ग्रोउ के माता-पिता कंपनी बिलियनब्रेन्स गैरेज वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड का ₹6,632.30 करोड़ का आईपीओ शुक्रवार, 7 नवंबर 2025 तक खुला रहेगा। इसकी शेयर की कीमत बैंड ₹95 से ₹100 प्रति शेयर रखा गया है, जिससे यह भारत के फिनटेक क्षेत्र का सबसे बड़ा आईपीओ बन गया है। यह ऑफर ट्यूजडे, 4 नवंबर को सुबह 9 बजे शुरू हुआ और अभी तक बाजार में जबरदस्त रुचि देखी जा रही है। इसका उद्देश्य केवल पैसा जुटाना नहीं, बल्कि भारत के सबसे लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म को स्टॉक मार्केट में लाना है — जो अब तक 15 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को सर्विस दे चुका है।

आईपीओ का संरचना: नया निवेश और पुराने शेयरों की बिक्री

इस आईपीओ में ₹1,060 करोड़ का नया इक्विटी इश्यू है, जिसका उद्देश्य बिजनेस को नई ऊर्जा देना है। बाकी ₹5,572.30 करोड़ का हिस्सा वर्तमान शेयरधारकों के पुराने शेयरों की बिक्री से आता है — यानी कंपनी खुद नहीं, बल्कि उसके संस्थापक और निवेशक अपना हिस्सा बेच रहे हैं। कुल 66,323,000 शेयर जारी किए गए हैं, जो ₹100 प्रति शेयर के ऊपरी बैंड पर कैलकुलेट किए गए हैं। इसके तहत कंपनी का वैल्यूएशन ₹61,700 करोड़ से ऊपर जाने की उम्मीद है — यह एक ऐसा नंबर है जो एक फिनटेक स्टार्टअप के लिए अभूतपूर्व है।

कंपनी के नेता बोले: निवेश की योजना क्या है?

इशान बंसल, जो बिलियनब्रेन्स गैरेज वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के व्होल-टाइम डायरेक्टर और सीएफओ हैं, ने CNBC-TV18 के आईपीओ कॉर्नर सेगमेंट में कहा कि नया फंड 'प्रोडक्ट डेवलपमेंट, टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर और यूजर एक्विजिशन' पर लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी अब ब्रोकरेज के ऊपर निर्भर नहीं रहना चाहती — बल्कि एम्प्लॉयमेंट, लोन और इंश्योरेंस जैसी सेवाओं को बढ़ाने पर फोकस करेगी।

सीओओ हर्ष जैन ने बताया कि ग्रोउ की यात्रा 2017 में शुरू हुई थी, जब यह सिर्फ एक एप था जिसे तीन दोस्तों ने बनाया था। अब यह भारत के युवा निवेशकों के लिए एक जीवनशैली बन गया है। "हमने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन हम इतने बड़े आईपीओ के सामने खड़े होंगे," उन्होंने कहा। "लेकिन अब हमारा लक्ष्य बस शेयर बेचना नहीं, बल्कि एक ऐसा इकोसिस्टम बनाना है जो भारतीय निवेशक को अपने जीवन के हर पहलू में सहायता करे।"

अंदरूनी आंकड़े चिंताजनक: आय और लाभ में गिरावट

लेकिन यह सब चमकदार दिखने के बावजूद, ग्रोउ के वित्तीय आंकड़े चिंताजनक हैं। Niftytrader.in की 4 नवंबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, फिस्कल ईयर 2025 में ब्रोकरेज आय 18% गिरी। कुल आय 10% कम हुई और नेट प्रॉफिट 25% गिर गया। यह उसी समय हुआ जब अन्य फिनटेक कंपनियां जैसे Zerodha और Upstox अपनी आय बढ़ा रही थीं।

सबसे बड़ी चिंता यह है कि ग्रोउ की कुल आय का 62% अज्ञात स्रोतों से आता है — जिसका मतलब है कि उनका बिजनेस मॉडल बहुत अधिक एकाग्र है। यानी अगर एक या दो सेवाएं ठप हो जाएं, तो पूरी कंपनी का फंडिंग खतरे में पड़ सकता है। यह एक ऐसा रिस्क है जिसे निवेशक बहुत ध्यान से देख रहे हैं।

आईपीओ में शामिल होने का तरीका: ग्रोउ ऐप से कैसे अप्लाई करें?

ग्रोउ के यूजर्स के लिए यह आसान है — आप अपने ही ऐप से आईपीओ में अप्लाई कर सकते हैं। बस इन चरणों को फॉलो करें:

  1. ग्रोउ ऐप पर लॉगिन करें (अगर आपका डेमैट खाता नहीं है, तो उसे बनाएं)
  2. "IPO - Initial Public Offers" सेक्शन पर जाएं
  3. "Groww IPO" पर क्लिक करें, फिर 'Apply' दबाएं
  4. अपना कैटेगरी (नियमित या HNI) चुनें और शेयर लॉट बताएं
  5. अपना UPI ID डालें, टर्म्स एंड कंडीशन्स स्वीकार करें, और 'Apply For IPO' पर क्लिक करें

अप्लाई करने के बाद, आपको 24 घंटे में एक UPI मैंडेट रिक्वेस्ट आएगी। इसे अथॉराइज करना जरूरी है — नहीं तो आपका अप्लाई रद्द हो जाएगा। अगर आपको शेयर मिलते हैं, तो वे आपके डेमैट अकाउंट में 10-12 दिनों के भीतर जमा हो जाएंगे। अगर नहीं मिले, तो पैसा 7 दिनों में वापस आ जाएगा।

लिस्टिंग कब होगी? बाजार क्या उम्मीद कर रहा है?

