स्पेन के कार्लोस अल्काराज़ की शानदार जीत
सोमवार को ओलंपिक खेलों के टेनिस टूर्नामेंट में स्पेन के विश्व नंबर तीन टेनिस खिलाड़ी कार्लोस अल्काराज़ ने चोट के बावजूद टेलोन ग्रिकस्पूर को हराकर अंतिम 16 में अपनी जगह बना ली। ग्रिकस्पूर के खिलाफ 6-1, 7-6 (7/3) के स्कोर से जीत हासिल कर अल्काराज़ ने यह साबित कर दिया कि वह मुश्किल हालात में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं।
पहला सेट: सरलता से जीत
मैच की शुरुआत में ही अल्काराज़ ने अपना दबदबा बना लिया। पहले सेट में उन्होंने अपने जवाबी हमलों और तेज सर्विस से ग्रिकस्पूर को मात दी। इस सेट में नहीं के बराबर गलती करते हुए उन्होंने 6-1 से मैच जीत लिया। यह प्रदर्शन अल्काराज़ के आत्मविश्वास का परिचायक था और उन्होंने पहले सेट में बेहतरीन खेल दिखाया।
दूसरा सेट: चुनौतीपूर्ण पल
दूसरे सेट में स्थितियां थोड़ी बदल गईं। ग्रिकस्पूर ने अपनी खेल का स्तर उठाया और अल्काराज़ को कड़ी टक्कर दी। इस दौर में मैच ने एक रोमांचक रूप धारण कर लिया। हालांकि, अल्काराज़ अपनी चालाकी और तकनीक के चलते यह सेट भी जीतने में सफल रहे।
चोट का डर और आत्मविश्वास
दूसरे सेट के अंतिम चरणों में, अल्काराज़ को अपने दायें पैर में चोट का अनुभव हुआ। उन्हें चोट के लिए कोर्ट छोड़ना पड़ा और चिकित्सा उपचार लेना पड़ा। यह एक चिंता का विषय था, लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और मैदान में लौटकर खेल जारी रखा। अल्काराज़ ने सेट पॉइंट बचाया और मैच को अपने पक्ष में समाप्त किया।
मैच के बाद, उन्होंने बताया कि यह चोट सिर्फ एक छोटी सी समस्या थी और टेनिस खिलाड़ी के जीवन का सामान्य हिस्सा है। घटना के बावजूद उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने दो सेटों में जीत दर्ज कर बहुत खुशी महसूस की।
भविष्य की उम्मीद
21 वर्षीय अल्काराज़ पहले ही फ्रेंच ओपन और विंबलडन जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीत चुके हैं। टेनिस में उनकी सफलता अब तक चौंकाने वाली रही है। इस ओलंपिक में एकल मुकाबलों के साथ-साथ वह पुरुष युगल मुकाबलों में भी अपने साथी राफेल नडाल के साथ भाग ले रहे हैं।
अगला मुकाबला
अब, अगले दौर में चल कर अल्काराज़ को रॉमन सफीउल्लिन का सामना करना होगा। सफीउल्लिन जोकि रूसी खिलाड़ी हैं, अभी संक्रमण के चलते में एक तटस्थ खिलाड़ी के रूप में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। अल्काराज़ का अब तक का प्रदर्शन शानदार रहा है और उन्होंने अपनी दृढ़ता और साहस से दर्शकों और परिवार को प्रभावित किया है।
ऐसी उम्मीद है कि आनेवाले मुकाबलों में भी कार्लोस अल्काराज़ अपने उत्कृष्ट खेल और संघर्ष की भावना को जारी रखेंगे और ओलंपिक में एक नया इतिहास रचेंगे।
RAJIV PATHAK
अल्काराज़ ने चोट के बावजूद जीत दर्ज की... बस यही नहीं, उन्होंने तो ये भी साबित कर दिया कि टेनिस में टैलेंट से ज्यादा जरूरी है बॉडी लैंग्वेज और एक्सप्रेशन।
मैंने तो सोचा था ये वाला सेट उनके लिए बहुत ज्यादा है।
Nalini Singh
इस जीत का महत्व बस स्कोर पर नहीं, बल्कि सांस्कृतिक संदर्भ में है। भारत जैसे देश में जहां खेलों को बस एक विनोद माना जाता है, ऐसे युवा खिलाड़ी वास्तविक राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक हैं।
उनकी लगन, निरंतरता और अहंकार के बिना जीत का तरीका भारतीय युवाओं के लिए एक शिक्षा है।
Sonia Renthlei
मैं तो बस इतना कहूंगी कि जब एक 21 साल का लड़का दर्द के बीच भी अपने दिल की आवाज़ को अपने रैकेट पर चढ़ाकर दुनिया को दिखाता है, तो ये सिर्फ एक मैच नहीं, ये एक जीवन का संदेश है।
उसके चेहरे पर दर्द था, पर आंखों में आग थी।
मैंने देखा कि वह अपने पैर को छूते हुए भी अपना सर्व बिल्कुल सही लगाता है।
वह नहीं जानता था कि उसकी इस लड़ाई का कोई रिकॉर्ड नहीं होगा, लेकिन वह फिर भी लड़ा।
क्या ये नहीं है कि जीवन का सबसे बड़ा सबक है? नहीं कि तुम जीतोगे, बल्कि ये कि तुम लड़ोगे।
मैं इस बच्चे को देखकर रो पड़ी।
उसके पिता ने शायद उसे खेलना सिखाया, लेकिन उसकी माँ ने उसे जीना सिखाया।
हर बच्चे को ऐसा ही एक अपना कार्लोस चाहिए।
हर माँ को ऐसा ही एक बेटा चाहिए।
हर देश को ऐसा ही एक खिलाड़ी चाहिए।
इस जीत का असली जश्न तब होगा जब हम इसे सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि एक नए जीवन के आरंभ के रूप में देखेंगे।
क्योंकि जब एक लड़का दर्द के बीच भी खेलता है, तो दुनिया उसके लिए खड़ी हो जाती है।
और आज, दुनिया उसके लिए खड़ी हुई।
Aryan Sharma
ये सब बकवास है। चोट लगी तो बस बाहर आ जाता। ये लोग बस दर्द का नाटक करते हैं ताकि लोग उन्हें गुरु मान लें।
मैंने देखा था वो अपने पैर को देखकर आंखें बंद कर लीं। ये फेक है।
ये सब टीवी वालों की फिल्म है।
Devendra Singh
अल्काराज़ का खेल तो बहुत अच्छा है, पर इतना फेम तो क्यों? उसके बाद भी नडाल जैसे लेजेंड्स थे।
अब तो हर छोटा बच्चा अपने घर में अल्काराज़ का नकली रैकेट लेकर घूमता है।
क्या ये नहीं कि दुनिया ने अब सिर्फ टेनिस नहीं, बल्कि ब्रांडिंग खेलना शुरू कर दिया है?
