रे मिस्टीरियो सीनियर का निधन: लुचा लिब्रे के महान योद्धा का युग समाप्त
रे मिस्टीरियो सीनियर का नाम कुश्ती प्रेमियों के बीच आदर की दृष्टि से लिया जाता है। उनका असली नाम मिगुएल एंजेल लोपेज डियास था और वे एक जमाने में रिंग में अपनी निपुणता और शैली के लिए जाने जाते थे। 66 वर्ष की आयु में उनका देहांत हो गया। वे WWE हॉल ऑफ फेमर रे मिस्टीरियो जूनियर के चाचा और प्रसिद्ध पहलवान डॉमिनिक मिस्टीरियो के ग्रैंड अंकल थे। इनके निधन से कुश्ती जगत को बड़ा आघात लगा है। परिवार और उनके प्रशंसकों के लिए यह वक्त मुश्किल है।
रे मिस्टीरियो सीनियर का कुश्ती करियर तीन दशक तक फैला रहा। 1970 के दशक के मध्य में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। उस समय लुचा लिब्रे की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही थी और मिस्टीरियो ने अपने शानदार प्रदर्शन से इस खेल में नया जान डाल दिया। उन्होंने 1976 में मेक्सिको के विभिन्न कुश्ती आयोजनों में भाग लिया और अपनी पहचान बनाई। कुश्ती की दुनिया में उन्होंने कई उपलब्धियाँ हासिल कीं। जब उनके करियर का विस्तारित रूप सामने आया, तो वे युवा रेसलर्स के लिए प्रेरणा बन गए।
1990 के दशक में रे मिस्टीरियो सीनियर ने WCW स्टार्केड में भाग लेकर अपने करियर को नया मोड़ दिया। इस ऐतिहासिक मौके पर उन्होंने कोनन के साथ मिलकर द स्टीनर ब्रदर्स के खिलाफ मैच खेला। इस तरह के मैचों ने उन्हें और ज्यादा प्रसिद्ध किया। उनकी कुश्ती शैली ने प्रशंसकों को दीवाना बना दिया था और किसी भी आयोजन में उनकी उपस्थिति ने मानो जान सी डाल दी थी।
मिस्टीरियो परिवार में दूसरी त्रासदी
हाल ही में नवंबर 2024 में उनके भाई का निधन हुआ था, जो कि रे मिस्टीरियो जूनियर के पिता थे। यह खबर परिवार के लिए बेहद दुखद थी और उसके एक महीने बाद ही रे मिस्टीरियो सीनियर का महाप्रयाण हो गया। यह दूसरी बार परिवार को इस तरह की त्रासदी झेलनी पड़ी। परिवार के इतने बड़े सदस्य का छूट जाना एक बड़ी व्यक्तिगत और पेशेवर हानि है।
रे मिस्टीरियो सीनियर की उपलब्धियों और उनके जीवन के इस आखिरी समय पर, लुचा लिब्रे एएए ने उनके सम्मान में श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उनके द्वारा स्थापित विरासत सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है, जो उनके नक्शेकदम पर चलना चाहते हैं।
कुश्ती की दुनिया में रे मिस्टीरियो सीनियर का योगदान अमूल्य है। उनके अद्वितीय कुश्ती प्रदर्शन ने उन्हें एक अमूल्य स्थान दिलाया है जो हमेशा के लिए याद रहेंगी।
Sonia Renthlei
