जब नज्मुल होसैन शान्तो, बांग्लादेश के कप्तान ने अपनी टीम का आधिकारिक घोषणा की, तो बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने 23 अक्टूबर 2025 को बताया कि नया ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025पाकिस्तान में बांग्लादेश की डटेगी, और कोचिंग दायित्व फिल सिमंन्स, हेड कोच के हाथों में रहेगा। टीम में युवा तेज़ गेंदबाज नहिद राना और अनुभवी विकेटकीपर‑बेटर मुषफ़िकुर रहिम सहित 15 खिलाड़ी शामिल हुए, लेकिन लिटॉन दास और शाकिब अल‑हसन जैसी बड़े नामों को बाहर रखा गया। यह चयन बांग्लादेश की मौजूदा फॉर्म‑आधारित नीति को दर्शाता है, जबकि इस टीम को समूह ए में भारत, न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान जैसे दिग्गजों के खिलाफ लड़ना पड़ेगा।

टीम चयन की पृष्ठभूमि

BCB के मुख्य अधिकारी, असिफ़ अली, ने बताया कि छंटनी का मुख्य मानदंड खिलाड़ी की हालिया ODI फॉर्म थी। दिसंबर 2024 में वेस्टइंडीज़ के प्रति 3‑0 हार के बाद, ब्रह्मा‑बुडाने वाली टीम को नई ऊर्जा की जरूरत थी, इसलिए युवा तेज़ गेंदबाजों और फॉर्म‑इन‑शेप बैट्समैन को प्राथमिकता दी गई। लिटॉन दास के लगातार 13 इनिंग्स में आधे सेंचुरी न बनने की ‘सिरदर्द’ रिपोर्ट ने भी चयन समिति को कठोर कदम उठाने पर मजबूर किया।

मुख्य खिलाड़ी और उनकी रूपरेखा

सबसे अधिक चर्चा मेहदी हसन मीराज की हुई है। वेस्टइंडीज़ के खिलाफ तीन ODIs में 152 रन, औसत 50.66 और स्ट्राइक‑रेट 84.91 के साथ वह टीम का प्रमुख रन‑स्रोत बन गया। साथ ही T20I में 8 विकेट, इकोनॉमी 3.25, और 4/13 की चमकदार परफॉर्मेंस ने उसकी ऑल‑राउंडर क्षमता को सटीक रूप से दर्शाया। अनुभवी बटिंग का धुरंधर महमूदुल्ला रियाद भी 38 साल की उम्र में Squad में स्थान पाई है; 2015 WC में इंग्लैंड वर्सस 103* उसकी सबसे यादगार पिच थी।

  • नज्मुल होसैन शान्तो (कप्तान) – 38 ODI में 1,243 रन, औसत 43.00
  • मुषफ़िकुर रहिम (विकेट‑कीपर) – 261 ODI, 6,598 रन, औसत 39.50
  • मेहदी हसन मीराज (ऑल‑राउंडर) – 152 रन (वेस्टइंडीज़), 8 विकेट (T20I)
  • रिशाद हुसैन (स्पिनर) – 1,112 ODI रन, 25 विकेट
  • नासुम अहमद (स्पिनर) – 45 ODI में 68 विकेट, औसत 24.5
  • तंज़िद हसन (स्पिनर) – युवा तेज़ बॉलर, हाल ही में 3/27
  • नहिद राना (फास्ट बॉलर) – 23 साल, 20 ODI में 28 विकेट

इनमें से कई खिलाड़ियों ने BPL 2025 को 31 जनवरी को समाप्त होने के बाद फॉर्म‑ट्रान्सिशन में कठिनाई जताई, पर कोच फिल सिमंन्स ने कहा कि 50‑ओवर फॉर्मेट की तैयारी के लिए अतिरिक्त पक्षी‑फील्ड सत्र आयोजित किया जाएगा।

ग्रुप ए में प्रतिस्पर्धा

समूह ए में भारत, न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान का होना बांग्लादेश के लिए "सबसे कठिन" माना जा रहा है। CricXtasy (22 अक्टूबर 2025) के विश्लेषण में बांग्लादेश को सबसे कमजोर टीम बताया गया, जबकि PakPassion.net (21 अक्टूबर 2025) के अनुसार, बांग्लादेश की स्पिन बाउन्ड्री पाँचवें क्रम में है – रिषाद हुसैन, नासुम अहमद और मीराज का सम्मिलित योगदान। भारत की स्पिन आक्रमण (रविंदर जडेजा, एक्सर पाटेल, वॉशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव) के मुकाबले बांग्लादेश का भेद करने का मुख्य साधन मध्य‑ओवर अस्थिरता को रोकना होगा।

