26/11 मुंबई आतंकी हमला: एक नजर

26 नवंबर 2008 की रात, जब पूरा भारत अपने दैनिक जीवन की खुमारी में था, मुंबई में खौफनाक घटनाओं के घटित होने की शुरुआत हो रही थी। दस आतंकवादी, जो पाकिस्तान से समुद्री मार्ग के जरिए आए थे, मुंबई के विभिन्न स्थानों पर हमले करने लगे थे। इनमें ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे, मुम्बई चबाड हाउस, नरीमन हाउस, कामा अस्पताल और मेट्रो सिनेमा जैसे स्थान शामिल थे। इन हमलों में कम से कम 174 लोग मारे गए जिसमें 20 सुरक्षा बल के जवान और 26 विदेशी नागरिक शामिल थे। इस ह्रदयविदारक घटना ने न केवल मुंबई बल्कि पूरे भारत को हिला कर रख दिया था।

सचिन तेंदुलकर का श्रद्धांजलि संदेश

सचिन तेंदुलकर, जिनकी पहचान केवल क्रिकेट जगत तक सीमित नहीं है, उन्होंने अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक संदेश के जरिए 26/11 के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा, "26/11 एक दिन जिसने हमारे आत्मबल को कसौटी पर रखा, लेकिन उसे कभी तोड़ा नहीं। हमारे नायकों के साहस और प्रत्येक मुंबईकर की सहनशीलता हमें हमेशा यह याद दिलाएंगी कि हम एक राष्ट्र के रूप में कितना खूब मजबूत हैं। हम याद करते हैं, हम सम्मान करते हैं, हम एकजुट खड़े हैं।"

तेंदुलकर की इस श्रद्धांजलि ने एक बार फिर इस बात को उजागर किया कि कैसे संघर्ष की घड़ी में एकजुटता और साहस ही समाज की असली संपदा होती है। उनके इस भावनात्मक संदेश ने लोगों के दिलों में बसे उन खौफनाक दिनों की याद फिर से ताजा कर दी।

राष्ट्र के अन्य नेता और विख्यात व्यक्तियों का योगदान

26/11 की बरसी पर केवल सचिन तेंदुलकर ही नहीं, बल्कि देश के और भी कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साहसी सुरक्षा कर्मियों को सलामी दी जिन्होंने लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद को मानव सभ्यता पर कलंक बताते हुए भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति की सराहना की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार तथा राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने भी मुंबई के शहीदी स्मारक पर फूल चढ़ा कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

इन नेताओं की श्रद्धांजलि इस बात का प्रमाण है कि देश अपनी सुरक्षा के लिए शहीद हुए सभी जवानों की कद्र करता है और हमेशा उनके अद्वितीय बलिदानों को याद रखता है।

मुंबई हमला: देश को एकजुट करता संघर्ष

मुंबई हमला: देश को एकजुट करता संघर्ष

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई पर हुए इस आतंकवादी हमले ने देश भर में सुरक्षा संबंधित सवाल खड़े कर दिए थे। इस घटना ने यह भी दिखाया कि भारतीय पुलिस और सुरक्षा बल कितने सक्षम और जिम्मेदार हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में सबसे बेहतर प्रयास किया। इस संघर्ष के पल-पल ने यह साबित कर दिया कि चाहे जितनी भी मुश्किलें क्यों न हो, देश और इसके नागरिक हर मुश्किल का सामना करने के लिए तत्पर रहते हैं।

यह हमला एक तरह से पूरे देश की धीरज और साहस की परख था। लेकिन यही वह घटना भी थी जिसने सभी भारतीयों को साथ लाकर एकजुट किया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया। इस घटना ने भारत को यह सिखाया कि हम अपनी सुरक्षा के प्रति कितने जागरूक और जिम्मेदार हैं, और कैसे हम किसी भी संकट का सामना आपसी सहयोग और साहस के साथ कर सकते हैं।

आज, जब देश और इसकी नागरिक सुरक्षा पर सवाल उठते हैं, 26/11 की घटना हमें याद दिलाती है कि चाहे जो हो, हम भारतीयों में वह ताकत है जो हमें हर मुश्किल का सामना करने की हिम्मत देती है।

अर्जुन चौधरी

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।
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