78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में नागालैंड के पीएम श्री स्कूलों की भागीदारी

दिल्ली के लाल किले में आयोजित 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह ने इस बार एक विशेष आकर्षण का केंद्र देखा जब नागालैंड के दो प्रमुख स्कूलों को इसमें भाग लेने का सम्मान मिला। ये स्कूल प्रधानमंत्री श्री स्कूल (पीएम श्री) योजना के अंतर्गत आते हैं, जिसे 7 सितंबर 2022 को भारत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत देशभर में 14,500 से अधिक स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार उन्नत और उदाहरणात्मक तौर पर प्रस्तुत करने का उद्देश्य रखा गया है।

नागालैंड के चयनित स्कूल

नागालैंड में अब तक 27 सरकारी स्कूलों को पीएम श्री स्कूलों के रूप में चयनित किया गया है। इनमें से दो विशेष स्कूलों, पीएम श्री जीएचएस थहेखु और पीएम श्री जीएमएस शौबा ओल्ड, के छात्रों और शिक्षकों को इस महत्वपूर्ण समारोह में भाग लेने का अवसर मिला। इस दल में शामिल थे राज्य मिशन अथॉरिटी, समग्र शिक्षा के एक अधिकारी भी।

विशेष कार्यक्रम और सत्र

समारोह के दौरान, नागालैंड के इन प्रतिनिधियों ने नेशनल लैंडमार्क्स जैसे इंडिया गेट और प्रधानमंत्री संग्राहालय का दौरा किया। इसके अलावा, उन्हें शिक्षा मंत्री, राज्य के शिक्षा मंत्री, शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव और अतिरिक्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र में भाग लेने का सुनहरा अवसर मिला। इस सत्र ने छात्रों और शिक्षकों को नए अनुभव और दृष्टिकोण प्रदान किए।

शिक्षा मंत्री का अभिवादन

इस आयोजन में एक महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब नागालैंड के एक छात्र को शिक्षा मंत्री का अभिनंदन करने के लिए चुना गया। यह पहल केवल एक सम्मान नहीं था, बल्कि यह भारतीय diverse समाज में यूनिटी के महत्व को रेखांकित करता है। यह अनुभव ना सिर्फ शिक्षकों और छात्रों के लिए समृद्धिपूर्ण था, बल्कि राष्ट्रीय एकता और भारतीय भावना के प्रति एक मजबूत संकेत भी था।

पीएम श्री योजना की विशेषताएँ

पीएम श्री योजना का प्रारंभिक उद्देश्य 14,500 स्कूलों को नवीनतम शिक्षा नीति का मूर्त रूप देने वाला बनाना है। इसका मतलब यह है कि ये स्कूल न केवल उत्कृष्ट शैक्षिक ढाँचा प्रस्तुत करेंगे बल्कि नई शिक्षण विधियों, तकनीकों और पाठ्यक्रमों के साथ भी जुड़े होंगे। इनमें समग्र विकास पर जोर दिया जाएगा, ताकि छात्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकें।

नये मानदंड और शैक्षिक व्यवस्थाएँ

इन स्कूलों में परंपरागत शिक्षा के साथ तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को न केवल थियोरेटिकल ज्ञान प्रदान करना है, बल्कि उन्हें प्रैक्टिकल स्किल्स में भी सक्षम बनाना है। इसके साथ ही, चुनिंदा पाठ्यक्रम, विषयों की गहराई, और मॉडर्न टीचिंग उपकरणों की मदद से छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जाएगा।

समाज और संस्कृति में महत्त्व

नागालैंड के इन स्कूलों का स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेना एक प्रतीकात्मक संकेत है। इससे यह बार-बार प्रतिबिंबित होता है कि भारतीय समाज में एकता और विविधता किस प्रकार से एक दूसरे में अंतर्निहित हैं। कार्यक्रम में भाग लेने वालों के अनुभव, खासकर छात्रों ने, उन्हें देश की समृद्ध विरासत, संस्कृति और सामाजिक ढांचे को समझने का अवसर दिया।

निष्कर्षतः, यह आयोजन केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर नहीं, बल्कि एकता और राष्ट्रप्रेम की भावना को प्रज्वलित करने वाला भी साबित हुआ। नागालैंड के इन स्कूलों की भागीदारी ने यह सन्देश दिया कि भले ही हम विभिन्न समाजों और संस्कृति से आते हों, लेकिन हमारे दिलों में भारतीयता का एक ही सूरत है।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

18 टिप्पणि

  • UMESH DEVADIGA

    UMESH DEVADIGA

    भाई ये स्कूलों को लाल किले में बुलाना तो बहुत अच्छा बात है पर अब तक कितने नागालैंड के बच्चे ने अपने घर में टॉयलेट या साफ पानी का इस्तेमाल किया है? इन सब शो-ऑफ ने कितनी गरीब बच्चियों की जिंदगी बदली? 😔

  • Roshini Kumar

    Roshini Kumar

    PM Shri school?? pata nahi kya hota hai ye... kya ye sirf ek aur branding hai jo humein samajhne ko bola jaa raha hai? 😒 aur phir yeh sab ‘unity in diversity’ ka drama... bas ek photo op hai yaar

  • Siddhesh Salgaonkar

    Siddhesh Salgaonkar

    Brooo 🤯 yeh toh ek naye era ka shuruaat hai! PM Shri Schools = next-gen educational revolution! 🚀 ये बच्चे अब न सिर्फ गाने गाएंगे, बल्कि AI-based pedagogy ke saath coding aur critical thinking bhi seekhenge! 🌍📚 अगर तुम इसे ‘symbolic’ samajh rahe ho, toh tumhara mindset 2005 mein phansa hua hai 😎

