IPL 2025: अहमदाबाद में हाई वोल्टेज मैच के लिए तैयार गुजरात टाइटन्स और सनराइजर्स हैदराबाद
आईपीएल का 51वां मुकाबला आते-आते तनाव चरम पर पहुंच चुका है। गुजरात टाइटन्स (GT) अपने घरेलू मैदान नरेंद्र मोदी स्टेडियम में जब सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) का सामना करेगी, तो दोनों टीमों के लिए यह मैच सिर्फ दो पॉइंट से कहीं ज्यादा मायने रखता है। गुजरात अभी पिछली हार का ग़म भुलाकर वापसी की उम्मीदों के साथ मैदान में उतरेगा, वहीं हैदराबाद के लिए हर मैच अब करो या मरो का सवाल बन गया है।
प्लेऑफ की रेस दबाव और उम्मीदों से भरी होती है, ऐसे में दोनों टीमों के खिलाड़ी और कप्तान हर गेंद, हर रन के पीछे अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे। खास बात यह है कि अगर गुजरात इस मैच में जीत जाता है तो वह न सिर्फ टॉप पोजिशन पर पहुंच सकता है, बल्कि उसका प्लेऑफ में कॉन्फिडेंस भी दोगुना हो जाएगा। वहीं SRH के लिए हार प्लेऑफ की तस्वीर धुंधली कर सकती है।
पिच का हाल, टॉस का खेल और खिलाड़ियों पर भरोसा
अहमदाबाद की पिच का नाम सुनते ही बल्लेबाजों के चेहरे खिल जाते हैं। बल्ला यहां खूब चलता है, तेज आउटफील्ड और छोटी बाउंड्री हालात को और मुफीद बना देती है। 200 से ऊपर के स्कोर यहां किसी अजूबे से कम नहीं, बल्कि आम बात हैं। तेज गेंदबाज सिर्फ वेरिएशन और सूझबूझ से ही विकेट निकाल सकते हैं, बाकी मुकाबला गेंद और बल्ले के बीच ही होगा। अगर बाद में ओस गिरती है, तो गेंदबाजों को कंसिस्टेंसी मुश्किल दिखाई देती है और बल्लेबाजों को रन बटोरना थोड़ा आसान हो जाता है। यही वजह है कि टॉस जीतने वाला कप्तान पहले गेंदबाजी चुनने में जरा भी नहीं हिचकेगा।
गुजरात अपने घर में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं करेगा। शुभमन गिल अपनी लय में लौट आए हैं, मध्यक्रम में पांड्या का अनुभव भी टीम की प्लस पॉइंट रहेगा। वहीं SRH का दारोमदार विदेशी खिलाड़ियों की फॉर्म और मिडिल ऑर्डर की स्थिरता पर रहेगा, पहले भी देखा गया है कि दबाव में टीम लड़खड़ा जाती है।
प्लेऑफ समीकरण सख्त हो चले हैं। गुजरात की टीम जीत के साथ लगभग अपना टिकट फाइनल कर सकती है, जबकि हैदराबाद के लिए हारने का मतलब रेलिंग से लगभग बाहर हो जाना होगा। दोनों टीमों के रणनीति, खिलाड़ियों का कॉन्फिडेंस और अलग-अलग फॉर्म इस मैच को न सिर्फ अहम, बल्कि रोमांचक भी बना रहे हैं। क्योंकि अब हर रन, हर ओवर, हर कैच प्लेऑफ के दरवाजे खोल या बंद कर सकता है।
saurabh vishwakarma
ये मैच तो बस एक गेंद का फर्क है, एक गलत फैसला, एक लंबी बाउंड्री का फर्क। गुजरात के लिए तो जीतना ही नियम है, लेकिन SRH के लिए ये मैच जीतना है तो दुनिया बदलनी पड़ेगी।
Dr. Dhanada Kulkarni
