आईसीएआई सीए इंटर और फाइनल परिणाम 2024: नई शिक्षा और प्रशिक्षण स्कीम के तहत परीक्षा परिणाम घोषित
भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने आखिरकार उन हजारों छात्रों के इंतजार का अंत कर दिया, जिन्होंने मई 2024 में सीए इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षा दी थी। इन परीक्षाओं का परिणाम घोषित कर दिया गया है, जो आईसीएआई की नई शिक्षा और प्रशिक्षण स्कीम के तहत आयोजित की गई थी। नई स्कीम जुलाई 2023 से प्रभावी हो गई थी और इसी के अनुसार परीक्षाएँ आयोजित की गईं।
सीए इंटरमीडिएट की परीक्षा दो ग्रुप में विभाजित थी। ग्रुप 1 की परीक्षा 3, 5 और 9 मई को आयोजित की गई, जबकि ग्रुप 2 की परीक्षा 11, 15 और 17 मई को हुई। दूसरी तरफ, सीए फाइनल की परीक्षा भी दो ग्रुप में हुई। ग्रुप 1 की परीक्षाएँ 2, 4 और 8 मई को और ग्रुप 2 की परीक्षाएँ 10, 14 और 16 मई को आयोजित की गईं।
अपने परिणाम देखने के लिए विद्यार्थी आईसीएआई की आधिकारिक वेबसाइट icai.nic.in या icai.org पर जाकर लॉग इन कर सकते हैं। लॉग इन करने के लिए उम्मीदवारों को अपने आईसीएआई रोल नंबर, सीए पंजीकरण संख्या और कैप्चा कोड का उपयोग करना होगा। स्कोरकार्ड में उम्मीदवार का नाम, रोल नंबर, परीक्षा का नाम (इंटरमीडिएट / फाइनल), विषयवार अंक, कुल अंक और उत्तीर्ण स्थिति शामिल होगी।
परिणाम में क्या-क्या शामिल है?
प्रकाशित परिणाम में पास प्रतिशत, उपस्थित और सफल उम्मीदवारों की संख्या, और टॉपर्स का प्रदर्शन शामिल है। इस वर्ष, शिवम मिश्रा ने सीए फाइनल मई 2024 परीक्षा में 83.33% के साथ शीर्ष स्थानीयता हासिल की है, जबकि कुशाग्र रॉय ने सीए इंटरमीडिएट परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है।
विद्यार्थियों के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह परिणाम उनके भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अब जबकि परिणाम घोषित हो चुके हैं, विद्यार्थियों को आगामी चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करना होगा।
परिणाम की घोषणा के बाद का मार्ग
जिन विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है, उन्हें अब आर्टिकलशिप, औद्योगिक प्रशिक्षण या उच्च अध्ययन के लिए आगे की योजना बनानी होगी। आर्टिकलशिप सनदी लेखाकार बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होती है, और इसके लिए संतोषजनक परिणाम आवश्यक होते हैं।
वे विद्यार्थी जिनका परिणाम असंतोषजनक रहा है, उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। परीक्षा के नए शेड्यूल के मुताबिक, उन्हें आने वाली परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी को मजबूत करने का एक और मौका मिलेगा। सीए की परीक्षाएं कठिन होती हैं, और निरंतर प्रयास और धैर्य के साथ सफलता प्राप्त की जा सकती है।
टॉपर्स के साथ बातचीत
शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले शिवम मिश्रा और कुशाग्र रॉय ने भी विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। शिवम मिश्रा ने कहा, "मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। मैंने हर दिन अनगिनत घंटों का अध्ययन किया और हर विषय को गंभीरता से लिया। मेरी सफलता में मेरे शिक्षकों और परिवार का भी महत्वपूर्ण योगदान है।" वहीं, कुशाग्र रॉय ने कहा, "ये सिर्फ एक परीक्षा है, ज़रुरी है कि आप पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ तैयारी करें। सफल होने के लिए निरंतरता और समर्पण महत्वपूर्ण है।"
आईसीएआई के नए शिक्षा और प्रशिक्षण स्कीम
