Microsoft की छंटनी की नई लहर: AI और री-स्ट्रक्चरिंग की आंधी
2025 में Microsoft लेऑफ की खबरें फिर सुर्खियों में हैं। कंपनी ने साल के शुरुआती छह महीनों में ही अपने सेल्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और गेमिंग, खासकर Xbox डिविजन में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरी खत्म कर दी। मई से लेकर जुलाई तक लगातार तीन राउंड में हज़ारों लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इन छंटनियों से सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री से लेकर गेमिंग सेक्टर तक बेचैनी है।
मई 2025 का दौर Microsoft कर्मचारियों के लिए सबसे बुरा रहा। कंपनी ने करीब 6,000 लोगों की छंटनी कर दी — यानी पूरी वर्कफोर्स का लगभग 3 फीसदी एक झटके में चला गया। LinkedIn, Xbox, GitHub और Azure जैसी अहम टीमों में लोगों को निकाला गया। खास बात ये रही, कि इनमें वाशिंगटन राज्य के लगभग 2,000 लोग शामिल थे। कंपनी ने 12 हफ्ते की बेस सैलरी और हर अतिरिक्त साल के लिए 2 हफ्तों के वेतन के हिसाब से सेवरेंस पैकेज दिया, लेकिन नौकरी जाने का दर्द उससे ज्यादा भारी था।
मई के ठीक बाद, जून में करीब 300 और कर्मचारियों की छंटनी की गई। तकनीकी टीम से जुड़े सॉफ्टवेयर इंजीनियर और प्रोडक्ट मैनेजमेंट के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। यहां तक कि लीगल काउंसल भी इस बार की लिस्ट में थे, जिससे एक सवाल खड़ा हो गया — क्या कंपनी अपनी पूरी रणनीति ही बदल रही है?
जुलाई में छंटनी का तीसरा दौर आने जा रहा है, जिसमें मुख्य तौर पर सेल्स और कस्टमर-फेसिंग रोल्स के कर्मचारियों को निकाला जाएगा। Microsoft का सेल्स डिविजन पहले ही काफी वड़ा है, जिसमें लगभग 45,000 लोग काम करते हैं। कंपनी अप्रैल 2025 में ऐलान कर चुकी थी कि छोटे और मिड-साइज बिजनेस सॉफ्टवेयर की बिक्री अब थर्ड पार्टी पार्टनर्स के ज़रिए करवाई जाएगी, तो इन-हाउस टीम की जरूरत वैसे ही घट रही है।

बदलती रणनीति: AI का बढ़ता दबदबा, कर्मचारियों के लिए चिंता
Microsoft की हर हाल में कोशिश है कि वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को पूरे सिस्टम में उतार दे। CEO सत्य नडेला मान चुके हैं कि अब कंपनी के 30 प्रतिशत कोड खुद AI जनरेट कर रही है! इससे डेवलपमेंट की रफ्तार तो तेज़ हुई, लेकिन कई Developers और इंजीनियर्स की जरूरत ही खत्म हो गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Microsoft अपनी ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने के नाम पर और फालतू मैनेजमेंट लेयर्स भी कम कर रहा है, ताकि फैसला तेज़ी से हो सके। यही नहीं, सेल्स और अकाउंट मैनेजमेंट जैसे रोल्स को बाहरी एजेंसियों को देने की नीति अपनाई जा रही है।
हर कटौती के बाद कंपनी के अंदर का माहौल और तल्ख होता जा रहा है। कुछ टीमों ने इसे 'ब्लडबाथ' कह डाला है, तो कई लोग खुलकर सोशल मीडिया पर नाराज़गी दिखा चुके हैं। खास बात यह है कि परफॉर्मेंस के नाम पर निकाले गए कर्मचारियों के लिए दो साल तक कंपनी दोबारा जॉब पर नहीं लेगी।
हालांकि, इस सबके बावजूद Microsoft का मुनाफा रिकॉर्ड स्तर पर है। 2025 की पहली तिमाही में कंपनी को 25.8 अरब डॉलर का नेट प्रॉफिट हुआ है, जिसमें सबसे बड़ा योगदान AI सर्विसेज का रहा। कंपनी उसी पैसे से इस साल AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर करीब 80 अरब डॉलर खर्च करने वाली है, हालाँकि Q1 में खर्च में हल्की कमी भी देखी गई।
Microsoft की छंटनियों ने टेक वर्ल्ड में फिर से ये सवाल खड़ा कर दिया है—क्या AI की आंधी में इंसानी नौकरियां सही मायनों में सुरक्षित हैं? और क्या बड़ी टेक कंपनियों की तेजी से बदलती रणनीति भविष्य में भरोसा कायम रख पाएगी?