मैच के बाद चाहे क्या हो जाए, दोनों टीमों ने इस सीजन में जो लगन दिखाई है, वो असली जीत है। खिलाड़ी अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं, और यही खेल की आत्मा है।
MANJUNATH JOGI
अहमदाबाद की पिच? ये तो बल्लेबाजों का स्वर्ग है। जब ओस गिरे और गेंद चलने लगे, तो ये मैच एक धुंधली सी फिल्म बन जाएगा - जहां हर रन एक नया सीन होगा। और हां, टॉस जीतने वाला जीत जाएगा। इतिहास ने ये साबित कर दिया है।
Sharad Karande
गुजरात की टीम में शुभमन गिल का रिटर्न एक एल्गोरिदम की तरह है - ऑप्टिमल परफॉर्मेंस के लिए डिज़ाइन किया गया। पांड्या का एक्सपीरियंस एक फीडबैक लूप है जो टीम को स्टेबलाइज करता है। SRH के मिडिल ऑर्डर में वोलेटिलिटी का रिस्क अभी भी एक नॉन-ट्रिवियल फैक्टर है।
Sagar Jadav
जीतना है तो जीतो, हारना है तो हारो। बहस बेकार है।
Rishabh Sood
इस मैच में न सिर्फ टीमें लड़ रही हैं, बल्कि भाग्य और नियति का भी संघर्ष है। एक गेंद किसी के भविष्य को बदल सकती है - ये क्रिकेट नहीं, ये जीवन का एक अलग रूप है।
Saurabh Singh
SRH के खिलाड़ी तो बस बाहर के देशों से आए हुए बिना दिल के खिलाड़ी हैं। जब दबाव आता है, तो वो गायब हो जाते हैं। गुजरात के लिए ये बस एक बॉल बनाने का मौका है।
Mali Currington
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला? वाह, कितना ब्रेन स्टॉर्म हुआ होगा।
INDRA MUMBA
अहमदाबाद की पिच पर बल्ला चलता है, लेकिन वो बल्ला जो दिल से चलता है - वो तो दुनिया को हिला देता है। शुभमन की लय, पांड्या का दम, और उन दो तेज गेंदबाजों का जुनून - ये सब मिलकर एक गीत बन जाता है। और जब ओस गिरे, तो जैसे प्रकृति भी इस गीत के साथ ताल मिला रही हो।
Anand Bhardwaj
कल रात मैंने एक बच्चा देखा - उसने बिना बल्ले के बल्लेबाजी की नकल की। उसकी आंखों में वही जुनून था जो आज इस मैच में है। शायद ये टीमें नहीं, बल्कि इस देश की ये आत्मा लड़ रही है।
RAJIV PATHAK
इतनी बड़ी बात का इतना छोटा ब्लॉग? मुझे लगता है आपको एक डॉक्टरेट की जरूरत है।
Sonia Renthlei
मैंने इस मैच को देखकर एक बात समझी - जब एक खिलाड़ी बल्ला घुमाता है, तो वो सिर्फ रन नहीं बना रहा होता, बल्कि अपने बचपन के सपनों को भी बना रहा होता है। मैंने अपने भाई को याद किया, जो एक छोटे गांव में लकड़ी के बल्ले से खेलता था, और आज वो एक टीचर है। उसकी आंखों में आज भी वही चमक है। ये मैच सिर्फ एक गेम नहीं, ये एक विरासत है। हर रन एक बच्चे के सपने का हिस्सा है। हर विकेट एक जीत है - जीत जो नाम से नहीं, बल्कि दिल से मिलती है।
Nalini Singh
इस मैच के बाद चाहे कोई भी जीते, यह एक ऐसा अवसर है जिसने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी है। खिलाड़ियों का समर्पण, टीम का सामूहिक प्रयास, और दर्शकों की भावनाएं - ये सब एक साथ एक अनोखा सांस्कृतिक घटना बन गए हैं।