Bigg Boss OTT 3: धमाकेदार शुरुआत

Bigg Boss OTT का तीसरा सीज़न अपने जबरदस्त अंदाज़ में शुरू हो गया है, और शो के मेज़बान इस बार अनिल कपूर हैं। इस शो के पहले एपिसोड में ही कई दिलचस्प और भावुक पल देखने को मिले। इस सीज़न के प्रतिभागियों ने अपनी शुरुआती बातचीत में ही शो की टीआरपी बटोरे का काम शुरू कर दिया है।

साई केतन राव की भावुक कहानी

प्रतिभागी साई केतन राव ने अपने संघर्ष भरे जीवन की कहानी सुनाई, जिससे वे भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि उनकी मां और बहन ने उन्हें बहुत मुश्किल हालात में पाला है और यही संघर्ष उन्हें इस मुकाम तक लेकर आया है। साई ने यह भी बताया कि उन्हें विश्वासघात से बहुत नफ़रत है और वे कभी किसी को धोखा नहीं देंगे। उनकी इस बात ने शो में हर किसी का ध्यान खींचा और दर्शकों को उनका असली चेहरा दिखा।

रणवीर और शिवानी की तकरार

शो की शुरुआत में ही रणवीर और शिवानी के बीच बेड को लेकर मज़ाकिया तकरार देखने को मिली। शिवानी जब रणवीर से अनुरोध करती हैं कि वे उन्हें बेड दे दें तो रणवीर मजाक में मना कर देते हैं। यह छोटी सी नोकझोंक सभी को हंसा देती है और शो में एक हल्का-फुल्का माहौल बन जाता है।

टैरट कार्ड रीडर मुनिशा खटवानी का प्रवेश

शो में टैरट कार्ड रीडर मुनिशा खटवानी का भी प्रवेश हुआ है, जो साई केतन राव का भविष्य बताती हैं। मुनिशा ने साई के भविष्य के बारे में कुछ महत्वपूर्ण भविष्यवाणियाँ कीं, जिससे शो में सस्पेंस और उत्सुकता बढ़ी।

रणवीर का मज़ाकिया अंदाज़

शो में रणवीर ने यह भी खुलासा किया कि वे शो में केवल उसे बर्बाद करने के मकसद से आए हैं। उनकी इस मजाकिया टिप्पणी ने हर किसी को हंसा दिया और रणवीर की ख़ास तासीर का पता चला।

दीपक चौरसिया की पाक कला

पत्रकार दीपक चौरसिया ने शो में अपनी पाक कला का प्रदर्शन भी किया। उन्होंने बताया कि वे एक चोट से रिकवरी कर रहे हैं और इस बाबत उन्होंने अपने व्यंजन बनाने की कला और उसमें रुचि के बारे में भी बताया। उनके इस अंदाज़ ने शो में एक नया रंग भर दिया।

शोभा डे का प्रश्न

अपने तीखे सवालों के लिए मशहूर शोभा डे ने भी शो में प्रवेश कर लिया है। शोभा ने दीपक चौरसिया से सीधे-सीधे पूछा कि वे शो में किस मकसद से आए हैं। इस सवाल से माहौल थोड़ा गंभीर हो गया, लेकिन दोनों के बीच की बातचीत ने दर्शकों को बाँधे रखा।

अन्य प्रतिभागियों का परिचय

इसके अलावा, शो में विषाल और लव जैसे अन्य प्रतियोगियों भी हैं, जिन्होंने अपने बेड चुनने को लेकर चर्चा की। इस बातचीत के दौरान ही उनकी पसंद नापसंद और सोच का पता चला।

शो की दी गई विस्तृत जानकारी

यह केवल शो का पहला एपिसोड था और पहले ही एपिसोड में कई दिलचस्प घटनाएँ देखने को मिलीं। शो के प्रतिभागियों के बीच की बॉण्डिंग और उनकी व्यक्तिगत कहानियाँ दर्शकों को शो से जोड़ने में सफल रहीं। अब देखना यह होगा कि आगे के एपिसोड्स में क्या-क्या मोड़ आते हैं और कौन-कौन से प्रतिभागी दर्शकों के दिल में जगह बना पाते हैं।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

