प्रधानमंत्री से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आगामी बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह बैठक दोनों नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर रही जिसमें उन्होंने 'विकसित दिल्ली' के लिए आवश्यक योजनाओं पर विचार-विमर्श किया। इस बार का बजट सत्र 24 से 26 मार्च, 2025 तक चलेगा। चर्चा का मुख्य उद्देश दिल्ली के विकास कार्यों को राष्ट्रीय रणनीतियों के साथ जोड़ना था ताकि राज्य व केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय हो सके।

प्रमुख मुद्दों पर जोर

प्रमुख मुद्दों पर जोर

बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, सार्वजनिक कल्याण योजनाएं और दिल्ली की गंभीर चुनौतियों जैसे प्रदूषण नियंत्रण और यमुना सफाई जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक विचार प्रस्तुत किए जिसमें उन्होंने स्थानीय शासन को राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के साथ जोड़ने की सलाह दी। मुख्यमंत्री गुप्ता ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार कार्यरत रही है और चुनावी वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

महिला वित्तीय सहायता, स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार और रोजगार के नए अवसर जैसे कार्यक्रम भी चर्चा का विषय बने। सरकार बजट सत्र के दौरान नागरिक-केन्द्रित बजट पेश करेगी, जिसमें आम जनता से ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से मिले सुझावों को शामिल किया जाएगा।

यह चर्चा इस बात का संकेत है कि दिल्ली में हो रहे विकास कार्यों को तेज गति देने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

20 टिप्पणि

  • Arjun Singh

    Arjun Singh

    ये सब बकवास सुनकर फिर से बजट का नाम लेना? इंफ्रास्ट्रक्चर? प्रदूषण? यमुना साफ़ करोगे तो भी क्या होगा? जब तक दिल्ली में 50% लोग बिना ट्रैफिक लाइसेंस के गाड़ी चला रहे हैं, तब तक ये सब फेक न्यूज है 😒

  • yash killer

    yash killer

    मोदी जी के साथ बात करना ही दिल्ली के लिए बड़ी बात है बाकी सब धुंध है जो लोग अभी तक बजट के बारे में शिकायत कर रहे हैं वो देशद्रोही हैं 🇮🇳

  • Ankit khare

    Ankit khare

    अरे भाई ये सब वादे तो हर सरकार करती है बजट में क्या नया आया? नागरिक-केंद्रित बजट? ये तो वो नया नाम है जिसके नीचे पुरानी चीजें डाल दी जाती हैं व्हाट्सएप पर सुझाव? बेटा तू बता क्या सुझाव देता है जब तू ट्रैफिक जाम में फंसा हो तो? 🤷‍♂️

  • Chirag Yadav

    Chirag Yadav

    मुझे लगता है ये बैठक अच्छी शुरुआत है अगर राज्य और केंद्र सच में मिलकर काम करें तो दिल्ली के लिए कुछ असली बदलाव आ सकता है बस इतना चाहिए कि वादे पूरे हों न कि सिर्फ बयान दिए जाएं

  • Shakti Fast

    Shakti Fast

    महिला वित्तीय सहायता का जिक्र हुआ तो मुझे बहुत अच्छा लगा अगर ये वास्तविक हुआ तो बहुत सारी औरतें अपना घर चला पाएंगी 💪

  • saurabh vishwakarma

    saurabh vishwakarma

    यहाँ तक कि यमुना की सफाई के लिए भी एक राष्ट्रीय रणनीति की आवश्यकता है जो कि अब तक किसी ने नहीं बनाई और ये बैठक उसी दिशा में एक कदम है लेकिन क्या ये बैठक वास्तविक निर्णय लाएगी? या फिर ये भी एक फोटो ऑपरेशन होगा?