  • Arjun Singh

    Arjun Singh

    ये जो नागालैंड के बच्चे लाल किले में गए, वो तो बस एक ट्रिप के लिए भेजे गए थे। असली बदलाव तो उनके गांव में होगा जहां टीचर्स के पास बुक्स भी नहीं हैं। ये सब फॉर फोटोज है।

  • yash killer

    yash killer

    भारत की ताकत है ये कि एक नागा बच्चा लाल किले में खड़ा है और वो भी एक शिक्षा योजना के तहत! ये देश की ताकत है! कोई अब बात नहीं करेगा कि नागालैंड अलग है! ये भारत है भाई! अमेरिका ऐसा कर पाया? नहीं! ये हमारी ताकत है! 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • Ankit khare

    Ankit khare

    बहुत अच्छा हुआ लेकिन अगर ये योजना इतनी बड़ी है तो क्यों नहीं बताया कि कौन से बच्चे चुने गए? क्या ये सिर्फ उन्हीं के लिए है जिनके पास इंटरनेट है? और ये ‘modern teaching tools’ क्या हैं? क्या बच्चों को टैबलेट दिया गया या सिर्फ एक फोटो लेने के लिए?

  • Chirag Yadav

    Chirag Yadav

    मुझे लगता है ये बहुत खूबसूरत बात है। नागालैंड के बच्चे जो अपने संस्कृति के साथ देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय समारोह में शामिल हुए... ये एक ऐसा पल है जिसे हम याद रखेंगे। अगर ये बच्चे एक दिन अपने गांव में एक नया स्कूल बनाएंगे, तो ये वो जड़ होगी। ❤️

  • Shakti Fast

    Shakti Fast

    मुझे बहुत खुशी हुई कि नागालैंड के बच्चे लाल किले में गए। इन बच्चों के लिए ये एक नया सपना शुरू हुआ है। उन्हें बस ये बताना है कि वो भी देश के हिस्से हैं। ये बहुत बड़ी बात है। 💪

  • saurabh vishwakarma

    saurabh vishwakarma

    मैं इस योजना को बहुत गंभीरता से लेता हूं। इसका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में एक नया नॉर्म तैयार करना है। यह एक बहुआयामी रणनीति है जिसमें न केवल शिक्षण विधि बल्कि सामाजिक समावेशन भी शामिल है। यह एक ऐसा निर्णय है जिसका असर आने वाले 20 सालों तक दिखेगा।

  • MANJUNATH JOGI

    MANJUNATH JOGI

    ये बहुत बड़ी बात है। नागालैंड के बच्चे जब लाल किले में खड़े हुए, तो वो न सिर्फ अपना राज्य नहीं बल्कि अपनी भाषा, नृत्य, और परंपरा को भी दिखा रहे थे। ये भारत की असली ताकत है - एकता में विविधता। 🙌

  • Sharad Karande

    Sharad Karande

    पीएम श्री योजना के तहत शिक्षा के लिए अब एक नए मॉडल की आवश्यकता है जिसमें स्कूलों को स्वायत्तता दी जाए, शिक्षकों को निरंतर प्रशिक्षण मिले, और बच्चों के लिए डिजिटल लर्निंग इकोसिस्टम बनाया जाए। ये सिर्फ एक शो-ऑफ नहीं, एक निर्माणात्मक प्रक्रिया है।

  • Sagar Jadav

    Sagar Jadav

    इतना झंडा फहराने की जरूरत नहीं। बस एक टीचर दो बच्चों को पढ़ाए तो बहुत हो गया।

  • Dr. Dhanada Kulkarni

    Dr. Dhanada Kulkarni

    यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षा का असली उद्देश्य है बच्चों को अपने स्वभाव के अनुसार विकसित करना। नागालैंड के बच्चों के इस अनुभव से उन्हें अपनी पहचान के साथ देश की पहचान का एक संगम मिला है। इसकी सराहना की जानी चाहिए।

  • Rishabh Sood

    Rishabh Sood

    क्या ये बच्चे वाकई समझ पाए कि वो किस चीज़ के लिए यहां आए हैं? या बस एक फोटो खिंचवाने के लिए? क्या शिक्षा का मतलब यही है? ये एक भावनात्मक बाजार है।

  • Saurabh Singh

    Saurabh Singh

    तुम सब ये बातें कर रहे हो कि नागालैंड के बच्चे लाल किले में गए... पर क्या तुमने कभी सोचा कि वहां के बच्चे क्या खाते हैं? क्या उनके पास दवाइयां हैं? ये सब बकवास है।

  • Mali Currington

    Mali Currington

    अरे यार, ये तो सब तो फोटो के लिए था... अगर ये योजना इतनी बड़ी है तो क्यों नहीं बताया कि कौन से स्कूल चुने गए? क्या ये सिर्फ वो स्कूल हैं जहां डायरेक्टर के पास एक बड़ा फोन है?

  • INDRA MUMBA

    INDRA MUMBA

    इस योजना का सच तो ये है कि ये बच्चे अब अपने घर लौटकर अपने गांव में एक नया सपना बुनेंगे। जब एक नागा बच्चा लाल किले में खड़ा होता है, तो वो सिर्फ एक बच्चा नहीं, एक पीढ़ी का प्रतिनिधि होता है। ये एक शुरुआत है - बड़ी, असली, और दिल से। 🌱

  • Anand Bhardwaj

    Anand Bhardwaj

    मज़ेदार बात ये है कि जब तुम इस तरह के आयोजनों को देखते हो, तो लगता है कि भारत के सभी बच्चे एक साथ खुश हैं। पर असलियत ये है कि हर गांव में एक टीचर दो बच्चों को पढ़ा रहा है और उसके पास कोई बुक नहीं। ये सब बहुत अच्छा लगता है... बस फोटो में। 😅

एक टिप्पणी लिखें