स्कॉटलैंड का धमाकेदार प्रदर्शन, नीदरलैंड्स पर भारी पड़ा बल्लेबाज़ी का जादू
SV Kampong क्रिकेट ग्राउंड, उत्रेक्ट में खेले गए आईसीसी मेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग 2 के 67वें मैच में स्कॉटलैंड ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए नीदरलैंड्स के खिलाफ 145 रन से जोरदार जीत हासिल की। इस मुकाबले में स्कॉटलैंड की बैटिंग ने पूरी तरह कमान संभाल ली। टॉस जीतकर नीदरलैंड्स ने गेंदबाज़ी चुनी, लेकिन शुरुआती रणनीति ही उनके खिलाफ चली गई।
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए स्कॉटलैंड ने 50 ओवर में 380 रन के बड़े स्कोर का पहाड़ खड़ा किया, जिसमें Richie Berrington और Brandon McMullen की पारियों ने सबका दिल जीत लिया। Berrington ने कप्तानी पारी खेलते हुए 90 से ऊपर रन जोड़े, जबकि McMullen ने भी तेज़-तर्रार अर्धशतक लगाया। इन दोनों के साथ-साथ टीम के अन्य बैटर्स ने भी रन गति कभी नहीं गिरने दी। मिडल ऑर्डर और लोअर ऑर्डर ने अच्छे शॉट लगाए, जिससे स्कॉटलैंड ने कभी दबाव महसूस ही नहीं किया।
नीदरलैंड्स की गेंदबाज़ी पूरे मैच में जूझती रही। शुरुआती ओवरों में विकेट चटकाने की रणनीति नाकाम रही और रन गति पर लगाम नहीं लग पाई। अंतिम ओवरों में तो स्कॉटलैंड के बल्लेबाज़ों ने क्रीज पर गेंदबाज़ों के हर शॉट का जवाब करारा दिया। स्कॉटलैंड की पारी में 9 विकेट जरूर गिरे, मगर नीदरलैंड्स के बॉलर्स के पास जश्न मनाने के ज्यादा मौके नहीं थे।
दबाव में बिखरी नीदरलैंड्स की बैटिंग, जीत की उम्मीदें टूटी
381 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए नीदरलैंड्स की शुरुआत साधारण ही रही। उनके ओपनरों ने संभलकर बल्लेबाज़ी करने की कोशिश की, मगर जैसे-जैसे लक्ष्य का दबाव बढ़ा, उनकी पारी लड़खड़ाती गई। स्कॉटलैंड के तेज़ गेंदबाज़ों ने गेंद में ज़बरदस्त स्विंग निकाली और शुरुआत में ही दो टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ ढेर कर दिए।
मिडल ऑर्डर पर थोड़ी उम्मीद थी, लेकिन लगातार विकेट गिरने की वजह से साझेदारी नहीं बन सकी। नीदरलैंड्स की टीम 42.1 ओवर में सिर्फ 235 रन ही बना सकी। उनके सबसे अनुभवी बल्लेबाज़ भी विरोधी गेंदबाज़ों का सामना नहीं कर पाए। आखिरकार स्कॉटलैंड के गेंदबाज़ों के सामने उनके सारे बल्लेबाज़ एक-एक कर लौटते गए।
वर्ल्ड कप क्वालीफायर्स की रेस में यह हार नीदरलैंड्स के लिए बड़ा झटका है। लगातार हार की वजह से उनकी अंकतालिका में स्थिति खतरनाक होती जा रही है। दूसरी तरफ स्कॉटलैंड के लिए ये जीत न सिर्फ आत्मविश्वास बल्कि अंक तालिका में भी मजबूती लेकर आई है। इस मैच में टीम की बैटिंग और बॉलिंग दोनों डिपार्टमेंट ने शानदार प्रदर्शन कर बाकी टीमों के लिए चेतावनी जैसी दी थी।