  • MANJUNATH JOGI

    MANJUNATH JOGI

    भारतीय शहरों के लिए बजट बनाना तो एक कला है जिसमें आपको देश के तमाम संस्कृतियों को ध्यान में रखना पड़ता है दिल्ली में तो हर राज्य का आदमी रहता है इसलिए ये सहयोग बहुत जरूरी है और ये बैठक उसी रूह को दर्शाती है 🙏

  • Sharad Karande

    Sharad Karande

    बजट के लिए नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण एक उत्कृष्ट विचार है लेकिन इसके लिए डेटा की गुणवत्ता और विश्लेषण की तकनीकी तैयारी भी जरूरी है व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से सुझावों को एकत्रित करना तो अच्छा है लेकिन उनका सांख्यिकीय विश्लेषण कैसे होगा? इसका एक तकनीकी फ्रेमवर्क होना चाहिए

  • Sagar Jadav

    Sagar Jadav

    बजट बनाने के लिए व्हाट्सएप सुझाव? बेकार की बात है

  • Dr. Dhanada Kulkarni

    Dr. Dhanada Kulkarni

    महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सुधार पर ध्यान देना बहुत जरूरी है अगर ये बजट इन दो बातों को असली तरीके से समर्थन देता है तो ये दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ हो सकता है

  • Rishabh Sood

    Rishabh Sood

    क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब बैठकें असल में एक नए तरह के राजनीतिक नाटक का हिस्सा हैं? जहाँ दो नेता एक दूसरे के सामने बैठकर दर्शकों के लिए नाटक करते हैं और जब दर्शक चले जाते हैं तो सब कुछ वैसा ही रह जाता है

  • Saurabh Singh

    Saurabh Singh

    ये सब नाटक बंद करो ये बैठकें किसी काम की नहीं हैं दिल्ली के लोगों को रोज साफ पानी और बिजली चाहिए न कि बैठकों का बयान

  • Mali Currington

    Mali Currington

    अरे यार ये बजट तो अभी तक दिल्ली के बाजारों में चल रही चाय की कीमतों को नहीं बदल पाया तो फिर ये नाटक क्यों?

  • INDRA MUMBA

    INDRA MUMBA

    मुझे लगता है ये नागरिक-केंद्रित बजट वास्तव में एक बड़ा कदम है अगर हम वास्तविक रूप से जनता की आवाज सुनें तो ये बजट सिर्फ एक दस्तावेज नहीं बल्कि एक जीवित समझौता बन जाएगा जिसमें हर आम आदमी का हिस्सा होगा 🌱

  • Anand Bhardwaj

    Anand Bhardwaj

    इतनी बातें कर रहे हो लेकिन दिल्ली के किसी भी बस स्टॉप पर बिजली नहीं है और तुम बजट की बात कर रहे हो? 😐

  • RAJIV PATHAK

    RAJIV PATHAK

    एक बजट जो व्हाट्सएप सुझावों पर आधारित है? ये तो एक डिजिटल गुरु का अहंकार है जो अपने घर के बाहर की दुनिया को समझने के लिए तैयार नहीं है

  • Nalini Singh

    Nalini Singh

    सरकारी नीतियों का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन न केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति बल्कि संस्थागत स्थिरता और वित्तीय पारदर्शिता पर निर्भर करता है। यह बैठक एक प्रारंभिक चरण है लेकिन इसके बाद की योजनाएँ अधिक महत्वपूर्ण हैं।

  • Sonia Renthlei

    Sonia Renthlei

    मैं इस बैठक के बारे में बहुत खुश हूँ क्योंकि मेरी बहन दिल्ली में एक अस्पताल में काम करती है और वह हर दिन देखती है कि बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएँ कितनी खराब हैं अगर बजट में उन्हें वास्तविक समर्थन मिले तो उसका दिन बहुत आसान हो जाएगा और शायद वह फिर से खुश हो जाए

  • Aryan Sharma

    Aryan Sharma

    ये सब बैठकें असल में किसी बड़े गुप्त योजना के लिए ढोंग हैं जिसमें दिल्ली के जमीन को बेचकर बड़े बिजनेसमैन को फायदा हो रहा है और हम सब बेकार की बातें सुन रहे हैं

  • Arjun Singh

    Arjun Singh

    अरे ये बातें तो मैंने पहले भी सुनी हैं लेकिन अभी तक एक भी बस स्टॉप पर लाइट नहीं जली जब तक ये नहीं होगा तब तक बजट की बात करना बेकार है

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