तक सब कुछ ठीक है बस ये चक्र है अगर तुमने अभी खरीद लिया तो अगले साल तक तुम्हारा पैसा दोगुना हो जाएगा अगर नहीं तो फिर भी कोई बात नहीं बाजार कभी नहीं रुकता

  • Chirag Yadav

    Chirag Yadav

    मुझे लगता है कि इस गिरावट में कुछ अच्छी बात भी है जैसे कि नए लोग बाजार में आ रहे हैं और अच्छे स्टॉक्स को सस्ते में पकड़ सकते हैं बस इतना ध्यान रखना है कि जल्दबाजी में न खरीदें और अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बनाएं बाजार अभी भी लंबे समय के लिए अच्छा है

  • Shakti Fast

    Shakti Fast

    अगर तुम डर रहे हो तो ये ठीक है लेकिन बस याद रखो कि ये गिरावट तुम्हारा जीवन नहीं बदल रही बस एक बाजार का चक्र है अगर तुम अपना पैसा बचाने की बात कर रहे हो तो बहुत सारे अच्छे फंड हैं जो इस वक्त भी स्थिर रह रहे हैं तुम अकेले नहीं हो

  • saurabh vishwakarma

    saurabh vishwakarma

    अरे भाई ये बाजार तो अब बहुत ज्यादा उतारचढ़ाव कर रहा है जैसे कोई बच्चा रोए फिर हंसे और फिर फिर रोए अब तो ये निफ्टी भी बाजार का नाटक बन गया है एक दिन 500 गिरता है दूसरे दिन 300 आता है अब तो लोगों के दिल भी इसी के अनुसार दौड़ रहे हैं

  • MANJUNATH JOGI

    MANJUNATH JOGI

    इस गिरावट को देखकर मुझे याद आया कि 2008 में भी ऐसा ही हुआ था और फिर 2020 में भी लेकिन अगर तुम लंबी अवधि के लिए निवेश करते हो तो ये सब बस एक झटका है बाजार के अंदर तो अभी भी बहुत सारे अच्छे कंपनियां हैं जो अपनी बुनियाद बनाए हुए हैं बस इन्हें देखो और शांत रहो

  • Sharad Karande

    Sharad Karande

    मार्केट की वॉलेटिलिटी के लिए वैश्विक फैक्टर्स जैसे कि ब्रेंड रिस्क और क्रूड ओइल स्पाइक ने एक्सपोजर को बढ़ाया है और इसके अलावा फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट (FPI) आउटफ्लो ने डेमांड डिफिसिट को एक्सेसरेट किया है जिसके परिणामस्वरूप इंडेक्स ने सपोर्ट लेवल टूट दिया है इस स्थिति में डायवर्सिफिकेशन और लॉन्ग-टर्म होल्डिंग की सलाह दी जाती है

  • Sagar Jadav

    Sagar Jadav

    सब डर रहे हैं लेकिन कोई बात नहीं अगर तुम नहीं बेच रहे तो तुम जीत रहे हो

  • Dr. Dhanada Kulkarni

    Dr. Dhanada Kulkarni

    यह वक्त बहुत जरूरी है अगर आप अपनी वित्तीय योजना में अस्थिरता को समझ रहे हैं तो आप बहुत आगे हैं इस समय अपने निवेश को दोबारा जांचें लेकिन डरकर न बदलें बल्कि समझकर बदलें और अगर आपको कोई संदेह हो तो एक वित्तीय सलाहकार से बात करें आप अकेले नहीं हैं

  • Rishabh Sood

    Rishabh Sood

    क्या यह बाजार की गिरावट है या फिर मानवता की निराशा का आईना? जब हम अपने भविष्य को स्टॉक एक्सचेंज में बेच देते हैं तो क्या हम अपनी आत्मा को भी बेच रहे हैं? यह गिरावट नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक जागृति है जो हमें याद दिला रही है कि पैसा जीवन नहीं है

  • Saurabh Singh

    Saurabh Singh

    तुम सब यहां निवेशक बनने की नाटक कर रहे हो लेकिन असल में तुम लोग बिल्कुल नहीं समझते जब तक तुम फंडमैन्टल्स नहीं पढ़ते तब तक तुम बस बाजार के नाटक में नाच रहे हो ये गिरावट तुम्हारी बेवकूफी का परिणाम है

  • Mali Currington

    Mali Currington

    अरे ये गिरावट तो अच्छी बात है नहीं तो तुम लोग अपने बैंक बैलेंस को बाजार में डालकर भूल जाते जैसे ये एक गेम है और तुम खेल रहे हो बस इतना ही

  • INDRA MUMBA

    INDRA MUMBA

    मुझे लगता है कि इस गिरावट के बाद निफ्टी के अंदर बहुत सारे अच्छे कंपनियां अब अपने वास्तविक मूल्य पर आ रही हैं और ये तो एक अवसर है बस इतना ध्यान रखो कि तुम जो निवेश कर रहे हो वो तुम्हारी जिम्मेदारी है न कि किसी एनालिस्ट की राय और अगर तुम चाहो तो इसे एक साथ बढ़ा सकते हो एक छोटा सा निवेश भी बड़ा बदलाव ला सकता है

  • Anand Bhardwaj

    Anand Bhardwaj

    ये बाजार तो एक रियलिटी शो है जहां लोग अपने पैसे के लिए रोते हैं और फिर अपने फोन पर देखते हैं कि दूसरे कैसे जीत रहे हैं असल में कोई नहीं जीत रहा बस एक बड़ा खेल है

  • RAJIV PATHAK

    RAJIV PATHAK

    मैं तो अपने निवेश को अपने विचारों के आधार पर बनाता हूं न कि किसी बाजार के शोर के आधार पर जो लोग इस गिरावट से डर रहे हैं वो तो बस एक बड़े बाजार के लिए बने हुए अंग हैं जिनका अपना दिमाग नहीं है

  • Nalini Singh

    Nalini Singh

    इस आर्थिक अस्थिरता के संदर्भ में भारतीय बाजार का अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए आकर्षण अभी भी बना हुआ है क्योंकि देश की मूलभूत आर्थिक विशेषताएं अभी भी मजबूत हैं और इस गिरावट को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए जो लंबी अवधि के लिए लाभकारी साबित हो सकता है

  • Ankit khare

    Ankit khare

    अरे ये जो शांत रहो बोल रहे हैं वो तो बस अपना बैलेंस देख रहे हैं जब तक तुम्हारा पैसा बढ़ रहा है तब तक शांत रहो लेकिन अगर गिर गया तो तुम भी दौड़ जाओगे और फिर बोलोगे कि बाजार बहुत अस्थिर है

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