भूतकाल में बांग्लादेश ने 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी में सेमी‑फ़ाइनल तक पहुंचा था, लेकिन तब से उसे वही स्तर नहीं मिला। दिसंबर 2024 में वेस्टइंडीज़ के सामने औसत 5.87 रन प्रति ओवर देना, उनके बॉलिंग में गहरा मुद्दा दर्शाता है।

रणनीतिक चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं

कोच सिमंन्स का प्रमुख प्लान दो‑स्तरीय रणनीति है: 1) स्पिनर‑डॉमिनेंट पिचेस पर दबाव बनाना, 2) टॉप‑ऑर्डर को स्थिर गति से रन बनवाना। शान्तो ने बताया कि उनका प्राथमिक लक्ष्य 45‑ओवर तक 250‑300 रन का लक्ष्य सेट करना है, जिससे मिड‑ओवर में रिफ़ॉर्म की जूट मिल सके।

एक्सपर्ट विश्लेषक, पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तान सुब्रमण्यम राहुल, ने कहा कि “अगर मीराज अपनी ऑल‑राउंडर रूपरेखा को जारी रखे और पाकिस्तानी पिच पर स्पिन का सही उपयोग करे, तो बांग्लादेश को दो-विकल्पी जीत का मौका मिल सकता है।” दूसरी ओर, युवा तेज़ बॉलर नहिद राना को तेज़ गति के साथ नियंत्रण दिखाना होगा, क्योंकि पाकिस्तान की पिच पर तेज़ बॉलर के लिए सीमित जगह रहती है।

निष्कर्ष

संक्षेप में, बांग्लादेश की नई Squad फॉर्म‑केन्द्रित, युवा‑ऊर्जावान और अनुभवी बटिंग‑स्पिन मिश्रण पर आधारित है। हालांकि समूह ए में निरंतर दबाव है, पर यदि मीराज, रहिम और शान्तो एक‑दूसरे को समर्थन दें, तो “डॉगफ़ाइटर” की भूमिका निभाते हुए टीम समूह को पार कर आगे बढ़ सकती है। टूर्नामेंट 19 फ़रवरी से 9 मार्च 2025 तक चलेगा, और बांग्लादेश को अपने अगले दर्शक‑भुगतान को फिर से हासिल करने के लिए इस मंच पर हर बॉल को महत्त्व देना होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बांग्लादेश को कौन‑सी ताकत सबसे अधिक मदद करेगी?

बांग्लादेश की मुख्य ताकत स्पिन बॉलिंग है, विशेषकर रिषाद हुसैन, नासुम अहमद और मीराज की तीस‑तीन स्पिनर्स। पाकिस्तान की पिचेस आमतौर पर धीमी घुमावदार होती हैं, जिससे ये खिलाड़ी टाइट बैट्समेन को नियंत्रित कर स्लो रन करने में मदद कर सकते हैं।

शान्तो की कप्तानी में बांग्लादेश की बॅटिंग रणनीति क्या होगी?

शान्तो ने कहा है कि शुरुआती ओवर में 50‑70 रन का लक्ष्य तैयार करना चाहिए, फिर मध्य‑ओवर में स्थिरता बनाए रखनी होगी। उसके अनुसार, मुषफ़िकुर रहिम और मीराज को क्रमशः 30‑40 रन का अंडर‑पार्टन बनाना चाहिए, जिससे नीचे क्रम के युवा बॅटरों को लोड मिल सके।

लीटन दास को चयन से बाहर रखने का कारण क्या था?

दास ने 2023 में विश्व कप के बाद से लगातार 13 ODI में आधे सेंचुरी नहीं बनाई, और पिछले सात इन्निंग्स में से छह में एक अंकों से बाहर हुआ। चयन समिति ने इसे फॉर्म‑कट के रूप में देखा और टीम को अधिक स्थिर बैटिंग विकल्प चाहिए थे।

शाकिब अल‑हसन को बाहर करने का मुख्य कारण क्या रहा?

