दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) इन दिनों जबर्दस्त वायु प्रदूषण के संकट से जूझ रहे हैं। शहर की वायु गुणवत्ता बहुत खराब होती जा रही है, जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा दिया है, और अब यह 'गंभीर प्लस' श्रेणी में आ चुका है। आसमान में छाए धुंध और प्रदूषण ने मौसम को इतना खराब कर दिया है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।
एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग में उछाल
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग में भारी उछाल देखा जा रहा है। राजौरी गार्डन और गाजियाबाद जैसे प्रमुख बाजारों में प्यूरीफायर की बिक्री में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। बढ़ते प्रदूषण के चलते मास्क, विशेषकर N95 मास्क की बिक्री में भी उल्लेखनीय बढ़त हुई है, जो कि समय की जरूरत बन गई है।
विशेषज्ञ लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वे सुबह-सुबह बाहरी गतिविधियों, जैसे कि सैर इत्यादि को टालें और घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग अवश्य करें। खांसी, गले के संक्रमण, आंखों में जलन और नाक से पानी आने जैसी समस्याएं आम हो गई हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सरकारी कदम और चेतावनियाँ
वायु प्रदूषण की बढ़ती हुई समस्याओं के बावजूद, अभी तक ग्रास्प (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के स्टेज III को लागू नहीं किया गया है, जो कि प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का प्रावधान करता है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण को वायु प्रदूषण पर एक कार्रवाई रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें दिल्ली के 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट को लेकर विशेष प्रबंधन उपायों का जिक्र है। इसके बावजूद, शहर की स्थिति में अभी सुधार की गुंजाइश है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि PM2.5 का स्तर कई स्थानों पर सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना ज्यादा बढ़ गया है। यह वायुमंडल के लिए एक संकटपूर्ण संकेत है और इसे तुरंत नियंत्रित करना अति आवश्यक हो गया है।
उद्योग पर प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ
एयर प्यूरीफायर उद्योग में इस स्थिति के चलते अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। निर्माताओं जैसे कि Kent RO Systems, Xiaomi और LG Electronics India ने बिक्री में एक महत्वपूर्ण उछाल दर्ज किया है, जिसमें कुछ ने त्यौहारों के मौसम में 50% वृद्धि देखी है। जलवायु परिस्थिति में सुधार होने तक एयर प्यूरीफायर की मांग लगातार बनी रहेगी।
यह स्थिति सिर्फ एक चेतावनी नहीं है, बल्कि यह स्पष्ट संकेत भी है कि हमें अपने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है। अगर प्रदूषण से निपटने के लिए उचित नीतियाँ नहीं बनाई गईं, तो आने वाले दिनों में हमें और भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।