UMESH DEVADIGA
तुम लोग ये तो बताओ कि जब वो चोट लगी तो उसके आंसू थे या नहीं?
क्या उसने देखा कि उसकी माँ कैसे रो रही थी?
क्या उसके पिता ने उसे गले लगाया?
मैंने तो देखा कि वो खेल रहा था... लेकिन उसके अंदर कौन था?
क्या वो बस खिलाड़ी था... या एक इंसान था?
Roshini Kumar
अल्काराज़ की जीत... ये तो बहुत बढ़िया है... लेकिन ग्रिकस्पूर के खिलाफ 6-1... ये तो बस एक बच्चे का खेल लगा... क्या आप लोगों ने उसके स्ट्रोक्स को देखा? वो तो बस लाइनों पर बैठ गया था।
मैंने तो एक अन्य टेनिस वीडियो देखा था जहां एक खिलाड़ी ने वही सेट 6-1 से खो दिया था... लेकिन उसके स्ट्रोक्स बेहतर थे।
ये जीत तो बस एक ट्रेंड है।
Siddhesh Salgaonkar
अल्काराज़ का जीतना तो बहुत अच्छा है... लेकिन ये सब बातें बस इंस्टाग्राम वालों के लिए हैं 😭
मैंने तो देखा उसके बाद उसका फोन उठा रहा था... शायद माँ को कॉल कर रहा था 🤫
पर ये जीत बस एक ट्रेंड है... अगले हफ्ते कोई और ट्रेंड हो जाएगा 😎
Arjun Singh
अल्काराज़ के लिए ये बस एक अगला टूर्नामेंट है।
उसके लिए ये फ्लैगशिप टूर्नामेंट नहीं है।
उसके लिए ये बस एक एक्सपोज़र है।
अगर वो विंबलडन जीत गया तो ये तो बस एक शुरुआत है।
ये जीत उसके लिए एक अनुभव है।
उसके लिए ये बस एक नियमित दिन है।
yash killer
भारत के लिए ये जीत नहीं है ये अल्काराज़ की जीत है और वो स्पेन का है
हमारे खिलाड़ी तो अभी भी अपने घरों में बैठे हैं
हमारे टेनिस को तो बस बारिश में खेलने के लिए बनाया गया है
हमारे बच्चे तो फुटबॉल खेलते हैं और टेनिस को तो बस देखते हैं
इसलिए अल्काराज़ की जीत भारत के लिए नहीं है ये दुनिया की जीत है
Ankit khare
अल्काराज़ की जीत बहुत बढ़िया है लेकिन जब तक भारत के खिलाड़ी अपने खेल के लिए नहीं लड़ते तब तक ये सब बकवास है
मैंने तो देखा एक भारतीय लड़का अपने घर के बाहर टेनिस खेल रहा था और उसके पास एक टूटा हुआ रैकेट था
उसने एक दिन इसी तरह जीत दर्ज की होगी
लेकिन किसने उसे देखा?
किसने उसके लिए एक वीडियो बनाया?
किसने उसके लिए एक ट्वीट किया?
अल्काराज़ की जीत तो बस एक ट्रेंड है लेकिन उसके बाद कौन है जो असली खेल खेल रहा है?
Chirag Yadav
हर एक खिलाड़ी के पीछे एक अनगिनत कहानियाँ होती हैं।
अल्काराज़ की जीत बस एक जीत नहीं, बल्कि एक ऐसी उम्मीद है जो दुनिया भर में छोटे बच्चों को देती है कि चाहे तुम कहीं से भी हो, चाहे तुम्हारे पास कुछ भी न हो, तुम अपने सपनों को पूरा कर सकते हो।
मैंने एक बच्चे को देखा जो अपने घर के बाहर एक टूटे हुए रैकेट से टेनिस खेल रहा था।
उसकी आंखों में वही चमक थी जो अल्काराज़ की आंखों में थी।
ये जीत उस बच्चे के लिए भी है।
हमें बस इतना करना है कि उसके लिए एक रास्ता बनाएं।
Shakti Fast
ये जीत बस एक जीत नहीं है... ये एक बच्चे के दिल की आवाज़ है।
जब तुम दर्द के बीच भी खेलते हो... तो तुम दुनिया को दिखाते हो कि तुम क्या हो सकते हो।
अल्काराज़ ने बस एक मैच नहीं जीता... उसने एक जीवन जीता।
हर बच्चे को ऐसा एक नाम चाहिए... जो उसे बताए कि वो भी कुछ कर सकता है।
और आज... वो नाम कार्लोस अल्काराज़ है।