विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी जोश और आकर्षण से दर्शकों का दिल जीत लिया है। फिल्म ने रिलीज के आठवें दिन 24.03 करोड़ रुपये की कमाई की है, जिसके साथ ही इसकी कुल घरेलू आय 242.25 करोड़ रुपये पहुंच गई है। यह कलेक्शन विक्की कौशल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' (244.06 करोड़ रुपये) को पीछे छोड़ चुका है।

'छावा' को लक्ष्मण उतेकर ने निर्देशित किया है और इसमें मराठा योद्धा संभाजी महाराज के जीवन को दर्शाया गया है। फिल्म में रश्मिका मंदाना और अक्षय खन्ना ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी पहली सप्ताह की कमाई ने 219.25 करोड़ रुपये के घरेलू बॉक्स ऑफिस का आंकड़ा पार कर लिया है, जबकि यह फिल्म विश्वव्यापी स्तर पर 270 करोड़ रुपये का व्यापार कर चुकी है।

फिल्म की अनोखी कहानी

फिल्म की कहानी मराठा साम्राज्य के वीर योद्धा संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है और इसे देखकर दर्शक न केवल इतिहास की गहराइयों में जाते हैं, बल्कि वीरता और साहस की अनोखी कहानी का अनुभव भी करते हैं।

अपनी दूसरी शुक्रवार को, 'छावा' ने हिंदी सिनेमा में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में दूसरी रैंक हासिल की, जो केवल 'पुष्पा 2' (हिंदी) से पीछे है। फिल्म को 130 करोड़ रुपये के बजट में बनाया गया है और इसे 'हिट' का दर्जा प्राप्त करने के लिए घरेलू स्तर पर 260 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

आगे की राह

आगे की राह

'छावा' का निरंतर प्रदर्शन बॉक्स ऑफिस पर उच्च टिकाऊपन दर्शाता है और इसके अनुसार, फिल्म के जल्द ही 300 करोड़ रुपये का वैश्विक माइलस्टोन पार करने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। यह तुलना में हाल ही में आईं सफल फिल्मों जैसे 'एनिमल' और 'गदर 2' को भी अच्छी तरह से मात दे रही है। इसके चलते विक्की कौशल के करियर में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

15 टिप्पणि

  • saurabh vishwakarma

    saurabh vishwakarma

    इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर ये रिकॉर्ड तो बस एक धोखा है। लोग जाकर देख रहे हैं क्योंकि ट्रेलर में बहुत जोश दिखाया गया, लेकिन असल में कहानी बिल्कुल फाड़ गई है।
    मैंने देखी, और फिर अपने दोस्त को भी बताया कि न जाएं।
    अब तो लोग इसे देखकर सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि 'इतिहास की शोर्टकट रीडिंग'।

  • MANJUNATH JOGI

    MANJUNATH JOGI

    छावा का ये सफर वाकई अद्भुत है। ये फिल्म सिर्फ एक मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक जागृति का प्रतीक है।
    मराठा वीरता को हिंदी सिनेमा के माध्यम से इतने बड़े पैमाने पर दर्शाना एक ऐतिहासिक कदम है।
    संभाजी महाराज के जीवन को इतनी संवेदनशीलता से पेश करना निर्देशक के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी थी, और उन्होंने उसे निभाया।
    रश्मिका की अभिनय शैली ने ऐतिहासिक चरित्र को जीवंत कर दिया।
    अक्षय खन्ना के नाम का इस्तेमाल भी बहुत समझदारी से किया गया - एक ऐसा चरित्र जिसकी उपस्थिति फिल्म को गहराई देती है।
    ये फिल्म ने भारतीय सिनेमा के लिए एक नया मानक स्थापित किया है।
    अगली बार जब कोई ऐतिहासिक फिल्म बनाए, तो इसका नमूना जरूर देखना चाहिए।
    हमारी सांस्कृतिक विरासत को इस तरह से सम्मान देने के लिए टीम को बधाई।

