सनी देओल की 'जात' और उम्मीदें
बॉलीवुड के मंझे हुए अभिनेता सनी देओल की नई एक्शन फिल्म 'जात' बड़े पर्दे पर धूम मचाने के लिए तैयार है। इस फिल्म को तेलुगु निर्देशक गोपीचंद मलिनिनी ने निर्देशित किया है और इसमें सनी के साथ रणदीप हुड्डा और विनीते कुमार सिंह भी मुख्य भूमिकाओं में हैं। 'जात' की बॉक्स ऑफिस पर शुरुआत मजबूत होने की उम्मीद है, खासकर महावीर जयंती की छुट्टी के कारण।
फिल्म की एडवांस बुकिंग ने पहले से ही 41,000 टिकट बिक चुके हैं, जिससे यह हिंदी फिल्मों में 2025 के लिए 7वें स्थान पर पहुँची है। इस श्रेणी में कंगना रनौत की 'इमर्जेंसी' के बराबर तो है, लेकिन 'सिकंदर' से कम।
रीजनल परफॉरमेंस और संभावित कमाई
'जात' की रीजनल परफ़ॉर्मेंस की बात करें तो यह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और गुजरात में मजबूत प्रदर्शन कर रही है, हालांकि पंजाब में अभी तक कम बुकिंग देखी गई है। विशेष निरिक्षकों का अनुमान है कि फिल्म पहले दिन लगभग ₹10 करोड़ कमा सकती है। यह सनी देओल की 'गदर 2' के बाद दूसरी सबसे बड़ी ओपनिंग होगी।
फिल्म को महावीर जयंती से लेकर आगे आने वाले बाइसाखी और अंबेडकर जयंती की छुट्टियों के चलते लंबे सप्ताहांत का भी फ़ायदा मिल सकता है। शुरुआती अनुमान के हिसाब से सुबह और दोपहर के शो से लगभग ₹6.93 करोड़ आने की उम्मीद है, और दिन के अंत तक ₹10 करोड़ का लक्ष्य प्राप्त करने की योजना है।
फिल्म के पास देशभर में 5,600 शो हैं और 18 अप्रैल तक कोई भी सीधा मुकाबला नहीं है, जिससे 'जात' की कमाई को और पंख लगने की संभावना है। सनी देओल की स्टार पॉवर और फिल्म की एक्शन-पैक्ड नैरेटिव फिल्म के सफल होने में सहायक हो सकते हैं।
yash killer
ये फिल्म बस एक फिल्म नहीं है ये भारत की आत्मा की आवाज है और कोई भी इसे नीचा दिखाने की कोशिश करे तो वो देशद्रोही है
UMESH DEVADIGA
अरे भाई ये सनी देओल की फिल्म तो बस राजनीति का धोखा है जिसमें एक्शन के नाम पर नस्लवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है और लोग इसे पसंद कर रहे हैं बस इसलिए क्योंकि उन्हें अपने अहंकार को दिखाने का मौका मिल रहा है
Roshini Kumar
अरे यार 41k tickets? तो फिर भी बॉक्स ऑफिस पर तो ये फिल्म लोगों के दिमाग में बैठ गई है ना? मैंने तो अभी तक किसी ने भी इसे देखा नहीं लेकिन मैं इसके बारे में बहुत कुछ सुन चुकी हूँ और मुझे लगता है ये फिल्म बस एक बड़ा गुमराह करने वाला शो है
Siddhesh Salgaonkar
लोगों को तो बस एक्शन चाहिए और जब तक वो बाबा रामदेव के नाम पर बॉक्स ऑफिस चल रहा है तो ये फिल्म बस एक धोखा है 😤 और अगर तुम इसे देखोगे तो तुम भी एक नरेंद्र मोदी के फैन बन जाओगे 🤡
Arjun Singh
अगर ये फिल्म रीजनल मार्केट में इतनी स्ट्रॉन्ग है तो ये बस एक लोकल नैरेटिव का रिस्पॉन्स है जिसमें एक्शन के नाम पर एक नए तरह के नेशनलिज्म को फोम किया जा रहा है और ये बिल्कुल नहीं गुड है
Ankit khare