अब देखना होगा आने वाले मुकाबलों में स्कॉटलैंड अपना ऐसा ही दबदबा बरकरार रख पाता है या नहीं। फिलहाल, लीग 2 के इस मुकाबले ने क्रिकेट फैंस के बीच स्कॉटलैंड के नए हीरोज़ को सुर्खियों में ला दिया है।
Sagar Jadav
ये नीदरलैंड्स वाले तो हमेशा ऐसे ही खेलते हैं, बड़े स्कोर के आगे बस झुक जाते हैं।
MANJUNATH JOGI
बेरिंगटन की पारी तो देखो ना, एकदम जादू था। इस तरह की बल्लेबाज़ी देखकर लगता है कि क्रिकेट अभी भी जिंदा है।
हमारे देश में भी ऐसे खिलाड़ी बनने चाहिए, बस टी-20 के लिए नहीं, लंबे खेल के लिए।
Sharad Karande
इस मैच के आधार पर स्कॉटलैंड की बैटिंग ऑर्डर की संरचना एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें मिडल ऑर्डर के बल्लेबाज़ों की बारी आने पर रन रेट नहीं गिरा, जो एक अत्यधिक सुसंगठित टीम डायनामिक्स को दर्शाता है।
विशेष रूप से, बीएम के अर्धशतक की गति 120+ के पार थी, जो ऑलराउंडर के रूप में उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।
Mali Currington
380 रन? अरे भाई, ये तो बैटिंग नहीं, बैटिंग का बहाना है।
Sonia Renthlei
मैंने देखा कि नीदरलैंड्स के ओपनर्स ने पहले 10 ओवर में बहुत सावधानी से बल्लेबाज़ी की, लेकिन जब विकेट गिरे तो उनका मानसिक दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया।
ऐसा लगा जैसे उन्होंने अपने आप को बहुत ज्यादा दबाव में डाल दिया।
क्रिकेट में बल्लेबाज़ी तो सिर्फ बल्ले का नहीं, दिमाग का भी खेल होता है।
मैंने अपने बेटे को भी ये मैच दिखाया, उसने कहा कि बैटिंग तो बहुत अच्छी लगी, लेकिन गेंदबाज़ी वाले तो बिल्कुल बेकार लगे।
मैंने उसे समझाया कि गेंदबाज़ भी इंसान होते हैं, जब बैटिंग इतनी ताकतवर हो तो वो भी डर जाते हैं।
ये बात बहुत जरूरी है कि हम खिलाड़ियों के खिलाफ नहीं, उनकी मेहनत के खिलाफ बोलें।
स्कॉटलैंड के बल्लेबाज़ों ने अपनी टीम के लिए अपना सब कुछ दे दिया, और नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों ने भी अपना बेहतरीन दिया, बस उनका दिन नहीं था।
हमें इस तरह के मैचों को देखकर सीखना चाहिए कि कैसे दबाव में भी बनावट बनाई जाए।
अगर हमारे देश के युवा खिलाड़ी इस तरह के मैचों को देखेंगे, तो उन्हें लगेगा कि क्रिकेट बस रन बनाने का खेल नहीं, बल्कि दिमाग और दिल का खेल है।
मैं आशा करती हूँ कि ये मैच भारतीय क्रिकेट बोर्ड के लिए भी एक बड़ा संदेश बन जाएगा।
Anand Bhardwaj
380 रन बनाए और फिर गेंदबाज़ों ने भी बर्बरी कर दी।
अब तो लगता है जैसे दो अलग खेल खेले गए।
Nalini Singh
स्कॉटलैंड के खिलाड़ियों की अनुशासन और टीम वर्क की बात करें तो वाकई दिल को छू जाती है।
