Jasmine Sandlas फिर विवादों में: 'Thug Life' गाने पर पुलिस में शिकायत दर्ज
पंजाबी सिंगर Jasmine Sandlas एक बार फिर अपने गानों और बोल्ड अंदाज़ की वजह से खबरों में हैं। इस बार मामला उनके नए गाने 'Thug Life' में कथित आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल का है। चंडीगढ़ पुलिस को उनके खिलाफ एक शिकायत मिली है, जिसमें कहा गया है कि गाने के बोल अश्लील हैं और सार्वजनिक शिष्टता का उल्लंघन करते हैं। फिलहाल पुलिस शिकायत की जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई को लेकर विचार किया जा रहा है।
यह कोई पहली बार नहीं जब जैसमीन को उनके बोल या दिलेर स्टाइल को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी है। उन्होंने पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है, लेकिन उनके गानों के शब्दों और वीडियोज़ को लेकर विवाद चिपका ही रहा है। खासकर महिलाओं के लिए जो रूढ़िवादी परंपराएं हैं, जैसमीन उन्हें सचमुच चुनौती देती दिखती हैं। उनके 2024 के गाने 'Heat' को भी काफी तगड़ा बैकलैश मिला था, जिसमें बोल्ड विजुअल्स और भाषा को अश्लील करार दिया गया था। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस गाने की आलोचना की थी। गाने के गीतकार कपतान पर भी सवाल हुए, मगर जैसमीन ने उन आलोचनाओं पर चुप्पी साध ली थी।
पंजाबी संगीत में खुलापन बनाम परंपरा: समाज में उठते सवाल
जैसमीन की शैली की वजह से बार-बार उनकी तुलना पुरुष कलाकारों से होती है। 2018 में भी 5X फेस्टिवल के दौरान उनकी स्टेज पर धूम्रपान करते और तीखी भाषा इस्तेमाल करने की वीडियो वायरल हुई थी, जिसपर फिर आलोचना के तीर चले। आलोचकों ने तब सवाल उठाया कि पुरुष गायक अगर वैसा करें तो इतनी नाराज़गी सामने नहीं आती। लोगों ने इसे इंडस्ट्री के भीतर दोहरे मापदंड बताया।
2020 में उनके एल्बम 'What's In A Name' ने भी म्यूजिक इंडस्ट्री में काफी हलचल मचाई थी। वे बार-बार उन सीमाओं को धकेलती दिखती हैं जो लंबे समय से पंजाबी संगीत और समाज में मौजूद हैं। अब 'Thug Life' वाले मामले के बाद, सोशल मीडिया पर बहस गरम है—क्या कलाकारों को पूरी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए या वे समाज के प्रति जवाबदेह हैं?
अक्सर देखा जाता है कि जब भी कोई कलाकार पारंपरिक सामाजिक दायरों से बाहर कदम बढ़ाता है, उसे कानूनी और नैतिक दोनों तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जैसमीन के समर्थक कहते हैं कि वे युवा पीढ़ी को अपनी पहचान और भावनाएं खुलकर जाहिर करने की वजह से जुड़ाव महसूस कराते हैं। वहीं, विरोधी मानते हैं कि सार्वजनिक हस्तियों को समाज के तय मापदंडों का सम्मान करना चाहिए।
- थग लाइफ गाने को अश्लील बोलों के इस्तेमाल के चलते शिकायत हुई।
- गायिका का इससे पहले भी बोल्ड विजुअल और भाषा के लिए विरोध हुआ है।
- समर्थक कलाकार की आज़ादी की बात कर रहे हैं, तो आलोचक कहते हैं- सांस्कृतिक जिम्मेदारी भी जरूरी है।
- पुलिस केस का नतीजा इंडस्ट्री के लिए मिसाल बन सकता है।
जैसमीन सैंडलस चाहे जितनी बार विवादों में आएं, उनका संगीत इंडस्ट्री में नींबू-मिर्च की तरह है—चुभता भी है, पर अटेंशन भी बटोरता है। अब देखना यह है कि इस बार 'थग लाइफ' उन्हें कहां तक लेकर जाएगी।
Ankit khare
ये गाने में जो बोल हैं वो बिल्कुल अश्लील हैं और बच्चों के लिए बहुत बुरा असर डालते हैं अगर इसे छोड़ दिया तो अगले हफ्ते कोई और गाने में गालियां डालने लगेगा और फिर क्या होगा ये सोचो
Chirag Yadav
मैं तो समझता हूँ कि जैसमीन बस अपनी आवाज़ उठा रही हैं और ये बोल उनके अनुभव को दर्शाते हैं अगर हम उनकी आज़ादी पर रोक लगा देंगे तो फिर कलाकारों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी
Shakti Fast
मैं उनकी हिम्मत की तारीफ करती हूँ जो एक ऐसे समाज में जहां लड़कियों को चुप रहना सिखाया जाता है वो खुलकर गाती हैं और अपनी बात रखती हैं
saurabh vishwakarma
अरे भाई ये सब बहस तो बस एक गाने के चक्कर में है लेकिन अगर आप देखें तो पूरी पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री ही इसी तरह की बातें करती है अब ये नया नहीं है
