मेलबर्न पर नितीश का कमाल
भारतीय क्रिकेट का एक अद्भुत क्षण देखने को मिला जब 21 वर्षीय ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में शानदार शतक जड़ा। क्रिकेट के इस प्रतिष्ठित प्रारूप में अपनी पहली सेंचुरी बनाते हुए नितीश ने न केवल अपने खेल कौशल का परिचय दिया बल्कि पुरे क्रिकेट जगत को अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया।
जब नितीश ने क्रीज पर कदम रखा, टीम इंडिया का स्कोर 164 पर 5 था, और ऑस्ट्रेलिया द्वारा बनाए गए विशाल 310 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए स्थिति चुनौतीपूर्ण थी। इस स्थिति में नितीश को चौथा दिन खेलते हुए फॉलो-ऑन से बचने का दवाब था। उन्होंने 171 गेंदों पर अपनी सेंचुरी पूरी की, जिसमें उनकी तकनीकी क्षमता और दबाव में खेलने की अद्वितीय क्षमता ने सबका दिल जीत लिया।
साझेदारी की शक्ति: वॉशिंगटन सुंदर के साथ
नितीश ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर 127 रनों की मजबूत साझेदारी की, जिसने टीम को फॉलो-ऑन से बचाया और स्थिति बेहद नाजुक से कुछ हद तक स्थिर होने की ओर बढ़ गई। इस साझेदारी में रेड्डी का योगदान असीम था, जिन्होंने पूरी टीम को एक नया आत्मविश्वास दिया।
प्रशंसा: एक युवा सितारे का उदय
नितीश के इस प्रदर्शन की क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों दोनों ने सराहना की। उनकी सेंचुरी को 'दबाव में खेला गया सर्वाधिक उत्कृष्ट शतक' कहा जा रहा है। यह युवा खिलाड़ी अपने आईपीएल प्रदर्शन के कारण भारतीय टीम में चयनित हुआ था, और इस टेस्ट मैच में उनकी पारी ने उनके चयन को पूरी तरह से सही साबित किया।
रिकॉर्ड और भविष्य
इस शतक के साथ, नितीश ने भारतीय गेंदबाजी दिग्गज अनिल कुंबले के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यह मुकाम हासिल किया है, जो उनकी अथक मेहनत को दर्शाता है। इस सफलता ने यह दिखा दिया कि वे भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कितने उपयोगी साबित हो सकते हैं।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के इस मैच में, खेल की दिशा में कई बार बदलाव आया है। ऑस्ट्रेलिया शुरुआत में मजबूत स्थिति में थे, लेकिन नितीश की इस सेंचुरी ने खेल के समीकरण को पूरी तरह से पलट दिया, भारत को वापसी करने का एक सुनहरा मौका प्रदान करते हुए। खेल अभी भी अधूरा है और परिणाम उत्साहजनक हो सकता है क्योंकि तीसरे दिन के खत्म होने पर भारत 116 रनों से पीछे चल रहा था जब खराब मौसम के कारण खेल रोका गया।
इस प्रकार की उपलब्धि न केवल नितीश के करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी बल्कि यह भारतीय क्रिकेट को भी आगे बढ़ाने में सहायक होगी। दबाव के क्षणों में उनकी खेली गई इस पारी ने यह सिद्ध कर दिया कि आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट में रेड्डी जैसे खिलाड़ी कितने महत्वपूर्ण हो सकते हैं। क्रिकेट प्रेमियों को अब उनके आगे के मैचों का बेसब्री से इंतजार होगा क्योंकि उन्होंने पहले ही अपने प्रशंसकों के दिलों में खास जगह बना ली है।
Mali Currington
अरे भाई, ये नितीश कुमार रेड्डी कौन है? मुझे तो लगता है ये कोई नया डिलीवरी बॉय है जिसने बस एक बार गेंद फेंकी और फिर बैट लेकर चला गया।
INDRA MUMBA
इस पारी में तो सिर्फ़ स्कोर नहीं, बल्कि साइकोलॉजिकल रिसिलिएंस का एक डॉक्यूमेंट्री देखने को मिला। नितीश ने टेस्ट क्रिकेट के इंटीरियर डायनामिक्स को री-डिफाइन कर दिया - फॉलो-ऑन के डर के बजाय एक नए फ्रेम ऑफ रेफरेंस का निर्माण किया। उसकी टेक्निकल प्रिसिजन, वो फूल्स शॉट्स जो असल में गेंद के रोटेशन को एंट्रॉपी में ट्रांसफॉर्म कर रहे थे... ये तो फिजिक्स का एक नया लैब है।
Anand Bhardwaj
अनिल कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ने का दावा? अरे भाई, कुंबले ने तो 619 विकेट लिए थे। ये लड़का एक मैच में 171 गेंदों पर 100 बना दिया, और अब वो इतिहास बना रहा है? बस एक शतक के लिए इतना शोर मत करो।
RAJIV PATHAK
अरे ये सब ट्रेंडी नितीश वाला नारा तो बहुत बोरिंग है। इस तरह के बच्चे तो आईपीएल के बाद हर दूसरे महीने आ जाते हैं। अगर ये वाकई टेस्ट क्रिकेट का भविष्य है, तो हमारा क्रिकेट तो अब टी-20 के बाद बस एक रियलिटी शो हो गया है।
Nalini Singh
यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। एक युवा खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव के बीच अपनी तकनीक, दृढ़ता और शांत आत्मा के साथ एक ऐसा अद्भुत प्रदर्शन किया है, जो न केवल उसके व्यक्तित्व को दर्शाता है, बल्कि भारतीय युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है। इस प्रकार की उपलब्धि को सादगी और आत्मविश्वास के साथ सम्मानित किया जाना चाहिए।