जेमिमाह रोड्रिगेज ने मार्च 2023 में ख़र जिमखाना की पहली महिला क्रिकेटर के रूप में सम्मानित सदस्यता प्राप्त की थी, जिससे वह भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में नई ऊंचाइयां छू गईं। लेकिन अक्टूबर 2024 के वार्षिक आम सभा में इस सदस्यता को समाप्त कर दिया गया, जब क्लब के कुछ सदस्यों ने उनके पिता इवान रोड्रिगेज पर धार्मिक परिवर्तन के आयोजन करने का आरोप लगाया।
आरोपों का मूल और क्लब की प्रतिक्रिया
शिव मल्होत्रा, क्लब के प्रबंधन समिति के सदस्य, ने बताया कि इवान ने मार्च 2023 से नवंबर 2024 के बीच कई बार क्लब की बैंकट हॉल बुक की। वह बुकिंग्स, उनका कहना था, ईसाई एवनजेलिकल समूह 'ब्रदर मैन्युअल मिनिस्ट्रीज़' की परिवर्तन सभाओं के लिए की गई थीं। बुकिंग्स मुख्यतः सप्ताहांत के दिन की गई थीं, जिससे नियमित सदस्यों के लिए हॉल का उपयोग मुश्किल हो गया। कई बार इन बुकिंग्स पर रियायती दरें और सुरक्षा जमा में छूट भी दी गई, जैसा कि क्लब के भीतर कई सदस्यियों ने बताया।
क्लब के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडेकर ने भी इस मुद्दे पर गवाही दी। उन्होंने कहा कि एक बार उन्हें हॉल में अंधेरा और ट्रांस संगीत के साथ एक महिला ने "वह हमें बचाने आएगा" जैसी बातें कहती सुनीं। इस तरह की धार्मिक गतिविधियों की अनुमति क्लब के संविधान में प्रतिबंधित है, इसलिए उन्होंने इस कदम को न्यायसंगत कहा।

इवान रोड्रिगेज का जवाब और राजनीतिक पृष्टभूमि
इवान ने इंस्टाग्राम पर विस्तृत बयान जारी कर सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह जो भी सभा आयोजित करते थे, वे प्रार्थना बैठकें थीं, जो सभी क्लब सदस्यों के लिए खुली थीं और पूरी तरह क्लब के नियमों के तहत हुई थीं। जब क्लब अधिकारियों ने इन बैठकों को रोकने की मांग की, तो उन्होंने तुरंत सहयोग किया। इवान ने यह भी कहा कि इन सभाओं को कभी भी परिवर्तन या रीप्रसिंग के रूप में नहीं देखा गया, और मीडिया में जो भी लेख लिखे गए हैं, वे तथ्यात्मक नहीं हैं।
ख़र जिमखाना के अध्यक्ष विवेक देवनानी ने इस विवाद को राजनीतिक उधार के रूप में देखाते हुए कहा कि क्लब के आगामी चुनावों के कारण कुछ लोगों ने इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी ठोस प्रमाण या दस्तावेज़ का प्रस्तुत नहीं किया गया है, इसलिए यह मामला जटिल है और सतही तौर पर नहीं समझा जा सकता।
सम्प्रदायिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। रिपोर्टों में बताया गया है कि क्लब अध्यक्ष ने बजरंग दल को माफी भी मांगी, जिससे इस विषय की संवेदनशीलता और सामाजिक ध्रुवीकरण की संभावना स्पष्ट होती है।
जेमिमाह के करियर पर इस विवाद का असर भी स्पष्ट हो रहा है। भारत की प्रमुख महिला क्रिकेटर के रूप में उनकी छवि, जो कई युवा लड़कियों के लिये प्रेरणास्रोत रही है, अब एक अलग दिशा में घूम रही है। सदस्यता रद्द होने से न सिर्फ उनके व्यक्तिगत सम्मान पर प्रश्न उठे हैं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के महत्व को भी नई जांच का सामना करना पड़ रहा है।
अंततः, इस मामले ने क्लब सुविधाओं के धार्मिक उपयोग, सार्वजनिक हस्तियों के परिवार के जुड़े विवादों, और क्लब राजनीति के संभावित प्रभाव को लेकर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। आगे क्या निर्णय होंगे, यह समय ही बताएगा, पर इस प्रकार की घटनाएँ भविष्य में समान संस्थानों के प्रबंधन में पारदर्शिता और नियमात्मक कड़ाई की आवश्यकता को दोहराती रहेंगी।