19 मिनट 34 सेकंड का एक अश्लील वीडियो, जिसमें एक युवा भारतीय जोड़े को अनुपयुक्त स्थिति में दिखाया गया है, ने इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भयानक गलत सूचनाओं की लहर भर दी। दावा किया जा रहा था कि इस वीडियो के कारण एक युवती ने 3 दिसंबर, 2025 को आत्महत्या कर ली। वायरल वीडियो और आत्महत्या के वीडियो के बीच कोई संबंध नहीं है — यह सच्चाई जांच टीमों और पुलिस ने स्पष्ट कर दी। लेकिन इंटरनेट पर एक झूठी कहानी इतनी तेजी से फैल गई कि एक बेगुनाह युवती की जिंदगी बर्बाद हो गई।

झूठ की शुरुआत: एक मृत शरीर और एक अश्लील वीडियो

जब वीडियो इंस्टाग्राम रील्स पर वायरल हुआ, तो एक अलग वीडियो भी फैलने लगा — जिसमें एक महिला का शव जमीन पर पड़ा था, और उसके आसपास पुलिस और भीड़ थी। इस वीडियो के साथ एक आवाज़ थी: 'आपने ये दोनों वीडियो जरूर देखे होंगे... स्रोतों के मुताबिक, यह लड़की अब हमारे बीच नहीं है।' इस आवाज़ ने दर्शकों को यह भ्रम दिया कि दोनों वीडियो एक ही घटना के हिस्से हैं। लेकिन जांच में पता चला कि दोनों वीडियो में दिखने वाली महिलाएं अलग-अलग हैं। पहला वीडियो एक निजी संबंध का हिस्सा था, दूसरा एक अलग त्रासदी का परिणाम।

स्वीट जन्नत: एक बेगुनाह इंफ्लुएंसर की लड़ाई

इस झूठ का सबसे दर्दनाक परिणाम था — स्वीट जन्नत, मेघालय की एक युवा इंफ्लुएंसर, जिसे वायरल वीडियो में दिखने वाली महिला बताया जाने लगा। उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर हजारों टिप्पणियां आने लगीं — कुछ ने उसे अश्लील बुलाया, कुछ ने उसके घर का पता मांगा, कुछ ने उसे धमकियां दीं। दर्द में उसने 3 दिसंबर, 2025 को एक वीडियो पोस्ट किया: 'कहीं से भी ये मेरी तरह लग रही है? कमेंट में बताओ, नहीं ना?' उसकी आवाज़ में आंसू थे, लेकिन उसकी बात सुनने वाले बहुत कम थे। लोग झूठ को वायरल करने में ज्यादा व्यस्त थे।

कानूनी जाल: वीडियो शेयर करना जेल की सजा है

भारतीय कानून इस तरह के अश्लील सामग्री के वितरण के खिलाफ बहुत कठोर है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत, ऐसी सामग्री शेयर करने पर तीन साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। अगर वीडियो में यौन स्पष्टता हो, तो धारा 67A के तहत यह सजा बढ़कर पांच साल और 10 लाख रुपये का जुर्माना हो जाती है। दोहराव पर सजा सात साल तक हो सकती है। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 292, 293 और 354C के तहत भी इसे अपराध माना जाता है — जिसमें अश्लील वस्तुओं का विक्रय, युवाओं को देना और गुप्त देखना शामिल है।

इसके बावजूद, एक काला बाजार तैयार हो गया। कुछ यूजर्स ने इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर वीडियो की खरीद-बिक्री की पेशकश की — 500 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक के भुगतान के बदले। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल ने चेतावनी जारी की: 'अश्लील सामग्री शेयर करना भारत में अवैध है। यह आपको जेल और जुर्माने की सजा दिला सकता है।'

AI और डीपफेक्स: झूठ का नया हथियार

यह सिर्फ एक वायरल वीडियो नहीं था — यह एक अभियान था। वायरल होने के तुरंत बाद, कई AI-जनरेटेड वीडियो और तस्वीरें फैलने लगीं, जिन्हें 'असली वीडियो के नए पार्ट्स' बताया जा रहा था। फ्री प्रेस जर्नल ने 3 दिसंबर को रिपोर्ट किया कि 'कई AI-जनरेटेड क्लिप्स इंस्टाग्राम और ट्विटर पर चल रही हैं, जिन्हें असली वीडियो का अपडेट बताया जा रहा है।' यह एक बड़े झूठ का हिस्सा था — जिसकी शुरुआत 2025 की शुरुआत में 'Babydoll Archi' नाम के एक AI-जनरेटेड इंफ्लुएंसर अकाउंट से हुई थी, जिसने 1.4 मिलियन फॉलोअर्स जमा किए थे और फिर खुलासा हुआ कि वह एक कंप्यूटर प्रोग्राम थी।

