वित्तीय बजट 2025 पर विशेष रूप से चर्चा

वित्तीय बजट 2025 का उद्घाटन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रमुख सुधारों और विकास की योजनाओं की घोषणा के साथ किया। उनकी इस घोषणा के साथ ही भारतीय शेयर बाजार में हलचल मच गयी। सेंसेक्स और निफ्टी ने प्रारंभिक व्यापारिक अवधि में तेजी दिखायी। इस बार के बजट में महिला, युवा, किसान और गरीबों पर विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने विकास की इस दिशा में कई प्रमुख घोषणाएँ की, जिसके कारण ही शुरुवाती घंटों में सेंसेक्स 0.33 प्रतिशत या 260 अंकों की बढ़त के साथ 77,760 पर पहुंच गया। ये प्रतिक्रियाएँ उम्मीद के मुताबिक थीं क्योंकि निवेशक बजट में आर्थिक उत्थान की उम्मीद पाले हुए थे।

कृषि और किसान सुधारों पर जोर

बजट में कृषिक्षेत्र में सुधार के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की गई। प्रधानमंत्री धान धान्य कृषियोजना के अंतर्गत 100 जिलों का आच्छादन होगा, जिसमें खेती की विविधता और सिंचाई में सुधार जैसे सुधार शामिल हैं। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा और उन्हें लम्बे और छोटे अवधि के ऋणों की सुविधा मिलेगी। कृषिक्षेत्र में ये सुधार न केवल खेती की उन्नति के लिए उपयोगी होंगे, बल्कि ग्राम विकास की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होंगे।

व्यापक बाजार की प्रतिक्रिया

बाजट की घोषणाओं ने व्यापक बाजारों में भी सकारात्मक प्रभाव डाला। मिड-स्माल कैप इंडेक्सेज़ ने क्रमशः 0.5 और 0.9 प्रतिशत की बढ़त दिखाई, जो पिछले पांच दिनों से लगातार वृद्धि दर्शाती है। सेंसेक्स 296.11 अंकों या 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77,796.68 पर जबकि निफ्टी 87.65 अंकों या 0.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,596.05 पर ट्रेंड कर रहा था। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि बजट का असर शेयर बाजार पर कम समय के लिए होगा, जबकि लंबी अवधि में विकास और आय की वसूली बाजार की दिशा निर्धारित करेगी।

आयकर में सुधार की उम्मीद

Geojit Financial Services के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि बजट से आयकर में कटौती की बड़ी उम्मीद थी जिससे मध्यवर्ग को राहत मिल सके और खपत को बढ़ावा मिले। हालाँकि, इस संबंध में कितनी राहत दी गई, यह देखने की बात होगी। बाजार के अधिकांश विशेषज्ञों का मानना था कि बजट की कई घोषणाओं के बावजूद भी आयकर में विशेष सुधार नहीं दिखा।

आर्थिक सर्वेक्षण और US बाजार की प्रवृत्तियाँ

आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने ये उजागर किया कि भारतीय शेयर बाजार का अमेरिकी बाजारों के आंदोलनों के साथ मजबूत संबंध है। यह दर्शाता है कि अमेरिकी बाजारों में किसी भी गलतीयुक्त सुधार का भारतीय बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर हाल के समय में जब युवा और नए खुदरा निवेशक अधिक संख्या में भाग ले रहे हैं।

दिन के अंत में व्यापारिक सत्र समाप्ति के साथ, सेंसेक्स मामूली प्राप्ति के साथ 5.39 अंक या 0.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77,505.96 पर आकर समाप्त हुआ। दिनभर में इसकी उंच नीच 892.58 अंक थी, जो बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति को दर्शाती है। साथ ही, आर्थिक प्रगति और निवेशकों की प्रतिक्रिया ये दिखाती है कि बजट घोषणाओं का व्यापक प्रभाव होगा, लेकिन उनकी सटीक दिशा का अनुमान लगाने में अभी समय लगेगा।

अर्जुन चौधरी

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।
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