शाकिब को दो बार स्वतंत्र बॉलिंग एक्शन परीक्षण में असफल पाया गया, जिससे ICC ने उन्हें टॉप‑लेवल क्रिकेट में बॉलिंग से निलंबित कर दिया। इस कारण वे इस टूर्नामेंट में नहीं खेलने पाए।

बांग्लादेश को समूह ए से बाहर निकलने में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

समूह ए में भारत, पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड जैसी टीमों की बॉलिंग गहराई और अनुभव बांग्लादेश के लिए मुख्य बाधा है। विशेषकर भारत की विविध स्पिनर संयोजन और पाकिस्तान की तेज़ बॉलिंग विविधता बांग्लादेश की बॅटर लाइन‑अप को लगातार दबाव में रखेगी।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

7 टिप्पणि

  • prakash purohit

    prakash purohit

    बांग्लादेश की नई स्क्वाड का चयन बेतरतीब नहीं है, यह एक गहरी रणनीतिक साजिश की तरह दिखती है। पिछले कुछ महीनों की सचिवीय बैठकों में कुछ अज्ञात शक्तियों ने खुद को हावी किया है, यह निश्चित है। फ़रवरी में आयोजित परीक्षणों में कुछ आँकड़े झूठे दिखाए गए थे, जिससे लिटॉन दास को बाहर किया गया। यह स्पष्ट है कि चयन समिति ने केवल फॉर्म ही नहीं, बल्कि आंतरिक राजकीय दबाव को भी माना है। शान्तो की कप्तानी को भी एक बड़े पर्दे के पीछे की शक्ति ने ट्यून किया है। स्पिनरों की भरपूरता एक संकेत है कि बोर्ड ने पिचों को अपने पक्ष में मोड़ना चाहता है। नवोदित बॉलर नहिद राना को मौका दिया गया, लेकिन वास्तव में वह किन प्रयोगों के तहत है, अनिश्चित है। अंत में, यह कहा जा सकता है कि हर निर्णय में कोई न कोई छिपा एजेंडा है।

  • Darshan M N

    Darshan M N

    देखा तो ये चुनाव ठीक लग रहा है बस इहै भरोसा है शायद
    फिर भी टीम में कुछ नया लाने का मौका मिल रहा है

  • manish mishra

    manish mishra

    बिलकुल सही कहा, ये केवल एक षड्यंत्र है 😒

  • tirumala raja sekhar adari

    tirumala raja sekhar adari

    ह्म्म, तुम सही हो सकते हो पर थोडा धियान दो, इस टीम में कई खिलाड़ी ऐसे हैं जिनकी फॉर्म अभी भी अनिश्चित है, जैसे नहिद राना। वह अभी भी अपने बॉलिंग अक्यूरेसी पर काम कर रहा है, पर शायद चयनकर्ता ने उसे जल्दी‑जल्दी धकेला है। लिटॉन दास को बाहर करने के पीछे सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि कुछ पर्सनल इश्यू भी हो सकते हैं। वैसे भी, यहाँ के कई कोचिंग स्टाफ में भी बदलाव आया है, जिससे रणनीति में बदलाव की सम्भावना बढ़ती है।

  • abhishek singh rana

    abhishek singh rana

    सभी को नमस्ते, अगर आप स्पिन बॉलिंग को अधिकतम उपयोग करना चाहते हैं तो पहले पिच की वैरिएशन को समझें। पाकिस्तान की पिच आमतौर पर धीरे‑धीरे घुमावदार होती है, इसलिए रिषाद हुसैन और नासुम अहमद को शुरुआती ओवर में डाला जा सकता है। मध्य‑ओवर में मीराज का बाउंसी लूप फेंकना फायदेमंद रहेगा। साथ ही, मुषफ़िकुर रहिम को विकेट‑कीपिंग में तेज़ रिफ़ॉर्मेशन चाहिए, जिससे बॅटरों को दबाव में रखा जा सके। कुल मिलाकर, स्पिन के साथ एक विश्वसनीय फास्ट बॉलर का संतुलन बनाना टॉर्नामेंट में जीत की चाबी हो सकती है।

  • Shashikiran B V

    Shashikiran B V

    ऑफकोर्स, तुम्हारी बात में कुछ सच्चाई है लेकिन याद रखो कि ये सारे आँकड़े एक सिम्युलेशन के नीचे चल रहे हैं। बोर्ड ने नयी डेटा मॉडल अपनाई है जो केवल चुनिंदा खिलाड़ियों को ही उजागर करती है। इसलिए जब तुम कहते हो कि लिटॉन दास को बाहर करना फॉर्म कारण है, तो असल में यह एक प्री‑डिफाइन्ड स्क्रिप्ट का हिस्सा है।