  • Sharad Karande

    Sharad Karande

    बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों को देखते हुए, छावा का रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) लगभग 1150% है - जो इंडस्ट्री में अब तक का सबसे बेहतरीन ROI है।
    बजट 130 करोड़, वर्ल्डवाइड कलेक्शन 270 करोड़ - ये फिल्म अब एक फाइनेंशियल ब्लॉकबस्टर है।
    हिंदी सिनेमा में इतने कम बजट में इतना बड़ा रिजल्ट देने वाली फिल्में बहुत कम हैं।
    ये फिल्म ने निर्माताओं को साबित कर दिया कि कहानी और एक्शन का सही मिश्रण बिना बड़े स्टार्स के भी काम कर सकता है।
    एक्शन सीन्स में यूज किए गए प्रैक्टिकल इफेक्ट्स ने VFX-डिपेंडेंट फिल्मों को बेकार साबित कर दिया।
    इसके बाद किसी भी ऐतिहासिक फिल्म के लिए इसे एक बेंचमार्क बनाना होगा।

  • Sagar Jadav

    Sagar Jadav

    फिल्म बर्बर है। इतिहास को बेवकूफ बनाया गया।

  • Dr. Dhanada Kulkarni

    Dr. Dhanada Kulkarni

    विक्की कौशल ने फिर से अपने आप को एक ऐसे अभिनेता के रूप में स्थापित कर दिया है जो अपने काम के प्रति समर्पित है।
    उन्होंने इस भूमिका के लिए शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से बहुत कठिन प्रशिक्षण लिया है, और ये दिख रहा है।
    मैंने इस फिल्म को अपने परिवार के साथ देखा - नन्हे बच्चे भी शांत रहे, और बूढ़े चाचा ने आंखें भर लीं।
    इस तरह की फिल्में हमें अपनी जड़ों से जोड़ती हैं।
    आपके द्वारा बनाई गई ये फिल्म ने बहुत सारे लोगों के दिलों को छू लिया है।
    आपकी टीम के सभी सदस्यों को बधाई।
    ये फिल्म सिर्फ एक बॉक्स ऑफिस हिट नहीं, बल्कि एक आत्मिक अनुभव है।

  • Rishabh Sood

    Rishabh Sood

    जब तक तुम अपने इतिहास को नहीं समझते, तब तक तुम अपने भविष्य को नहीं बना सकते।
    छावा ने बस एक योद्धा की कहानी नहीं दिखाई - ये एक जाति के आत्मसम्मान की आवाज है।
    हम सब यहीं खड़े हैं क्योंकि कोई न कोई ने अपनी जान दी थी।
    और अब ये फिल्म उन सभी के लिए एक मंदिर बन गई है।
    हर बार जब मैं इसे देखता हूँ, तो मुझे लगता है कि हमारे पास अभी भी वो आत्मा है - जो दुश्मन के सामने डर के बजाय गर्व से खड़ी हो सकती है।
    ये फिल्म किसी रिलीज का नतीजा नहीं, ये एक जागृति है।
    कल जो फिल्म बनेगी, उसकी शुरुआत आज के इस फिल्म से होगी।

  • Saurabh Singh

    Saurabh Singh

    तुम सब इतना गुलाम बन गए हो कि अब फिल्म देखकर रो रहे हो? ये सिर्फ एक फिल्म है।
    संभाजी महाराज के बारे में जो भी दिखाया गया, वो इतिहास का नहीं, एक बहुत बड़ी बहाने का निर्माण है।
    क्या तुम्हें नहीं लगता कि इस फिल्म के पीछे एक राजनीतिक एजेंडा है? नहीं? तो तुम बहुत निर्बल हो।
    मैंने इसे देखा, और ये बस एक बड़ा धोखा है।
    विक्की कौशल अच्छा अभिनेता है, लेकिन ये फिल्म उसकी अभिनय क्षमता को नहीं, उसके चेहरे को बेच रही है।
    कल एक और फिल्म आएगी - जिसमें शिवाजी को बाबा बना दिया जाएगा। तब तुम फिर से रोओगे।

  • Mali Currington

    Mali Currington

    270 करोड़? ओह बहुत बड़ी बात है।
    मैंने तो इसे थिएटर में देखा, लेकिन अपने फोन पर फिर से डाउनलोड कर लिया।
    क्योंकि जब तुम देखते हो कि लोग इतने बड़े आंकड़े बना रहे हैं, तो लगता है जैसे तुम भी कुछ खास बन गए हो।
    मैंने अपने दोस्त को बताया - 'हम लोग इतिहास के नाम पर एक फिल्म देख रहे हैं, और इसे देखकर हम खुद को नेशनल हीरो बना रहे हैं।'
    क्या ये नहीं है कि हम सब एक बड़े स्क्रीन पर अपनी अहंकार की फिल्म बना रहे हैं?