यह एक ऐसा मैच है जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में दर्ज होगा।
Rishabh Sood
क्या ये सिर्फ एक मैच है? नहीं।
ये तो जीवन का एक उपमा है - जब तुम अपने आप को पूरी तरह लगा दो, तो दुनिया भी तुम्हारे साथ खड़ी हो जाती है।
नीदरलैंड्स ने जो दिमाग लगाया, वो तो बहुत अच्छा था, लेकिन उनका आत्मविश्वास टूट गया।
और जब आत्मविश्वास टूटता है, तो बल्ला भी लकड़ी बन जाता है।
हम लोग रोज़ अपने जीवन में ऐसा ही करते हैं - जब दबाव आता है, तो हम अपने आप को खो देते हैं।
इस मैच ने मुझे याद दिलाया कि सफलता तब मिलती है, जब हम अपने डर के सामने खड़े होते हैं।
हर विकेट एक नया सवाल था, और हर रन एक जवाब।
ये खेल नहीं, ये तो दर्शन है।
Chirag Yadav
मैंने इस मैच को देखा और बहुत अच्छा लगा।
हर टीम की तरफ से पूरी कोशिश दिखी।
कभी-कभी जीत नहीं, बल्कि खेल का जज्बा ज्यादा मायने रखता है।
yash killer
भारत को भी ऐसा खेल खेलना चाहिए नहीं तो वर्ल्ड कप जीतने की कोशिश बेकार है
Siddhesh Salgaonkar
380? ये तो बस एक बेवकूफ़ी है। अब तो टीमें बस रन बढ़ा रही हैं, नहीं खेल रहीं।
मैंने अपने बेटे को भी बताया कि ये खेल नहीं, बस एक बड़ा बिजनेस हो गया है 😤
Ankit khare
ये नीदरलैंड्स वाले तो हमेशा ऐसे ही रहते हैं जैसे उनके पास बल्ला नहीं बल्कि बैग बर्नर है
कोई गेंद आए तो बस निकाल देते हैं जैसे चूहे को चीज दे दो तो बाकी घर खाली हो जाए
Arjun Singh
मैंने तो सिर्फ बरिंगटन के शॉट्स देखे।
वो तो ऐसा खेल रहा जैसे गेंद उसकी इच्छा को सुन रही हो।
ये लोग बल्लेबाज़ी नहीं, बल्कि जादू चला रहे हैं।
Saurabh Singh
इस टीम को तो बस इतना बताओ कि उन्हें बल्ला नहीं बल्कि बंदूक दे दो, फिर देखो कितने रन बनते हैं।
ये नीदरलैंड्स के गेंदबाज़ तो बस बैटिंग के लिए बने हैं, गेंदबाज़ी नहीं।
RAJIV PATHAK
अरे यार, ये टीम तो बस अपने आप को बड़ा समझती है।
380 रन? बस एक ट्रेन का नंबर है जो अभी तक किसी ने नहीं देखा।
UMESH DEVADIGA
मैं तो बस बरिंगटन के चेहरे को देख रहा था...
उसकी आँखों में ऐसा दर्द था जैसे वो जानता हो कि ये जीत उसके लिए अंतिम होगी।
मैं रो पड़ा।
Devendra Singh
ये मैच तो बस एक टेलीविज़न शो है।
क्रिकेट का जो जादू था, वो तो अब सिर्फ टी-20 में बचा है।
380 रन? ये तो बस एक फैंटेसी लीग का अंक है।
Roshini Kumar
380 rans? bhai 380 runs kaise? ye toh 3800 hoga 😅
Aryan Sharma
ये सब ठीक है, लेकिन जब तक भारत नहीं खेलेगा, तब तक ये मैच बस एक टेलीविज़न पर चलने वाला फिल्म है।
असली क्रिकेट तो भारत में होता है।
Shakti Fast
स्कॉटलैंड के लिए ये जीत बहुत बड़ी है, लेकिन नीदरलैंड्स के लिए भी ये मैच एक सबक है।
अब वो जान जाएंगे कि बड़े स्कोर के आगे बस बल्ला नहीं, दिमाग भी चाहिए।