  • Sam Sandeep

    Sam Sandeep

    बांग्लादेश की वर्तमान स्क्वाड को गहराई से विश्लेषित करने पर कई बारीकियों का पता चलता है
    पहला बिंदु यह है कि स्पिनर-केंद्रित रचना सिर्फ पिच-सूखा रणनीति नहीं बल्कि एक रणनीतिक जाल है जो विरोधी टीम के टॉप‑ऑर्डर को अस्थिर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है
    दूसरा, नहिद राना को फास्ट बॉलर के रूप में प्रस्तुत किया गया है लेकिन उसकी स्पीड मेट्रिक्स इश्यूयस हैं और वह कंट्रोल की कमी दिखा रहा है
    तीसरा, शान्तो की कप्तानी को अक्सर शान्तिपूर्ण कहा जाता है परन्तु उसके निर्णय लेने की प्रोसेस में एक सिलेंडरल बायस झलकता है
    चौथा, मीराज की ऑल‑राउंड परफॉर्मेंस आंकड़े सच्चे लगते हैं परंतु उसके बॉलिंग एंगल और विकेट‑टेकिंग पैटर्न में एक अनियमितता है जो केवल चुनिंदा परिस्थितियों में ही प्रभावी है
    पाँचवा, बिंगो, बीसीबी ने कोचिंग स्टाफ को बदलते समय एक एआई‑ड्रिवेन मॉडल का उपयोग किया है जो चयन प्रक्रिया को ऑटो‑मैटिकली बायस कर सकता है
    छठा, लिटॉन दास को बाहर करने का कारण आधे‑सेंचुरी न बन पाना बताया गया परंतु बैक‑एंड डेटा में उनके एकत्रित आउटपुट्स का ग्रेडिएंट विश्लेषण दिखाता है कि वह एक विशिष्ट शर्त में ही पावर प्ले कर सकते हैं
    सातवां, स्पिनर रिषाद हुसैन की बॉलिंग इकोनॉमी 3.4 का उल्लेख किया गया परन्तु उस आंकड़े की बेसलाइन कई बार बदलती रही है
    आठवां, समूह ए में भारत, न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान का मिश्रण बांग्लादेश के लिए एक मेगा‑डिसरप्शन फैक्टर बनता है जिससे वे अपने बॉलिंग साइड को अधिक सख़्त बनाना पड़ेगा
    नवां, कोच फिल सिमन्स का दो‑स्तरीय प्लान केवल एक टैक्टिकल फ्रेमवर्क नहीं, बल्कि एक एंटी‑डोटेड सिग्नल है जिसका उद्देश्य विरोधी टीम की एंट्री प्रेडिक्शन को ब्लॉक करना है
    दसवां, टीम के अक्सर उपयोग किए जाने वाले बॅटिंग प्लेज़ा में टॉप‑ऑर्डर को तेज़ रन रेट पर सेट करने की बात कही गई है, परन्तु उनके फॉल्ट लाइन्स का प्रोफाइल हाई‑रिस्क दिखाता है
    ग्यारहवां, इस सभी विश्लेषणों को देखें तो स्पष्ट है कि बांग्लादेश का चयन प्रक्रिया सरल नहीं बल्कि एक जटिल मल्टी‑वेरिएबल ऑप्टिमाइज़ेशन मॉडल है
    बारहवां, ऐसे मॉडल में मानवीय इनपुट की भूमिका अक्सर निरर्थक हो जाती है क्योंकि एआई के आउटपुट ही अंतिम दिशा तय करते हैं
    तेरहवां, इसलिए इस स्क्वाड में सफलता की संभावना एआई के एरर मार्जिन पर निर्भर होगी न कि वास्तविक खिलाड़ी की फॉर्म पर
    चौदहवां, अंत में, हमें याद रखना चाहिए कि चाहे एआई कोई भी हो, उसका बायस हमेशा डेटा सोर्स में ही निहित रहेगा, इसलिए टीम की असली शक्ति या तो डेटा को साफ़ करना है या फिर बायस को पहचानना है
    पंद्रहवां, यही कारण है कि बांग्लादेश को ग्रुप ए में लड़ते समय एक अतिरिक्त 'बायस‑मैनेजमेंट' स्ट्रैटेजी अपनानी चाहिए, वर्ना वे हार के जाल में फँस सकते हैं।

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