जब आजतक ने साहित्य आजतक के टिकट बुकिंग‑धोखाधड़ी के बारे में चेतावनी जारी की, तो हर साहित्य प्रेमी की धड़कन तेज़ हो गई। मंच पर फैंस की भीड़, मशहूर कवियों के लाईव परफ़ॉर्मेंस और रंग‑रूम में गूंजती कविताएँ, सब कुछ तभी सही मज़ा देता है जब टिकट का कागज़ सुरक्षित हाथों में हो।

इतिहास में साहित्य आजतक

पहली बार इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर ऑफ आर्ट्स के मंच पर इस मेले का लाउडस्पीकर 2016 में गूँज उठा। तब यह मात्र दो‑दिन का कार्यक्रम था, पर कवियों‑कलाकारों के लगातार आकाशीय बुलंदियों को छूने की चाह ने इसे 2017 से तीन‑दिन में बदल दिया। महामारी के कारण 2020‑2021 में विराम आया, लेकिन 2024 में मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम, नई दिल्ली में फिर से धूम मच गई।

2024 का बड़ा मंच

22‑24 नवंबर को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित इस तीन‑दिवसीय महोत्सव में किरन बेदी, हरिओम पवार, अनूप जलोटा और वसीम बरेलवी जैसे प्रमुख कवि‑लेखकों ने मंच संभाला। उनके काव्य‑सत्र, संगीत‑संघर्ष और विचार‑मुठभेड़ ने दर्शकों को नयी ऊर्जा से भर दिया।

टिकट बुकिंग का सही रास्ता

भूल‑भुलैया जैसी ऑनलाइन दुनिया में, बुकमायशो, इन्साइडर और आधिकारिक साइट aajtak.in/sahitya ही तीन वैध द्वार हैं। एक साधारण मिस्ड‑काल, 9310330033, से भी टिकट मिल जाता है—सिर्फ एक ‘हॉं’ की आवाज़ और फिर आपका बुकिंग कन्फर्म। यहाँ तक कि फॉर्मेटेड कूट‑कोड “SAHITYAFANS2025” से 2025 के पहले‑दिनों में 1997 रुपये तक की बचत भी हो सकती है।

  • ऑनलाइन: aajtak.in/sahitya (अधिकृत)
  • बुकमायशो ऐप/वेब (सुरक्षित)
  • इन्साइडर पोर्टल (धरोहर)
  • मिस्ड कॉल: 9310330033 (तीन‑स्टेप साधा)

धोखाधड़ी की रचना और बचाव के उपाय

पिछले दो‑तीन हफ़्तों में हमने कई शिकायतें देखीं, जहाँ फर्जी साइटें ‘साहित्य‑आजतक.com’, ‘sahitya2024.in’ जैसे डोमेन लेकर कस्टमर के विवरण और पैसा दो‑तीन मिनट में खो देते हैं। आजतक ने इशारा किया कि ऐसे लिंक पर क्लिक करके आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक‑डिटेल्स और कभी‑कभी तो अपने पहचान‑पत्र भी दे सकते हैं। यदि आपको संदेह है कि आपने गलत प्लेटफ़ॉर्म से बुकिंग की है, तो तुरंत [email protected] पर ई‑मेल भेजें।

स्टेकहोल्डर्स की प्रतिक्रिया

सुरक्षा‑विशेषज्ञ राजेश वर्मा ने कहा, “ऑनलाइन टिकटिंग में दो‑तीन भरोसेमंद माध्यम ही हों तो फर्जी साइटों को भरोसा नहीं मिलेगा।” वहीं, कवि‑सत्र के आयोजक समीरा गुप्ता ने कहा, “हमारे दर्शक मुख्य रूप से युवा वर्ग हैं; उन्हें डिजिटल साक्षरता सिखाना हमारा कर्तव्य है।” दर्शकों में भी अफ़वाह‑फैली को रोकने के लिए तुरंत सोशल‑मीडिया पर चेतावनी पोस्ट की जा रही है।

भविष्य की योजना: साहित्य आजतक 2025

साहित्य आजतक 2025, जो 21‑23 नवंबर को वही स्टेडियम में होगा, अब आधिकारिक बुकिंग शुरू कर चुका है। इस बार ‘परिवार‑ऑफ़र’ से दो टिकट पर बचत 1997 रुपये से भी अधिक होगी। आयोजक चाहते हैं कि अधिक से अधिक ग्रामीण‑शहर के युवा इस महाप्रदर्शन में भाग लें, इसलिए दिल्ली के बाहरी इलाकों में भी पॉप‑अप स्टॉल लगाए गए हैं।

Frequently Asked Questions

साहित्य आजतक के टिकट कहाँ बुक किए जा सकते हैं?

केवल तीन आधिकारिक स्रोतों – aajtak.in/sahitya, बुकमायशो ऐप/वेब और इन्साइडर पोर्टल – से ही टिकट बुक करने चाहिए। साथ ही 9310330033 पर मिस्ड कॉल करके भी बुकिंग वैध है।

अगर मैंने गलत वेबसाइट से टिकट खरीदा तो क्या करें?

