मैच का महत्त्व और सीरीज़ की पृष्ठभूमि
22 जुलाई, 2025 को इंग्लैंड के रिवरसाइड ग्राउंड, चेच्टर‑ले‑स्ट्रीट में महिला ODI सीरीज़ का निर्णायक तीसरा मैच खेला जाएगा। पहले दो गेम 1‑1 के बराबर स्कोर पर समाप्त हुए हैं, इसलिए यह मुकाबला न सिर्फ़ जीत‑हार तय करेगा बल्कि दोनों टीमों की आगामी इंडिया महिला क्रिकेट की ODI विश्वकप तैयारी पर भी गहरा असर डालेगा।
पहले ODI में भारत ने 4 विकेट से जीत हासिल की थी, जिसमें दीप्टी शर्मा का 62 (64) का अर्नबिन इनिंग्स चमका। मध्यम क्रम की स्थिरता और स्नेह राणा की इकोनॉमिक गेंदबाज़ी ने टीम को मजबूती दी। वहीं दूसरी मैच में बारिश की वजह से DLS‑समायोजन हुआ; भारत ने 142/8 पर 29 ओवरों में अपनी पारी पूरी की, लेकिन इंग्लैंड ने 115 का लक्ष्य 24 ओवरों में साधारण से अधिक जल्दी चाव लिया। एमी जॉन्स ने 46* की तेज़ फिनिशिंग की, टॉमी ब्यूमोंट की 34* ने सहारा दिया।
इस संदर्भ में तीसरा मैच दोहरी भूमिका निभाएगा – भारत के लिए विश्वकप के पहले बड़े मंच पर आत्मविश्वास जुटाने का अवसर और इंग्लैंड के लिए सीरीज़ को 2‑1 से जीतने की चाह।

टीम की ताकत‑कमजोरी और प्रमुख खिलाड़ी
दोनों पक्षों की ताकत‑कमजोरी को समझना इस मैच को पढ़ने में मदद करेगा। नीचे प्रमुख बिंदुओं को बुलेट लिस्ट में दर्शाया गया है:
- इंडिया महिला क्रिकेट:
- ऑपनिंग पर स्मृति मंडाना की निरंतरता – टीम की सबसे विश्वसनीय बॅटिंग एंकर।
- दीप्टी शर्मा की ध्रुवीय क्षमता – कभी तेज़ स्कोर बना लेती हैं तो कभी सूना हाथ छोड़ देती हैं।
- स्पिन में प्रातिका रावल की नयी ऊर्जा, लेकिन अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिर नहीं हुई।
- बॉलिंग में स्नेह राणा की सटीकता और एलेना शर्मा की मध्यम पेसिंग को साइड‑लाइनर की जरूरत है।
- बॅटिंग गहराई में कमी – मध्य‑क्रम के साथियों पर निरंतर दबाव बना रहता है।
- इंग्लैंड महिला क्रिकेट:
- सॉफी इकलस्टोन की तेज़ बॉलिंग के साथ सोफ़ी एक्लस्टोन की लेग स्पिन, जो पिच पर दबाव बना सकती है।
- एमी जॉन्स और टैमी ब्यूमोंट की अनुभवजन्य फिनिशिंग – कबाड़े में भी लक्ष्य की ओर ले जाती हैं।
- द्वितीय क्रम में धीरज वाली पावरहिटर्स – जैसे एन्ज़ी डॉव्स, जो कम ओवर में जल्दी रन जोड़ते हैं।
- पिच पर तेज़ बॉलिंग का फायदा – इंग्लैंड की गति वाली गेंदबाज़ी को यह सहारा देती है।
- शारीरिक कंट्रोल में कुछ कमी – विशेषकर लम्बे ओवरों में स्टैमिना की चपेट।
पिच की विशेषताओं को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। रिवरसाइड ग्राउंड की 26 ODIs में औसत पहली पारी स्कोर 239 रहा है, और 2‑nd इन्ंनीज जीतने वाली टीमों की संख्या 14 रही है। इसका मतलब है कि पिच धीरे‑धीरे फ़्लैट हो कर बॅटिंग के लिये अनुकूल बनती है, जबकि शुरुआती ओवर्स में तेज़ बॉलर्स को अधिक सहायता मिलती है।
यदि भारत शुरुआती ओवर्स में अपनी ओपनिंग कोर्स को ठोस रखे और मंडाना के साथ रावल का संयोजन जल्दी रन बनाता रहे, तो उन्हें चेज़ के बाद भी लक्ष्य सेट करने की संभावना होगी। इंग्लैंड के पास टॉमी ब्यूमोंट की विकेट‑टेकिंग क्षमता है, जो गति के साथ बॉल की घूमवट में बदलाव कर सकती है। दूसरी ओर, यदि इंग्लैंड का बॉलिंग प्लान प्रभावी रहा और वे पहले 10 ओवर्स में पर्याप्त रन नहीं रख सके, तो भारत को 2‑nd इन्ंनीज में फिनिश करना आसान हो सकता है।
बेटिंग मार्केट ने इंग्लैंड को हल्की पसंद दी है – 1.65 की ओड्स के साथ। यह आंकड़ा उनके बेहतर हेड‑टू‑हेड रिकॉर्ड (78 में 41 जीत) और सॉफी इकलस्टोन की हालिया फॉर्म को दर्शाता है। परंतु क्रिकेट में एक-एक गेंद मायने रखती है, और भारत का लक्ष्य केवल जीत नहीं, बल्कि विश्वकप की तैयारी को सुदृढ़ करना है।
मैच 5:30 PM IST पर शुरू होगा और सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क तथा सोनी LIV पर लाइव प्रसारित होगा। दर्शकों को दो टीमें किस तरह से रणनीति बदलेंगी, कौन से खिलाड़ी तेज़ी से छलांग लगाएंगे, और किस तरह की पिच परिस्थितियों से किन शीर्षकों पर दांव लगेगा, यह सब देखने को मिलेगा।