एन. चंद्रबाबू नायडू 12 जून को लेंगे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू 12 जून को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह केसारापल्ले में आईटी पार्क के पास स्थित एक स्थल पर सुबह 11:27 बजे आयोजित किया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के वरिष्ठ नेता, और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए पहले मंगळागिरी में एम्स के पास एक स्थान पर विचार किया गया था, लेकिन सुरक्षा कारणों से उसे अयोग्य माना गया। गन्नवरम हवाईअड्डे के पास स्थित केसारापल्ले को अंततः कार्यक्रम स्थल के रूप में चुना गया।
शपथ ग्रहण समारोह का महत्व
आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में टीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 175 में से 164 सीटें जीती हैं। टीडीपी ने 135 सीटें हासिल की, जन सेना पार्टी (जेएसपी) ने 21 सीटें और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 8 सीटें जीतीं, जबकि युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वायएसआरसीपी) 11 सीटों पर ही सिमट गई।
यह नायडू के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और उनके नेतृत्व में टीडीपी का कद और बढ़ गया है। नायडू, जिन्हें आधुनिकता और तकनीकी उन्नति के दूत के रूप में देखा जाता है, ने अतीत में आंध्र प्रदेश को एक तकनीकी हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, पहले उन्होंने 1995 से 2004 तक और फिर 2014 से 2019 तक इस पद पर कार्य किया था।
मंत्रीमंडल गठन की चुनौतियां
नायडू के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है एक संतुलित और प्रभावी मंत्रीमंडल का गठन। गठबंधन सहयोगियों के प्रति बाध्यताएं, वरिष्ठता, क्षेत्रीय संतुलन, जाति और लिंग संतुलन जैसे कारक इस निर्णय को जटिल बना देंगे। संभवतः, नायडू को अपने अनुभव और दूरदर्शिता के साथ इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत मंत्रीमंडल का गठन करना होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नायडू के नेतृत्व में टीडीपी आंध्र प्रदेश की जनता के लिए एक स्थिर और विकासशील सरकार प्रदान करने में सक्षम होगी। नायडू की प्रशासनिक कौशल और तकनीकी उन्नति के प्रति उनकी तल्लीनता आंध्र प्रदेश को नवाचारी विकास की दिशा में आगे बढ़ा सकती है।
निष्कर्ष
एन. चंद्रबाबू नायडू का मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसमें दोनों राजनीतिक सत्तारूढ़ और विपक्ष की निगाहें टिकी हैं। यह आंध्र प्रदेश की राजनीति और विकास की दिशा को निर्धारित करने वाले महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा। अब देखना यह है कि नायडू अपने अनुभव और नेतृत्व का किस प्रकार उपयोग कर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
Kamlesh Dhakad
अरे भाई, चंद्रबाबू वापस आ गए हैं... अब तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। बस एक बात है, अब बार-बार नहीं चलेगा ये चक्कर।
ADI Homes
मैंने तो सोचा था कि ये बार भी नहीं आएंगे... लेकिन जब लोगों ने उन्हें वोट दिया, तो ये तो बस लौट आए। अब देखना है कि बारिश होगी या बस बादल छाए रहेंगे।
Hemant Kumar
चंद्रबाबू के आने से आंध्र में टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तेज होगा। पर गांवों की बात भी नहीं भूलनी चाहिए... बस शहरों का नहीं, पूरा राज्य चाहिए।
NEEL Saraf
मैं तो बस इतना चाहती हूँ कि इस बार कोई भी लड़की या महिला नेता को नज़रअंदाज़ न किया जाए... बस एक भी मंत्री तो हो जाए ना? बस एक ही... बस एक...
Ashwin Agrawal
इस बार तो लोगों ने साफ़ कह दिया कि वो किसके साथ हैं। अब बस ये देखना है कि वो वादे सिर्फ़ वादे तो नहीं रह जाते।
Shubham Yerpude
ये सब एक बड़ा नाटक है। मोदी आएंगे, सब कुछ फूलों से सजेगा, लेकिन असली ताकत तो एक छिपे हुए बिजनेस ग्रुप्स के हाथों में है। ये सब नाटक है।
Hardeep Kaur
चंद्रबाबू के पास अनुभव है, और अब लोगों का भरोसा भी है। बस एक बात याद रखनी है - जब तक आम आदमी का दिल नहीं जीत लिया जाता, तब तक कोई सरकार नहीं चलती।
Chirag Desai
हां भाई, अब बस एक बार ठीक कर दो... बिजली, पानी, सड़कें... बाकी सब बाद में।
Abhi Patil
इस शपथ समारोह का चयन गन्नवरम हवाई अड्डे के पास केसारापल्ले में किया गया, जो एक अत्यंत सूक्ष्म राजनीतिक चिह्न है - एक नए युग की शुरुआत, जहां तकनीक और शासन का संगम होगा। यह एक सिंबलिक जगह है, जिसके अर्थ बहुत गहरे हैं, और जिन्हें केवल एक उच्च बुद्धि वाला व्यक्ति ही समझ सकता है।
Prerna Darda
चंद्रबाबू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश का डिजिटल इकोसिस्टम एक नए स्तर पर पहुंच सकता है - ग्रीन टेक, स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, और डेटा-ड्रिवन पॉलिसी मेकिंग के साथ। लेकिन इसके लिए एक एंटरप्रेन्योरियल स्टेट एप्रोच की जरूरत है, जहां ब्यूरोक्रेसी को डिसरप्ट किया जाए, और नागरिक-सेंट्रिक डिजाइन को प्राथमिकता दी जाए। ये सिर्फ़ एक सरकार नहीं, एक ट्रांसफॉर्मेशन है।
Kamlesh Dhakad
अब बस ये देखोगे कि क्या वो इस बार अपने आप को गलत नहीं बनाते।