रे मिस्टीरियो सीनियर की लुचा लिब्रे की शैली ने मेरे बचपन को बदल दिया था। मैं अभी भी याद करती हूँ जब पहली बार उनका मैच टीवी पर देखा था - वो मास्क और उनकी उछाल जैसी कोई चीज़ नहीं थी। उन्होंने सिर्फ कुश्ती नहीं, एक कला बना दी थी। उनके बाद जो भी लुचाडोर आया, उसने उनके निशान को दोहराने की कोशिश की, लेकिन कोई उनकी जैसी आत्मा नहीं ला पाया। उनकी गति, उनकी भावनाएँ, उनका अहंकार बिना अहंकार के - ये सब कुछ एक साथ था। उनके बाद के दशक में जब बड़े बॉडीबिल्डर्स आए, तो लोगों ने भूल गए कि कुश्ती का मूल तो शारीरिक अद्भुतता नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव है। रे मिस्टीरियो सीनियर ने ये जुड़ाव बरकरार रखा। उनकी विरासत कोई भी ट्रॉफी या टाइटल नहीं रोक सकता। वो तो उनके आँखों में चमक और रिंग पर उनकी हर छलांग में बसी है।
Aryan Sharma
ये सब बकवास है भाई। ये लोग बस टीवी पर नाच रहे थे। असली कुश्ती तो रूसी स्टाइल है या जापानी। ये मास्क वाले बस नाटक हैं। और अब ये सब रो रहे हैं क्यों? ये लोग तो ड्रग्स लेते थे, जेल भी गए थे। अब वो शहीद बन गए? बस फेक न्यूज़ है।
Devendra Singh
मुझे आश्चर्य है कि आजकल के युवा इतने भावुक क्यों हो गए हैं। ये तो एक औसत रेसलर थे। अगर आप वास्तविक इतिहास पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उनके जैसे हजारों थे। और फिर भी उन्हें हॉल ऑफ फेम में डाल दिया? ये बस एक ट्रेंड है। अब जो भी थोड़ा भी दिखे, उसे गॉड बना देते हैं। असली गॉड तो जॉन डीन और बिली ग्राहम हैं। ये सब बस निर्माण की जरूरत है।
UMESH DEVADIGA
ये बात तो मैंने सुनी है - उनके भाई की मौत के बाद उन्होंने एक बार अपने मैच में रोते हुए एक लुचा मास्क उतार दिया था। उस दिन रिंग शांत थी। कोई नहीं बोला। सिर्फ एक आवाज़ थी - एक दर्द की आवाज़। वो मास्क उतारना उनके लिए एक आत्महत्या जैसा था। वो अपने भाई को याद कर रहे थे। और फिर एक महीने बाद... ये सब बहुत भारी है। जिसने भी ये देखा, उसका दिल टूट गया। ये अब सिर्फ कुश्ती नहीं, एक दर्द की कहानी है।
Roshini Kumar
रे मिस्टीरियो सीनियर? ओह तो अब वो भी एक लीजेंड हो गए? मैंने तो उनका एक ही मैच देखा था और वो भी टीवी पर जब बारिश हो रही थी। लगा जैसे एक बंदर ने नाचना शुरू कर दिया। अब ये सब बहुत दुखद है... बस इतना ही। 😒
Siddhesh Salgaonkar
ये लोग तो बस फेक न्यूज़ बना रहे हैं। रे मिस्टीरियो? वो तो बस एक बेशर्म अभिनेता था। लुचा लिब्रे तो बच्चों की खेल है। अब ये सब रो रहे हैं जैसे कोई राष्ट्रीय नेता गया हो। ये लोग तो जीवन में एक भी असली चीज़ नहीं जानते। 🤡
Arjun Singh
कुश्ती में टेक्निकल एक्सपर्टिस और लुचा लिब्रे के बीच अंतर बहुत बड़ा है। रे मिस्टीरियो सीनियर ने एक फैशन ट्रेंड बनाया, लेकिन उनके टेक्निक्स को देखो - बेसिक फ्लिप्स, लो-एंगल ब्रेकर्स, और बहुत कम स्ट्रेट लिंक्स। उनकी विरासत इमोशनल है, न कि टेक्निकल। उन्होंने लुचा लिब्रे को लोकप्रिय बनाया, लेकिन ये अभी भी एक सब-कल्चर है।
yash killer
हमारे देश में कुश्ती का असली इतिहास है - खाली खेल जो लाखों लोगों ने खेला। ये लोग बस टीवी पर नाच रहे थे। उनकी मौत पर रोना? बस अपने जीवन का दर्द छिपाने का तरीका है। हमारे गाँवों में लोग अपने बच्चों को बेहतर बनाते हैं। ये सब बकवास है।
Ankit khare