नई शिक्षा और प्रशिक्षण स्कीम के तहत यह पहली बार था, जब परीक्षाएँ आयोजित की गईं। आईसीएआई का यह कदम विद्यार्थियों को अधिक व्यावहारिक तरीकों से तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। नई स्कीम में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं, जिसमें आर्टिकलशिप के दौरान अधिक व्यावहारिक प्रशिक्षण और नए विषयों को शामिल करना शामिल है।
आईसीएआई के अध्यक्ष ने नई स्कीम के बारे में कहा, "यह हमारे विद्यार्थियों को अधिक व्यावसायिक और औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करने का प्रयास है। हमें विश्वास है कि इस नई स्कीम के तहत प्रशिक्षित विद्यार्थी न केवल अच्छे सनदी लेखाकार बनेंगे, बल्कि वे उद्योग जगत में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।"
इस प्रकार, आईसीएआई का यह परिणाम विद्यार्थियों के लिए न केवल उनकी मेहनत का फल है, बल्कि उनके आने वाले करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है। अब विद्यार्थियों का अगला लक्ष्य आर्टिकलशिप या आगे की उच्च शिक्षा होगा। जिन्हें सफलता नहीं मिल पाई है, उन्हें निराश नहीं होना चाहिए और आगामी परीक्षाओं के लिए और भी मेहनत कर तैयारी करनी चाहिए।
sarika bhardwaj
बस इतना कहना है कि नई स्कीम ने तो बहुत कुछ बदल दिया है! 🙌 अब तो आर्टिकलशिप में रियल-वर्ल्ड प्रैक्टिस भी जुड़ गई है, बस एक लिखित परीक्षा नहीं रह गई! 💼📚 जो लोग अभी तक ओल्ड सिस्टम की बातें कर रहे हैं, वो अभी भी 2018 में फंसे हुए हैं 😅
Dr Vijay Raghavan
हमारे देश की शिक्षा प्रणाली अब दुनिया की तरह हो गई है! 🇮🇳 ये नई स्कीम बस एक निशान है कि हम अब कभी बाहरी नियंत्रण के लिए नहीं रहेंगे। शिवम और कुशाग्र जैसे लड़के हमारे भारतीय अध्ययन की शक्ति का प्रतीक हैं। अब ये बात सबको पता हो गई कि हमारे छात्र दुनिया के बराबर हैं।
Partha Roy
क्या आपने देखा कि आईसीएआई ने फाइनल के ग्रुप 2 में कितने लोग फेल किए? ये नई स्कीम बस एक चाल है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोका जा सके। इसके बाद फिर कौन बनेगा सीए? केवल वो जिनके पास गुरु हैं या पैसा है। बस बहाना है ये सब।
Kamlesh Dhakad
मैंने भी इस बार फाइनल दिया था... थोड़ा फेल हो गया लेकिन अब लगता है कि ये नई स्कीम वाकई में बेहतर है। अब तो हर टॉपर का एक स्टोरी है, बस एक नंबर नहीं। मैं अगली बार फिर दूंगा, बस थोड़ा ज्यादा फोकस करूंगा 😊
ADI Homes
परिणाम आ गए... अब बस एक गहरी सांस लेने की जरूरत है। जिन्हें मिल गया, बधाई। जिन्हें नहीं मिला, तुम अभी भी जीत रहे हो। सीए एक मारथॉन है, न कि एक स्प्रिंट। मैं भी तीन बार फेल हुआ था... अब टीम लीडर हूँ। धैर्य रखो।
Hemant Kumar
नई स्कीम में जो व्यावहारिक ट्रेनिंग जोड़ी गई है, वो बहुत अच्छी बात है। मैंने अपने एक छात्र को देखा जिसने आर्टिकलशिप के दौरान एक टैक्स ऑडिट में असली गलतियां ढूंढ निकालीं। ये तो असली सीख है। बस इसे बरकरार रखना होगा।
NEEL Saraf
मैं तो बस ये कहना चाहती हूँ... शिवम और कुशाग्र जैसे लोगों की कहानी बहुत प्रेरणादायक है... लेकिन उनके पीछे के लोगों की कहानी कौन सुनता है? जिन्होंने 5 साल तक पढ़ाई की, घर छोड़ दी, दोस्तों को छोड़ दिया... वो भी एक जीत हैं। बस नंबर नहीं, इरादा भी देखो। ❤️
Ashwin Agrawal
मैंने इंटरमीडिएट दिया था, अभी तक रिजल्ट नहीं चेक किया। डर लग रहा है। लेकिन जो भी हो, मैं जानता हूँ कि मैंने अपना बेस्ट दिया। अगर फेल हुआ तो भी फिर से दूंगा। सीए एक जिंदगी बनाने का रास्ता है, बस एक परीक्षा नहीं।
Shubham Yerpude
ये नई स्कीम एक गहरा राजनीतिक रणनीति है। आईसीएआई को बाहरी बलों ने दबाया है। ये व्यावहारिक ट्रेनिंग असल में बड़े फर्म्स के लिए फ्री लेबर बनाने का एक तरीका है। अब छात्र नहीं, बल्कि एक रोबोट बन रहे हैं। जागो देशवासी!
