इमान खलीफ: एक स्वर्ण पदक विजेता पर जेंडर पहचान विवाद का साया
अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर एल्जीरियन महिला मुक्केबाज इमान खलीफ की कहानी ने न केवल खेल प्रेमियों का ध्यान खींचा है, बल्कि यह सामाजिक और नैतिक बहसों के केंद्र में एक नया अध्याय खोल दिया है। पेरिस ओलंपिक 2024 में जब खलीफ ने महिलाओं के वेल्टरवेट डिवीजन में स्वर्ण पदक जीता, तो यह उनके महान कौशल और धैर्य का प्रतीक था। लेकिन इस जीत के साथ-साथ वह बड़े विवादों में घिर गईं, जिसका कारण उनके लीक हुए मेडिकल रिपोर्ट के गर्भ से आया।
मेडिकल रिपोर्ट से उठा विवाद
खलीफ के खिलाफ विवादो की जड़ एक लीक हुई मेडिकल रिपोर्ट में निहित है, जिसमें दावा किया गया कि उनका जेंडर भिन्न होने की स्थिति है, जो उनके जननांगों और शारीरिक प्रभावों को प्रभावित करता है। रिपोर्ट में मेडिकल विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि खलीफ के शरीर में गर्भाशय नहीं है और "माइक्रोपेनिस" जैसा अंग है। इसके साथ ही यह सुझाव दिया गया कि खलीफ को शल्य चिकित्सा और हार्मोन थेरेपी द्वारा अपने शरीर का संरेखण करना चाहिए ताकि उनके जेंडर पहचान के साथ उनका सामंजस्य स्थापित हो सके।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि खलीफ में आंतरिक टेस्टिस और XY गुणसूत्र मौजूद हैं, जिससे "5-अल्फा रेडुक्टेस डिफिशिएंसी" नामक आनुवांशिक स्थिति का संकेत मिलता है। यह स्थिति खलीफ की महिला खेलों में प्रतिस्पर्धा करने की पात्रता पर बहस का कारण बन गई।
खेल महासंघों का रुख और प्रतिक्रिया
2023 में, अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग संघ (IBA) ने खलीफ को नई दिल्ली में होने वाले विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक के मैच में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया। इस फैसले ने विभिन्न खेल मंचों और अभियानों पर जेंडर पहचान के विषय में नई चर्चा का कारण बना। मशहूर पियर्स मॉर्गन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जैसे अग्रणी हस्तियों ने इस विवाद पर अपनी टिप्पणियाँ की, जिससे खलीफ का मामला और पेचीदा हो गया।
इन विवादों और चिंता के बीच खलीफ ने लगातार अपने महिला होने के दावे को दोहराया। उन्होंने कहा, "मैं एक महिला के रूप में जन्मी थी, एक महिला की तरह जीती हूँ, और मैं योग्य हूँ।" हालांकि, इस मामले पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिलीं, लेकिन उन्हें IOC से पूरा समर्थन मिला, जिसने उनकी पेरिस में प्रतिस्पर्धा करने के अधिकार को बहाल किया।
अपने देश की नायिका बनीं खलीफ
खलीफ ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने कौशल के प्रदर्शन के साथ-साथ विरोध को दरकिनार कर के जब स्वर्ण पदक हासिल किया, तो उनके देश ने गर्व महसूस किया। उनके स्वदेश पहुँचने पर राष्ट्रपति अब्देलमदजिद तेब्बौन ने उनका भव्य स्वागत किया। इस जीत ने हर एल्जीरियन के दिलों पर एक नई छाप छोड़ी है।
इमान खलीफ के वकील, नाबील बौदी ने खुलासा किया कि उन्होंने पेरिस के प्रसासकों के साथ एक कानूनी शिकायत दर्ज की है, जिसमें उन्होंने खलीफ के खिलाफ "गंभीर ऑनलाइन उत्पीड़न" का आरोप लगाया। यह ऑनलाइन उत्पीड़न और जेंडर पर निशाना साधने की घटनाओं का परिणाम था।
समाज और खेल जगत में जेंडर पहचान की यह विवादस्पद कहानी एक दीर्घकालिक बहस के रूप में जारी है और यह देखने योग्य होगा कि इस बहस का अंत कैसी तरह के निर्णय और नीतियों से होता है। खलीफ का मामला न केवल उनकी व्यक्तिगत कहानी है, बल्कि खेल और जेंडर के क्षेत्र में व्यापक चर्चा का हिस्सा भी है।