11 टिप्पणि

  • Ashwin Agrawal

    Ashwin Agrawal

    साई केतन की कहानी सुनकर दिल भारी हो गया। इतनी मुश्किलों के बाद भी इतना सच्चा रहना दुर्लभ है। इस शो में असली इंसानियत दिख रही है।

  • Shubham Yerpude

    Shubham Yerpude

    यह सब एक बड़ा मानसिक अभियान है। टीवी के जरिए व्यक्तिगत दर्द को व्यापारिक व्यंजना में बदल दिया जा रहा है। साई केतन का विश्वासघात के प्रति नफरत का बयान, एक नियंत्रित नाटक का हिस्सा है। दर्शकों को भावुक बनाने के लिए निर्माता जानबूझकर इसे बढ़ाया जा रहा है।

  • Hardeep Kaur

    Hardeep Kaur

    रणवीर और शिवानी की बेड वाली बातचीत बहुत प्यारी लगी। इतनी तनाव भरी शुरुआत के बाद इतना हल्का मोड़ देना बहुत अच्छा लगा। इंसान बनने की कोशिश कर रहे हैं, ये दिख रहा है।

  • Chirag Desai

    Chirag Desai

    मुनिशा खटवानी ने जो कहा वो सुनकर लगा जैसे कोई टाइम मशीन से आया हो। साई का भविष्य बताना बस एक ट्रिक है, पर फिर भी दिल दहल गया।

  • Abhi Patil

    Abhi Patil

    इस शो का निर्माण एक पोस्ट-मॉडर्न अवधारणा का उदाहरण है, जहाँ व्यक्तिगत दर्द को एक व्यावसायिक वातावरण में निर्मित किया जाता है। रणवीर का 'शो को बर्बाद करने' का बयान एक अल्ट्रा-सेल्फ-रेफरेंशियल एक्ट है, जो टीवी के अस्तित्व के बारे में एक विकल्प देता है। शोभा डे के प्रश्न ने इस विषय को और गहरा किया। इस शो का असली उद्देश्य भावनात्मक उपभोग को व्यापारिक रूप देना है।

  • Devi Rahmawati

    Devi Rahmawati

    दीपक चौरसिया की पाक कला का जिक्र बहुत अच्छा लगा। शरीर के घाव के बाद भी खाना बनाने की इच्छा दिखाती है कि जीवन का असली अर्थ क्या है। इस तरह की छोटी-छोटी बातें ही इस शो को अलग बनाती हैं।

  • Prerna Darda

    Prerna Darda

    साई केतन की भावनात्मक प्रक्रिया एक नए अवधारणा की ओर इशारा करती है-'भावनात्मक व्यापार'। यह शो एक अलग तरह की सामाजिक विस्तार अभियान है जहाँ दर्द को उपभोग्य वस्तु में बदल दिया जा रहा है। यह न केवल टीवी का नया रूप है, बल्कि मानवीय अनुभव के व्यापारीकरण का एक नया चरण है।

  • rohit majji

    rohit majji

    बस यही बात है भाईयों... असली जिंदगी यही है। साई का दर्द, रणवीर का मजाक, दीपक का खाना... सब कुछ असली है। ये शो बस टीवी नहीं, ये तो जिंदगी का एक शो है ❤️

  • Uday Teki

    Uday Teki

    मुनिशा की भविष्यवाणी सुनकर मुझे लगा जैसे कोई मेरी जिंदगी बता रहा हो 😭❤️ साई तुम बहुत मजबूत हो।

  • Haizam Shah

    Haizam Shah

    शोभा डे का सवाल बिल्कुल सही था। ये सब नाटक है। दीपक के खाने की बात भी निर्माताओं ने बनाई है। इस शो का असली उद्देश्य दर्शकों को भावनाओं से खेलना है। ये नहीं कि इंसान बनना है।

  • Vipin Nair

    Vipin Nair

    साई की कहानी ने सब कुछ बदल दिया। इस शो का असली दिल वो है जो बिना किसी बात के अपना दर्द बाँट गया। बाकी सब बस धुआं है।

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