इस बार भी ऐसा ही हुआ। लोगों को वीडियो के 'अगले पार्ट्स' की उम्मीद थी। और AI ने उस उम्मीद को बेकार का अश्लील वीडियो बनाकर पूरा कर दिया। एक बार जब आप एक झूठ को वायरल कर देते हैं, तो उसे रोकना लगभग असंभव हो जाता है।

परिणाम: अपराध नहीं, बल्कि अपराधी बन जाते हैं

इस घटना का सबसे बड़ा दर्द यह है कि जिन लोगों ने वीडियो शेयर नहीं किया, उन्हें भी नुकसान हुआ। भारत भर की कई महिलाओं के सोशल मीडिया प्रोफाइल पर अश्लील टिप्पणियां आने लगीं। कुछ लोगों ने उनके नाम और फोटो लगाकर लिखा: 'यही वो लड़की है।' एक छात्रा को उसके कॉलेज से निकाल दिया गया। एक माँ ने अपनी बेटी को स्कूल से निकाल लिया। एक बार जब आप एक व्यक्ति को 'वायरल वीडियो की लड़की' बना देते हैं, तो उसकी पहचान बर्बाद हो जाती है — चाहे वह वास्तव में उस वीडियो में हो या न हो।

अगला कदम: क्या होगा अब?

भारतीय साइबर पुलिस ने कई अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है, लेकिन नए अकाउंट्स तुरंत बन जाते हैं। इंस्टाग्राम ने वीडियो हटा दिया है, लेकिन डाउनलोड कर लिए गए कॉपीज अभी भी टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर चल रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अब न केवल वीडियो को रोकना होगा, बल्कि उसके आधार पर बने झूठे कथनों को भी रोकना होगा। डिजिटल साक्षरता की जरूरत अब बच्चों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या वायरल वीडियो में दिखने वाली महिला स्वीट जन्नत है?

नहीं, वह नहीं है। स्वीट जन्नत ने खुद एक वीडियो जारी करके स्पष्ट किया कि वह वीडियो में नहीं है। फैक्ट-चेकिंग टीमों ने चेहरे के विश्लेषण और बैकग्राउंड की जांच करके यह साबित किया है कि दोनों अलग व्यक्ति हैं। फिर भी, अंधविश्वास और भावनात्मक प्रतिक्रिया के कारण गलत नाम लगाने की आदत जारी है।

क्या वायरल वीडियो के साथ आत्महत्या का संबंध है?

नहीं, कोई संबंध नहीं है। आत्महत्या का वीडियो एक अलग घटना है, जिसकी जांच अभी चल रही है। वीडियो में आवाज़ ने जानबूझकर दर्शकों को भ्रमित किया है। न्यूज़18 और जीज़ न्यूज़ ने इसे झूठा साबित कर दिया है। इस तरह के झूठे दावे अक्सर वीडियो की वायरलता को बढ़ाने के लिए बनाए जाते हैं।

वीडियो शेयर करने पर क्या दंड हो सकता है?

भारतीय कानून के अनुसार, वीडियो शेयर करने पर पहली बार तीन साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। यदि वीडियो में यौन स्पष्टता है, तो सजा बढ़कर पांच साल और 10 लाख रुपये हो सकती है। दोहराव पर सात साल तक की जेल की संभावना है। यह तब भी लागू होता है जब आप वीडियो को 'बस देखने के लिए' शेयर करते हैं।

AI और डीपफेक्स कैसे इस झूठ को बढ़ावा दे रहे हैं?

AI ने वायरल वीडियो के आधार पर नए वीडियो बनाए, जिन्हें 'असली वीडियो के नए पार्ट्स' बताया जा रहा है। ये वीडियो इतने वास्तविक लगते हैं कि लोग उन्हें असली मान लेते हैं। यह उसी तरह हुआ था जब 'Babydoll Archi' नाम का AI इंफ्लुएंसर 1.4 मिलियन फॉलोअर्स जमा कर गया। अब लोग देखने लगे हैं कि जो भी वीडियो वायरल हो, उसका एक 'अगला भाग' भी होना चाहिए — और AI उस आशा को भर रहा है।

हम इस तरह के झूठों को कैसे रोक सकते हैं?

सबसे पहले, वीडियो शेयर न करें — चाहे वह कितना भी रोमांचक क्यों न लगे। दूसरा, फैक्ट-चेक करें — जीज़ न्यूज़, न्यूज़18, या डिजिटल फैक्ट चेकर्स की वेबसाइट देखें। तीसरा, अगर कोई अज्ञात व्यक्ति किसी को गलत तरीके से नाम दे रहा है, तो उसे रिपोर्ट करें। अंत में, अपने बच्चों को डिजिटल जिम्मेदारी सिखाएं — वीडियो देखना अपराध नहीं, लेकिन शेयर करना है।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।