इस फिल्म को देखने वाले लोग अपनी पहचान को एक्शन फिल्म के जरिए बदलना चाहते हैं और ये बहुत खतरनाक है क्योंकि ये फिल्म न सिर्फ एक मनोरंजन है बल्कि एक आयुध है जिसे किसी भी गुरु ने बनाया है
Chirag Yadav
अगर ये फिल्म बस एक्शन के नाम पर बनी है तो ये बहुत अच्छी है लेकिन अगर ये राजनीति को छुपाकर बनाई गई है तो ये बहुत खतरनाक है लेकिन मैं तो इसे देखने जा रहा हूँ क्योंकि मुझे लगता है ये फिल्म हमें एक नई दिशा देगी
Shakti Fast
मुझे लगता है ये फिल्म बहुत अच्छी होगी और अगर इसे देखने का मौका मिले तो मैं जरूर जाऊँगी क्योंकि सनी देओल की एक्शन फिल्में हमेशा दिल को छू जाती हैं
saurabh vishwakarma
महावीर जयंती के नाम पर बनाई गई ये फिल्म बस एक धोखा है जिसमें राष्ट्रीय भावना को बेकार का टूल बना दिया गया है और इसकी वजह से हमारी सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुँच रहा है
लेकिन फिर भी अगर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर टॉप पर जाती है तो ये बस एक बड़ी गलती होगी क्योंकि हम अपने इतिहास को बेच रहे हैं
और ये फिल्म बस एक बाजारी गतिविधि है जिसे किसी ने बनाया है जिसका लक्ष्य नहीं है बल्कि लाभ है
ये फिल्म अगर असली राष्ट्रीय भावना को दर्शाती तो ये बहुत अच्छी होती लेकिन ये तो बस एक बड़ा नाटक है
मैं तो इसे देखने नहीं जा रहा हूँ क्योंकि मैं अपने आत्मसम्मान को बचाना चाहता हूँ
लेकिन अगर ये फिल्म सफल हो गई तो ये बताएगी कि हमारी समाज में कितना भ्रम है
और ये फिल्म बस एक बड़ा धोखा है जिसे हम अपनी आँखों से देख रहे हैं
मैं अपने दोस्तों को भी इसे नहीं देखने की सलाह दूंगा क्योंकि ये फिल्म हमें बदलने की बजाय खो देगी
हमें अपने आत्मसम्मान को बचाना चाहिए और इस फिल्म को बर्बाद करना चाहिए
ये फिल्म बस एक बड़ा धोखा है जिसे हम अपने आत्मसम्मान के नाम पर बेच रहे हैं
मैं तो इसे देखने नहीं जा रहा हूँ क्योंकि मैं अपने आत्मसम्मान को बचाना चाहता हूँ
ये फिल्म बस एक बड़ा धोखा है जिसे हम अपनी आँखों से देख रहे हैं
मैं अपने दोस्तों को भी इसे नहीं देखने की सलाह दूंगा क्योंकि ये फिल्म हमें बदलने की बजाय खो देगी
हमें अपने आत्मसम्मान को बचाना चाहिए और इस फिल्म को बर्बाद करना चाहिए
MANJUNATH JOGI
ये फिल्म बस एक एक्शन फिल्म नहीं है ये भारत के अलग-अलग संस्कृतियों का एक बड़ा सम्मिलन है और ये फिल्म हमें याद दिलाती है कि हम सब एक हैं
महावीर जयंती के नाम पर बनाई गई ये फिल्म हमें एक नए तरीके से अपनी जड़ों को याद करने का मौका देती है
और अगर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल होती है तो ये बताएगी कि हमारी समाज में अभी भी एकता की भावना जीवित है
Sharad Karande
फिल्म की बुकिंग के आंकड़े देखकर लगता है कि ये फिल्म रीजनल ऑडियंस के बीच एक अच्छा रिस्पॉन्स दे रही है और ये बहुत अच्छी बात है क्योंकि ये फिल्म बस एक एक्शन फिल्म नहीं है बल्कि एक सामाजिक वार्ता है