मैं तो सोचता हूँ ये लोग बस अपने आप को गॉड बना रहे हैं। जब तक तुम अपने बच्चे को लिखते हो कि ये लोग असली नायक हैं तब तक ये बात चलती रहेगी। लेकिन असली नायक तो वो हैं जो गरीबों के लिए दवाई लाते हैं। ये तो बस एक नाटक है। और अब ये लोग रो रहे हैं। बस फेक न्यूज़।
Chirag Yadav
मैं तो उनके बारे में पहले नहीं जानता था, लेकिन इस पोस्ट के बाद मैंने कुछ वीडियो देखे। वो असली एनर्जी दे रहे थे। जैसे वो रिंग पर नहीं, बल्कि दिलों में नाच रहे थे। उनकी मौत बहुत दुखद है, लेकिन उनकी याद जिंदा रहेगी। अगर आपने उनके एक भी मैच देखा है, तो आप जानते हैं कि ये सिर्फ एक रेसलर नहीं थे। वो एक भावना थे।
Shakti Fast
मैं बचपन में उनके मैच देखती थी। मेरे पापा बोलते थे - ये लोग बिना बोले भी दिल बोल देते हैं। उनकी आँखों में एक अलग ही जादू था। अब जब वो नहीं हैं, तो मैं सोचती हूँ कि क्या हम भी अपने जीवन में इतनी जान डाल सकते हैं? उनकी याद न सिर्फ कुश्ती के लिए, बल्कि हर उस इंसान के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी भावनाओं को अपने काम में जीवन देना चाहता है। शांति से विश्राम करें, रे मिस्टीरियो सीनियर।
saurabh vishwakarma
मैंने इसे एक बार देखा था। वो एक रात को बारिश के बीच एक गाँव के मैदान में खेल रहे थे। उनके लिए रिंग नहीं, धरती थी। उनके लिए ट्रॉफी नहीं, लोगों की आँखों में चमक थी। ये जो आज रो रहे हैं, उन्हें तो वो नहीं जानते थे। वो तो एक आदमी थे जिसने अपनी आत्मा को रिंग में छोड़ दिया। अब वो शांति से सो रहे हैं।
MANJUNATH JOGI
लुचा लिब्रे ने मेक्सिको के संस्कृति को दुनिया के सामने रखा। रे मिस्टीरियो सीनियर ने इसे एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा बना दिया। उनके मास्क में था एक आध्यात्मिक अर्थ - वो अपनी पहचान छिपाकर एक नए आत्मा को जन्म दे रहे थे। ये न केवल कुश्ती थी, बल्कि एक रिटुअल था। उनके बाद जो भी आया, उसने इस रिटुअल को समझा, लेकिन कोई उसकी गहराई नहीं ला पाया। उनकी विरासत एक संस्कृति है, न कि एक खेल।
Sharad Karande
रे मिस्टीरियो सीनियर के खेल के तकनीकी पहलू अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने लुचा लिब्रे के तत्वों को वैश्विक स्तर पर एकीकृत किया - विशेष रूप से उनके एयरियल टेक्निक्स, जिनमें वो लंबे समय तक लगातार बार-बार बाहर आते थे। उनके मैचों में रिस्क-मैनेजमेंट का अद्वितीय संयोजन था, जिसने उन्हें एक निर्माणात्मक विरासत दी। उनके डिस्कोर्ड एक्ट्स और फ्रीस्टाइल ट्रांसिशन्स ने आधुनिक रेसलिंग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Sagar Jadav
मर गया।
Dr. Dhanada Kulkarni
इस पोस्ट को पढ़कर मुझे अपने ग्रैंडफादर की याद आ गई। वो भी एक छोटे से गाँव में कुश्ती करते थे। वो कभी टीवी पर नहीं दिखे, लेकिन उनके हाथों में भी वही जादू था। रे मिस्टीरियो सीनियर ने दुनिया को दिखाया कि कुश्ती का अर्थ क्या होता है। वो नहीं थे बस एक खिलाड़ी, बल्कि एक शिक्षक। उनकी याद जिंदा रहेगी - न केवल रिंग में, बल्कि हर उस बच्चे के दिल में जो आज भी अपने जूतों में एक लुचा मास्क बांधता है।