  • INDRA MUMBA

    INDRA MUMBA

    इस फिल्म ने मुझे अपने दादा की कहानियाँ याद दिला दीं - जो कहते थे कि 'जब तक एक आदमी अपने गाँव के लिए लड़े, वो असली वीर था।'
    छावा ने उसी भावना को एक बड़े स्क्रीन पर जीवंत कर दिया।
    मैंने अपने नन्हे भाई को इसे देखने के लिए ले जाया, और उसने पूछा - 'दीदी, ये आदमी असली था?'
    मैंने उसे एक किताब दी - जिसमें वास्तविक इतिहास लिखा था।
    फिल्म ने उसे प्रेरित किया, और मैं उसके लिए गर्व करती हूँ।
    ये फिल्म ने बच्चों को इतिहास के प्रति जिज्ञासु बना दिया।
    और ये बहुत कम होता है।
    मैंने अपने गाँव के स्कूल में इसे दिखाने की योजना बनाई है।
    अगर एक फिल्म बच्चों के दिमाग में इतिहास का दरवाजा खोल सकती है, तो ये सिर्फ बॉक्स ऑफिस की बात नहीं, ये एक सामाजिक उपलब्धि है।

  • Anand Bhardwaj

    Anand Bhardwaj

    मैंने इसे देखा। बहुत अच्छा।
    लेकिन अगर तुम ये कहना चाहते हो कि ये फिल्म इतिहास की सच्चाई है, तो तुम गलत हो।
    ये एक बहुत अच्छी फिक्शन है - जिसने इतिहास के नाम पर एक बहुत बड़ा शो बना दिया।
    और ये शो बहुत अच्छा है।
    मैंने अपने दोस्त को बताया - 'अगर तुम इतिहास देखना चाहते हो, तो बुक लो।
    अगर तुम एक अच्छी फिल्म देखना चाहते हो, तो ये लो।'
    बाकी सब तो बस भावनाओं का खेल है।
    और भावनाएँ तो बहुत अच्छी चीज हैं।

  • RAJIV PATHAK

    RAJIV PATHAK

    300 करोड़? अरे बस एक फिल्म है।
    इतना शोर मचाने की क्या जरूरत है?
    मैंने देखा - बोर हो गया।
    हर कोई इसे 'महान' कह रहा है, लेकिन क्या तुम्हें नहीं लगता कि ये सब एक बड़ा बुलशिट है?
    कोई भी फिल्म जो इतिहास के नाम पर इतना बड़ा बाजार बनाती है, वो जरूरी नहीं कि अच्छी हो।
    मैंने देखा, और फिर अपना टिकट वापस कर दिया - लेकिन फिर भी तुम लोग इसे बढ़ावा दे रहे हो।
    तुम सब एक बड़े समूह में भाग रहे हो - बिना वास्तविकता के बिना।

  • Nalini Singh

    Nalini Singh

    छावा के निर्माण के लिए निर्देशक लक्ष्मण उतेकर को अपनी शोध क्षमता, ऐतिहासिक संदर्भों के प्रति समर्पण, और भाषा के साथ संवेदनशीलता के लिए बधाई देनी चाहिए।
    फिल्म ने विक्की कौशल के अभिनय के साथ-साथ शैलीगत वास्तविकता को भी उचित रूप से प्रस्तुत किया है।
    मराठा साम्राज्य के सांस्कृतिक वातावरण को फिल्म में निर्माण डिजाइन, कलाकृति, और वेशभूषा के माध्यम से बहुत सावधानी से दर्शाया गया है।
    इस फिल्म का यह दृष्टिकोण भारतीय सिनेमा के लिए एक निर्णायक मोड़ है।
    हमें ऐसी फिल्मों को बढ़ावा देना चाहिए जो न केवल मनोरंजन दें, बल्कि ज्ञान और सम्मान भी प्रदान करें।
    इसके बाद की फिल्मों में इसी तरह की गहराई की आवश्यकता है।