Sharad Karande
सांस्कृतिक जिम्मेदारी और कलाकारिता के बीच का संतुलन बहुत पतला होता है। यहाँ जब एक कलाकार अपने व्यक्तिगत अनुभवों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करता है तो यह उसकी व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति है और न कि एक सामाजिक आह्वान। सामाजिक नैतिकता तो बदलती रहती है और अब युवा पीढ़ी इसे अलग तरह से देख रही है
Saurabh Singh
ये सब बस शो के लिए है असली आदमी ऐसा नहीं बोलता ये सब बस लोगों को धोखा देने का तरीका है
Mali Currington
अच्छा तो अब गाने में गाली देना आर्ट हो गया ठीक है बस अगली बार बच्चों को भी इसी तरह गाने सिखा देना
INDRA MUMBA
मुझे लगता है कि जैसमीन ने बस एक ऐसा आवाज़ दी है जिसे बहुत सारी लड़कियां सुनना चाहती हैं जो अपने दिल की बात बोलने से डरती हैं। ये गाना उनके लिए एक शक्ति का प्रतीक है। जब तक हम लोग अपनी पुरानी सोच को छोड़ेंगे नहीं तो ये आंदोलन रुकेगा नहीं
Anand Bhardwaj
देखो ये सब बहस तो बस एक गाने के चक्कर में है लेकिन अगर आप देखें तो ये गाना तो बस एक बात कह रहा है कि जीवन बहुत जटिल है और लोग अलग तरह से जीते हैं
RAJIV PATHAK
इस तरह की बातें तो अब बहुत आम हो गई हैं लेकिन ये दर्शाता है कि हमारी संस्कृति कितनी नीचे गिर चुकी है
Nalini Singh
कलाकारों को सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। उनका प्रभाव विशाल है और विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए उनके शब्द एक मार्गदर्शक का काम करते हैं। यह आज़ादी नहीं, बल्कि एक विशेष भूमिका है
Sonia Renthlei
मैं इस बारे में बहुत सोचती हूँ कि हम लोग जब किसी महिला कलाकार की बात करते हैं तो हम उसके शब्दों को नहीं बल्कि उसके शरीर और उसके अंदाज़ को देखते हैं। अगर एक पुरुष गायक ऐसा करे तो उसे बहुत अच्छा कहा जाता है लेकिन जब महिला करती है तो उसे अश्लील कहा जाता है। ये दोहरा मापदंड है और ये सिर्फ जैसमीन के खिलाफ नहीं है ये पूरे समाज की समस्या है
मैं अपने बहन को देखती हूँ जो बहुत बड़ी है और वो भी अपने दिल की बात बोलने से डरती है। जब मैंने उसे जैसमीन के गाने सुनाए तो वो रो पड़ी क्योंकि उसे लगा कि अब कोई उसकी बात समझ सकता है। ये गाना सिर्फ एक गाना नहीं है ये एक आवाज़ है जो लाखों लोगों के दिल में बस रही है
हम लोग इसे नहीं समझ पा रहे हैं कि जब एक महिला अपने अनुभव को बोलती है तो वो उसका अधिकार है और उसका जीवन उसका है। हम उसके लिए अपने नियम नहीं बना सकते। हम उसे समझने की कोशिश करें न कि उसे दोष दें
मैं उस लड़की के बारे में सोचती हूँ जो अपने घर में बैठकर ये गाना सुन रही है और अपने दिल की बात बोलने की हिम्मत पा रही है। वो जानती है कि वो अकेली नहीं है। ये गाना उसके लिए एक शक्ति का संदेश है
हमें इसे रोकने की जगह इसे समझना चाहिए। हमें अपनी सोच बदलनी होगी। नहीं तो हम उन लोगों को जो अपने आप को जीने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें दबा देंगे
Aryan Sharma
ये सब बस एक बड़ा षड्यंत्र है जिसमें गाने को बेचने के लिए जानबूझकर विवाद बनाया जा रहा है और पुलिस को इस्तेमाल किया जा रहा है
Dr. Dhanada Kulkarni
मैं जैसमीन के समर्थन में हूँ। कलाकारों को अपने विचारों को स्वतंत्रता से व्यक्त करने का अधिकार है। यह एक सामाजिक बदलाव का हिस्सा है जिसमें महिलाएं अपने शरीर, भाषा और अनुभव को अपने तरीके से दर्शा रही हैं। हमें उनकी आवाज़ को सुनना चाहिए, न कि उन्हें दबाना।
MANJUNATH JOGI
ये गाना बस एक गाना नहीं है ये एक नए युग की शुरुआत है। पंजाबी संगीत अब बस बैलेट और डांस नहीं बल्कि अपने समाज के दर्द को भी दर्शा रहा है। जैसमीन ने एक ऐसा गाना बनाया है जो उन लोगों के लिए है जिनकी आवाज़ कभी नहीं सुनी गई
Sagar Jadav
ये गाने में बोल अश्लील हैं और इसे रोकना चाहिए
Rishabh Sood
यह सिर्फ एक गाना नहीं, यह एक दर्पण है जो हमारी समाज की दुविधा को दिखाता है। हम अपने अंदर के भय को बाहर के कलाकारों पर फेंक रहे हैं। जब तक हम अपने आत्मा को नहीं सुधारेंगे, तब तक हम बाहर के कलाकारों को दोष देते रहेंगे