झारखंड सरकार का ऋण अनुरोध: विकास के लिए वित्तीय रणनीति
झारखंड सरकार ने वित्तीय चुनौतियों का सामना करते हुए आरबीआई से 1500 करोड़ रुपये का ऋण अनुरोध किया है। इस ऋण का उद्देश्य राज्य में चल रही विकास योजनाओं के लिए आवश्यक धनराशि जुटाना है। यह ऋण वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (FRBM Act) के अंतर्गत मांगा गया है। ऋण पर 6.92% वार्षिक ब्याज दर होगी और इसे तीन साल के भीतर चुकाना होगा।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने जोर दिया है कि इस तरह के ऋण लेना राज्य का अधिकार है और इसका उद्देश्य केवल वित्तीय संकट से नहीं बल्कि विकास के लक्ष्यों को पूरा करना है। उनकी प्राथमिकता है कि यह राशि राज्य की अधूरी योजनाओं को पूरा करने में मददगार साबित हो।
केंद्र से लंबित दावे: झारखंड की वित्तीय चुनौतियाँ
झारखंड सरकार का दावा है कि केंद्र सरकार से 11,000 करोड़ रुपये की राशि ग्रांट के रूप में बाजार में लंबित है। इसमें विशेष रूप से 6,000 करोड़ रुपये जल जीवन मिशन के लिए शामिल हैं। यह कार्यक्रम 57,000 से अधिक योजनाओं पर असर डालता है जो इस वित्तीय बाध्यता के कारण अधूरी रह गई हैं।
इन परिप्रेक्ष्य में वित्त मंत्री ने हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की, ताकि इस लंबित राशि को मंजूरी दिलाने में तेजी लाई जा सके। राज्य सरकार का मानना है कि केंद्र से यह मंजूरी हासिल करने पर विकास योजनाओं को पूरी गति मिल पाएगी और जनता के हित में कार्य पूर्ण होंगे। वित्तीय प्रबंधन के इस कदम से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की संभावना है।
Anand Bhardwaj
1500 करोड़ का ऋण? अच्छा, अब केंद्र से 11,000 करोड़ की लंबित राशि कब मिलेगी? ये सब बस एक बड़ा नाटक है।
Sonia Renthlei
इस ऋण के बारे में बहुत कम लोग समझते हैं कि ये सिर्फ बजट की कमी की वजह से नहीं, बल्कि दीर्घकालिक विकास के लिए एक जागरूक निर्णय है। झारखंड के गाँवों में पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए जो योजनाएँ अधूरी हैं, उन्हें पूरा करने के लिए ये राशि ज़रूरी है। हम अक्सर ऋण को खराब चीज़ समझ लेते हैं, लेकिन जब ये लक्ष्यों के लिए हो, तो ये एक निवेश है।
RAJIV PATHAK
6.92% ब्याज? अरे भाई, RBI का ब्याज तो अब बाजार में सबसे सस्ता है, और तुम इतना चिल्ला रहे हो? क्या तुम्हारे पास इतना पैसा है कि ब्याज देने के बाद भी बच जाए?
Roshini Kumar
FRBM Act ke under loan lene ka matlab ye nahi ki tumhare paas koi strategic plan nahi hai... bas ek excuse hai... aur haan, 11000 crore ke liye kaise 6000 crore sirf Jal Jeevan Mission ke liye? 😅
UMESH DEVADIGA
सब ठीक है, लेकिन ये ऋण लेने के बाद क्या होगा? क्या आपको पता है कि इसका असर किस पर पड़ेगा? जनता के टैक्स, जनता का दर्द... आप तो बस एक नई योजना लाने का नाटक कर रहे हैं।
Dr. Dhanada Kulkarni
वित्तीय उत्तरदायित्व के साथ विकास का संतुलन बनाना ही एक सच्चे नेतृत्व का लक्षण है। झारखंड की यह रणनीति न केवल आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देती है, बल्कि दीर्घकालिक सामाजिक न्याय के प्रति भी दृढ़ता दर्शाती है। यह एक जिम्मेदार और दूरदर्शी कदम है।
yash killer
केंद्र ने दिया नहीं तो अब RBI से उधार ले रहे हो? ये तो बस एक चाल है जिससे लोगों को भ्रमित किया जा रहा है भाई साहब
Ankit khare
11000 crore लंबित है और अब 1500 crore लेने की जरूरत? ये तो बस एक बड़ा बकवास है जिसमें आप अपनी अक्षमता को छुपा रहे हैं भाई
Aryan Sharma
क्या तुम्हें पता है कि ये ऋण लेने के बाद तुम्हारे बच्चों को 30 साल तक ब्याज देना पड़ेगा? ये सब तो बस तुम्हारी नींद के लिए है जबकि हम भूखे रह रहे हैं!
Siddhesh Salgaonkar
RBI se loan lekar kya hoga? 😒 11,000 cr ke liye koi reply nahi aaya aur ab 1500 cr ki koshish? Bro, yeh sab kuchh bhi nahi hai... 😭 #JharkhandProblems
Nalini Singh
इस ऋण के पीछे की रणनीति को समझने के लिए हमें झारखंड के जनजातीय समुदायों की आर्थिक स्थिति, उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को देखना होगा। यह एक आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि एक सामाजिक दायित्व है।
Arjun Singh
FRBM Act ke under loan lene ka matlab ye hai ki tumhare paas koi real revenue stream nahi hai... bas fiscal gimmick. ये तो बस एक लंबा नाटक है।
Devendra Singh
1500 करोड़? ये तो बस एक टिकट है जिससे तुम अपनी बेकारी को छुपाने की कोशिश कर रहे हो। जब तक केंद्र से लंबित राशि नहीं मिलेगी, तब तक ये सब बकवास है।