फ़ौरन [email protected] पर ई‑मेल भेजें, टिकट की पुष्टि, भुगतान रसीद और खरीदी का स्क्रीनशॉट संलग्न करें। टीम सत्यापन के बाद रिफ़ंड प्रक्रिया शुरू करेगी।

साहित्य आजतक 2024 में कौन‑कौन से कलाकार शामिल थे?

2024 में प्रमुख हस्तियों में कवि‑लेखक किरन बेदी, हरिओम पवार, अनूप जलोटा, वसीम बरेलवी, साथ ही कई नर्तक, संगीतकार और मंच‑कलाकारों ने योगदान दिया। उनका सामूहिक प्रदर्शन दर्शकों को विभिन्न भाषा‑साहित्यिक धारा में ले गया।

भविष्य में साहित्य आजतक के लिए क्या नया प्रस्ताव है?

2025 में 21‑23 नवंबर को आयोजित होने वाला महोत्सव ‘परिवार‑ऑफ़र’ के साथ आएगा, जिसमें दो टिकट पर 1997 रुपये की बचत का विकल्प होगा। साथ ही, कूपन कोड SAHITYAFANS2025 के माध्यम से विशेष छूट मिलेगी।

टिकट बुकिंग के दौरान सुरक्षा के लिए कौन‑से कदम उठाएँ?

पहले https:// से शुरू होने वाले आधिकारिक लिंक देखें, दो‑तीन वन‑टाइम पासवर्ड (OTP) के माध्यम से भुगतान करें, और किसी भी अनजाने ई‑मेल या SMS में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें। यदि संदेह हो तो सीधे आजतक की आधिकारिक ग्राहक सेवा पर संपर्क करें।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

4 टिप्पणि

  • Gauri Sheth

    Gauri Sheth

    आजतक के इस चेतावनी को देखकर मेरा दिल भारी हो गया है।
    साहिता प्रेमी लोगों को बेवकूफ बनाना कोई छोटा काम नहीं है।
    हमारे संस्कृति की कीमत को झुलाई जाने वाली फर्जी साइटें बर्दाश्त से बाहर हैं।
    हर एक व्यक्ति को समझना चाहिए कि आधिकारिक प्लेटफ़ॉर्म ही सुरक्षित है।
    बिना सोचे-समझे कॉल पर पैसे भेजना भी ग़लत है।
    यह नहीं सिर्फ़ आपका ही नहीं, बल्कि कलाकारों की भी इज्ज़त है।
    अगर आप डॉमी साइट से टिकट बुक करेंगे तो कलाकारों की मदद कम होगी।
    यह धोखा किताब नहीं, बल्कि इंसान के भरोसे की बेइज्ज़ती है।
    मैं तुम्हें सचेत करना चाहती हूँ कि 9310330033 वाली मिस्ड‑कॉल केवल वैध है।
    ऑफ़िशियल वेबसाइट aajtak.in/sahitya पर जाना ही एकमात्र सही रास्ता है।
    किसी भी अनजाने लिंक को क्लिक करना आपके बैंक‑डिटेल्स को जोखिम में डालता है।
    इसलिए, अपने परिवार और दोस्तों को भी इस बारे में बताइए।
    समाज में फर्जी साइटों को नष्ट करने के लिए हमें मिलकर आवाज़ उठानी होगी।
    देश की संस्कृति को बचाने का काम हम सबका है।
    आइए इस चेतावनी को फैलाकर हर व्यक्ति को सुरक्षित बुकिंग की दिशा में ले जाएँ।
    भविष्य में हम सभी एक साफ़ और भरोसेमंद मंच देखेंगे।

  • om biswas

    om biswas

    भले ही दिल से डर लगे, पर मैं कहूँगा कि आधिकारिक साइट ही नहीं, कई निजी प्लेटफ़ॉर्म भी भरोसेमंद हैं।
    सरकार की बात सुनना जरूरी नहीं जब तक खुद के अनुभव से भरोसा नहीं बनता।

  • sumi vinay

    sumi vinay

    बहुत अच्छा कि आजतक ने इस मुद्दे को उठाया, इससे हर युवा को सजग होने का मौका मिलेगा।
    आधिकारिक प्लेटफ़ॉर्म की सुरक्षा हम सभी को आत्मविश्वास देती है।
    आइए, इस जागरूकता को फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी शेयर करें, ताकि और लोग सुरक्षित बुकिंग कर सकें।
    साथ ही, कार्यक्रम के दौरान कवियों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए भी यह एक सुनहरा अवसर है।
    मैं आशा करती हूँ कि अगले साल भी ऐसी ही सच्ची जानकारी मिलेगी।

  • Anjali Das

    Anjali Das

    यहाँ तक कि आधिकारिक साइट भी कभी‑कभी गड़बड़ कर सकती है, इसलिए हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
    सिर्फ़ एक कॉल में धोखा नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर फ़ैसले भी लिये जा सकते हैं

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