अगर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर टॉप पर जाती है तो ये बताएगी कि हमारी समाज में अभी भी एकता की भावना जीवित है
और ये फिल्म हमें याद दिलाती है कि हम सब एक हैं
Sagar Jadav
फिल्म बुकिंग नहीं देखी तो ये फिल्म बस एक धोखा है
Rishabh Sood
इस फिल्म का एक्शन बस एक बड़ा नाटक है जिसे किसी ने बनाया है जिसका लक्ष्य नहीं है बल्कि लाभ है
और ये फिल्म बस एक बड़ा धोखा है जिसे हम अपनी आँखों से देख रहे हैं
हमें अपने आत्मसम्मान को बचाना चाहिए और इस फिल्म को बर्बाद करना चाहिए
Saurabh Singh
ये फिल्म बस एक धोखा है और जो इसे देखता है वो एक नरेंद्र मोदी का फैन है
Mali Currington
अरे भाई ये फिल्म तो बस एक धोखा है और इसे देखने वाले लोग बस अपने अहंकार को दिखाना चाहते हैं
INDRA MUMBA
मुझे लगता है ये फिल्म बहुत अच्छी होगी क्योंकि ये फिल्म हमें अपनी जड़ों को याद दिलाती है और ये फिल्म हमें एक नए तरीके से अपने संस्कृति को देखने का मौका देती है
और अगर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल होती है तो ये बताएगी कि हमारी समाज में अभी भी एकता की भावना जीवित है
Dr. Dhanada Kulkarni
महावीर जयंती के अवसर पर इस फिल्म का रिलीज होना एक सांस्कृतिक और नैतिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक ऐसी वार्ता है जो भारतीय विरासत के गहरे मूल्यों को उठाती है।
इसकी सफलता यह दर्शाती है कि दर्शक अब न सिर्फ एक्शन चाहते हैं, बल्कि अपने इतिहास और नैतिक मूल्यों के साथ जुड़ना चाहते हैं।
सनी देओल की अभिनय शैली और फिल्म की नैरेटिव गहराई ने एक ऐसा अनुभव प्रस्तुत किया है जो बाजारी फिल्मों से अलग है।
हमें इस तरह की फिल्मों को बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि वे हमारे समाज को एक नई दिशा देती हैं।
इस फिल्म के लिए निर्माताओं और कलाकारों को बधाई।
इसकी बुकिंग संख्या केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन का प्रतीक है।
महावीर जयंती के त्योहार के साथ इस फिल्म का समयबद्ध रिलीज एक बड़ी बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन है।
यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि शक्ति और सत्य का संगम ही वास्तविक बल है।
यह फिल्म बाजार के दबाव में नहीं, बल्कि जनता की भावनाओं के साथ बनी है।
अगर हम इस तरह की फिल्मों को समर्थन देंगे, तो भारतीय सिनेमा का भविष्य अधिक गहरा और अधिक सार्थक होगा।
यह फिल्म केवल एक एक्शन फिल्म नहीं, बल्कि एक जागृति का संदेश है।
इसकी सफलता हमें यह बताती है कि जब कला और सच्चाई का मिलन होता है, तो वह दर्शकों के दिल को छू जाती है।
हमें इस फिल्म के लिए आभारी होना चाहिए क्योंकि यह हमें याद दिलाती है कि हम कौन हैं और हम कहाँ से आए हैं।
यह फिल्म एक नई दिशा की ओर ले जाती है - एक ऐसी दिशा जहाँ सांस्कृतिक गरिमा और व्यावसायिक सफलता एक साथ चलती हैं।
हमें इस तरह की फिल्मों को बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि वे हमारे समाज को एक नई दिशा देती हैं।