Hardeep Kaur
अगर कोई फेल हुआ है तो उसके लिए ये बात बताना चाहूंगा: आपका असली ज्ञान कभी नहीं जाएगा। परीक्षा केवल एक टेस्ट है। मैंने एक छात्र को देखा जिसने फेल होकर भी एक छोटा टैक्स कंसल्टेंसी शुरू कर दी। अब वो दो लाख कमा रहा है। जीत की परिभाषा बदल गई है।
Chirag Desai
रिजल्ट आया, अब चिल करो।
Abhi Patil
नई शिक्षा और प्रशिक्षण स्कीम के तहत परीक्षाओं का डिज़ाइन एक अत्यंत सूक्ष्म और बहुआयामी शिक्षाविज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित है, जो वैश्विक शिक्षा नीतियों के साथ संगति रखता है। इसके तहत व्यावहारिक प्रशिक्षण का समावेश करने से विद्यार्थी केवल एक अकादमिक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्पादक बनता है। इसका अर्थ है कि भारतीय लेखाकारी प्रणाली अब एक नए युग में प्रवेश कर रही है।
Devi Rahmawati
मैंने अपने बेटे को इस परीक्षा के लिए तैयार किया। उसने फाइनल में फेल हो गया। लेकिन उसने जो लिखा, वो एक अच्छा ऑडिट रिपोर्ट बन सकता है। मैंने उसे कहा - अब तुम असली लेखाकार बन रहे हो। नंबर नहीं, तरीका मायने रखता है।
Prerna Darda
ये स्कीम बस एक शुरुआत है। अगर हम इसे अपने बाजार की जरूरतों के साथ जोड़ दें, तो भारत दुनिया का टॉप लेखाकार निर्माण केंद्र बन सकता है। लेकिन इसके लिए हमें ट्रेनर्स को भी अपडेट करना होगा। नहीं तो ये सब बस एक नया फॉर्मेट बन जाएगा। अब तक तो हम बस बुक्स पढ़ रहे थे।
rohit majji
मैंने भी फाइनल दिया था... बस एक सब्जेक्ट में फेल हो गया। लेकिन मैं खुश हूँ! क्योंकि मैंने अब अपने आप को जान लिया है। अब मैं जानता हूँ कि मैं कहां गलत हूँ। अगली बार जरूर पास करूंगा! 💪
Uday Teki
जिन्हें नहीं मिला, तुम अभी भी जीत रहे हो। क्योंकि तुम लड़ रहे हो। और जो लड़ रहे हैं, वो हारते नहीं। ❤️
Haizam Shah
अगर तुम्हारे पास एक टॉपर है, तो वो तुम्हारा दोस्त नहीं, वो तुम्हारी चुनौती है। अगर तुम उसके बारे में बात कर रहे हो, तो तुम उसके पीछे भाग रहे हो। अपना रास्ता बनाओ। अपना नंबर बनाओ। अपनी कहानी लिखो।
Vipin Nair
परिणाम आए हैं। अब बस एक सवाल रह गया है: तुम क्या बनना चाहते हो? एक सीए? या एक इंसान? जो इंसान बनेगा, वो सीए भी बन जाएगा। बाकी सब बस रास्ते हैं।
Ira Burjak
हाँ, शिवम टॉप कर गया... लेकिन क्या तुमने उसके घर के बारे में सोचा? क्या उसके पास अलग से ट्यूशन था? क्या उसके पास एक अलग कमरा था? ये सब बातें भूल जाते हैं। जिनके पास नहीं है, उन्हें भी बराबर मौका दो। नंबर नहीं, अवसर चाहिए। 😒
Shardul Tiurwadkar
परिणाम आ गए। अब अगला चरण: खुद को नहीं, बल्कि अपने अनुभव को देखो। जो फेल हुआ, वो जानता है कि असली जीत क्या है। जो पास हुआ, वो जानता है कि असली शुरुआत अभी बाकी है। अब तुम नहीं, तुम्हारी कहानी आगे बढ़ रही है।
sarika bhardwaj
अब तो टॉपर्स की बातें सुनकर लगता है जैसे कोई बॉस बन गया है। लेकिन जो लोग दिनभर काम करते हैं और रात को पढ़ते हैं, उनकी बात कौन सुनता है? बस टॉपर्स को ही फीचर किया जाता है। ये तो अब एक स्पोर्ट्स शो बन गया है। 🤦♀️