आईपीओ का सब्सक्रिप्शन 7 नवंबर को बंद होगा। लिस्टिंग की उम्मीद 10 या 11 नवंबर को है — यानी तीन कार्यदिवस के भीतर। ग्रोउ ने अभी तक नए शेयर्स के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्टिंग के लिए आवेदन कर दिया है।

बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि अगर ग्रोउ की लिस्टिंग शुरू होती है, तो पहले दिन 15-20% तक का प्रीमियम हो सकता है — खासकर अगर यूजर्स ने बहुत ज्यादा अप्लाई किया हो। लेकिन यह भी संभव है कि बाजार इसके वित्तीय नुकसान को देखकर अधिक सावधान बन जाए।

क्यों यह आईपीओ इतना महत्वपूर्ण है?

ग्रोउ का आईपीओ सिर्फ एक कंपनी का नहीं, बल्कि भारत के फिनटेक इकोसिस्टम का एक बड़ा टेस्ट है। इससे पहले, जब Zerodha ने आईपीओ का इरादा जाहिर किया, तो बाजार ने इसे देखा लेकिन अभी तक कोई बड़ी कंपनी नहीं आई है। ग्रोउ अगर सफल होता है, तो यह लाखों युवाओं के लिए एक मॉडल बन जाएगा — जो अपने बचत और निवेश को एप पर ही मैनेज करना चाहते हैं।

इसके विपरीत, अगर यह फेल होता है, तो फिनटेक कंपनियों के लिए एक बड़ा संकेत होगा: "सिर्फ यूजर्स नहीं, बल्कि फाइनेंशियल हेल्थ भी जरूरी है।"

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ग्रोउ के आईपीओ में निवेश करना सुरक्षित है?

ग्रोउ का आईपीओ एक उच्च रिस्क-हाई रिटर्न ऑप्शन है। इसके यूजर बेस और ब्रांड ताकत बहुत अच्छी है, लेकिन वित्तीय प्रदर्शन में गिरावट और आय का अधिकांश हिस्सा अज्ञात स्रोतों से आना चिंता का विषय है। अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और फिनटेक के भविष्य पर विश्वास करते हैं, तो यह एक अच्छा अवसर हो सकता है। लेकिन अगर आप तुरंत लाभ चाहते हैं, तो सावधान रहें।

क्या ग्रोउ अभी तक लाभ कमा रहा है?

नहीं, फिस्कल ईयर 2025 में ग्रोउ का नेट प्रॉफिट 25% गिर गया है। ब्रोकरेज आय में 18% की कमी और कुल आय में 10% की गिरावट ने इसे आर्थिक रूप से कमजोर बना दिया है। यह उस समय हुआ जब अन्य कंपनियां बढ़ रही थीं। इसलिए, निवेशकों को यह समझना चाहिए कि यह एक भविष्य की कहानी पर आधारित है — न कि वर्तमान के फाइनेंशियल स्ट्रेंथ पर।

आईपीओ में अप्लाई करने के बाद UPI मैंडेट क्यों अथॉराइज करना जरूरी है?

UPI मैंडेट आपके बैंक अकाउंट से आईपीओ के लिए पैसे ब्लॉक करने का एक ऑटोमेटेड तरीका है। अगर आप इसे अथॉराइज नहीं करते, तो आपका अप्लाई अमान्य हो जाता है। यह एक सुरक्षा फीचर है जो गलत या अनुपस्थित अप्लाईज़ को रोकता है। आपको बस एक बार UPI पिन डालना है — और आपका पैसा ब्लॉक हो जाता है।

ग्रोउ के शेयर लिस्ट होने के बाद क्या होगा?

लिस्टिंग के बाद, ग्रोउ के शेयर NSE और BSE पर ट्रेड होने लगेंगे। अगर बाजार में मांग अधिक है, तो पहले दिन प्रीमियम मिल सकता है। लेकिन अगर निवेशक वित्तीय डेटा को लेकर चिंतित हैं, तो शेयर की कीमत लिस्टिंग प्राइस से नीचे भी जा सकती है। इसलिए, शेयर खरीदने से पहले बाजार की प्रतिक्रिया को देखना बेहतर है।

ग्रोउ के आईपीओ में कौन निवेश कर रहा है?

मुख्य रूप से युवा निवेशक, डिजिटल नेटिव्स और ग्रोउ के वर्तमान यूजर्स ही इसमें शामिल हो रहे हैं। एचएनआई (High Net Worth Individuals) भी भाग ले रहे हैं, लेकिन बड़े फंड अभी धीरे-धीरे देख रहे हैं। इसका कारण है कि ग्रोउ का बिजनेस मॉडल अभी भी एकाग्र है — जिसके बारे में विश्लेषक अभी तक एक स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकाल पाए हैं।

क्या ग्रोउ के आईपीओ के बाद और फिनटेक कंपनियां आएंगी?

हां, अगर ग्रोउ सफल होता है, तो Zerodha, Paytm Money, और यहां तक कि नए स्टार्टअप्स भी आईपीओ की तैयारी करने लगेंगे। भारत में फिनटेक इकोसिस्टम के लिए यह एक टर्निंग पॉइंट हो सकता है। लेकिन अगर ग्रोउ नाकाम होता है, तो बाजार फिनटेक के लिए एक ठंडा पानी का बर्तन बन जाएगा — जिससे अन्य कंपनियों के लिए फंडिंग मुश्किल हो जाएगी।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।