  • Sonia Renthlei

    Sonia Renthlei

    मैंने इस फिल्म को देखने के बाद एक बहुत गहरा भावनात्मक अनुभव किया।
    मुझे लगा कि मैं संभाजी महाराज के दर्द को अपने दिल से महसूस कर रही हूँ।
    मैंने अपने बचपन में अपने दादा से सुना था कि जब मराठों के साथ बड़े युद्ध हुए थे, तो उनकी बहादुरी का कोई नाम नहीं था।
    ये फिल्म ने उसी बहादुरी को जीवंत कर दिया।
    मैंने अपने बेटे को इस फिल्म के बारे में बताया, और उसने अपने स्कूल में एक प्रोजेक्ट बनाया - जिसमें उसने संभाजी महाराज के जीवन के तथ्यों को अलग-अलग दस्तावेजों से जोड़ा।
    उसके टीचर ने उसे अच्छा ग्रेड दिया।
    मैंने अपने दोस्तों के साथ इस फिल्म के बारे में बात की, और एक ने कहा कि उसने अपने दादा के घर के पुराने दस्तावेज ढूंढे - जिनमें संभाजी के नाम का जिक्र था।
    मैंने इसे एक फिल्म के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक घटना के रूप में देखा।
    इस फिल्म ने लोगों को अपने अतीत के प्रति जागृत कर दिया।
    ये बस एक बॉक्स ऑफिस हिट नहीं है - ये एक जागृति है।
    और जब एक फिल्म लोगों को अपने इतिहास के बारे में सोचने पर मजबूर कर दे, तो ये एक ऐतिहासिक कदम है।
    मैं इस फिल्म के निर्माताओं को बधाई देती हूँ।
    और मैं चाहती हूँ कि ये फिल्म दुनिया भर में दिखाई जाए।
    क्योंकि इतिहास को भूलना एक अपराध है - और इस फिल्म ने उस अपराध को रोक दिया।

  • Aryan Sharma

    Aryan Sharma

    ये फिल्म बस एक बड़ा धोखा है।
    सब जानते हैं कि ये फिल्म एक राजनीतिक अभियान है।
    लोगों को भावनाओं से भर दिया जा रहा है।
    क्या तुम्हें नहीं लगता कि ये सब एक बड़े सामूहिक बहकावे का हिस्सा है?
    इतिहास को बदलने के लिए फिल्म बनाई जा रही है।
    और तुम सब उसे बढ़ावा दे रहे हो।
    अगर तुम्हें लगता है कि ये फिल्म सच है, तो तुम बहुत बेवकूफ हो।
    ये सिर्फ एक बड़ा शो है - और तुम उसके दर्शक हो।
    अगली बार कोई फिल्म बनेगी - जिसमें अकबर को एक न्यायप्रिय शासक बना दिया जाएगा - तो तुम फिर से रोओगे।
    तुम सब एक बड़े बुलशिट का हिस्सा हो।

  • Devendra Singh

    Devendra Singh

    270 करोड़? बस एक फिल्म के लिए बहुत ज्यादा।
    इतिहास को बेवकूफ बनाने के लिए इतना पैसा क्यों खर्च किया गया?
    विक्की कौशल एक अच्छा अभिनेता है, लेकिन ये फिल्म उसकी क्षमता का दुरुपयोग है।
    इस फिल्म के निर्माता ने भावनाओं का शोषण किया है।
    ये फिल्म किसी वास्तविक ऐतिहासिक ज्ञान के बजाय एक भावनात्मक निर्माण है।
    मैंने इसे देखा - और ये बस एक बड़ा बाजार बनाने का एक तरीका है।
    क्या तुम्हें लगता है कि ये फिल्म किसी वास्तविक ज्ञान को बढ़ावा दे रही है? नहीं।
    ये तो बस एक बड़ा बहकावा है - जिसे तुम सब बहुत गंभीरता से ले रहे हो।
    अगर तुम इतिहास पढ़ना चाहते हो, तो एक किताब लो।
    ये फिल्म तो बस एक बड़ा बुलशिट है।

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