बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने हाल ही में मुंबई में हुई एक विवादास्पद घटना पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और खबरों में दावा किया गया था कि रवीना और उनके ड्राइवर ने एक महिला को कार से टक्कर मारी और रवीना ने शराब के नशे में उस महिला पर हमला किया। इस घटना ने तेजी से धार पकड़ी और रवीना को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

हालांकि, CCTV फुटेज और पुलिस जांच ने इन आरोपों को गलत साबित किया। पुलिस द्वारा प्राप्त वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि रवीना का वाहन किसी महिला से टकराया नहीं था, और न ही ऐसी कोई मारपीट की घटना घटी थी। इस पर रवीना ने सोशल मीडिया पर पुलिस का आधिकारिक बयान साझा किया जिसमें स्पष्ट किया गया कि शिकायत झूठी थी।

रवीना ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लोगों को अफवाहों और झूठी खबरों से दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने विभिन्न मीडिया संगठनों द्वारा प्रकाशित लेख भी साझा किए जो उनकी बेगुनाही को साबित करते हैं। इस घटना पर मुंबई के जोन 9 के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) राजतिलक रोशन ने भी कहा कि शिकायत निराधार थी और किसी भी प्रकार का हमला या दुर्घटना नहीं हुई थी।

इस घटना के बाद रवीना ने पहली बार अपना पक्ष रखा और कहा कि यह सब अफवाहें थीं और उन्हें बेवजह घसीटा जा रहा है। उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि सच्चाई की जीत हुई और जो भी लोग मुझे झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश कर रहे थे, उनकी साजिश का पर्दाफाश हुआ।'

यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हर खबर सच नहीं होती है। रवीना ने उन तमाम दर्शकों, प्रशंसकों और दोस्तों का धन्यवाद किया जो इस कठिन समय में उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा कि उनकी सच्चाई और ईमानदारी पर लोगों का विश्वास हमेशा कायम रहेगा।

इस प्रकार की घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि किसी भी खबर को आंख बंद कर के नहीं मानना चाहिए, बल्कि उसकी सत्यता की पुष्टि करने के बाद ही कोई राय बनानी चाहिए। रवीना टंडन ने इस घटना से सीखने और जागरूक रहने का आग्रह भी किया।

भीड़ के हमले का सच्चा चेहरा

जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ, तो अधिकांश लोगों ने तुरंत ही इस पर विश्वास कर लिया और रवीना को दोषी ठहराना शुरू कर दिया। बिना किसी ठोस सबूत के लोग सोशल मीडिया पर उग्र हो गए और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलने लगा। हालांकि, जब CCTV फुटेज सार्वजनिक हुई, तब मामला बिल्कुल साफ हो गया और सारी अफवाहें धराशायी हो गईं।

यह स्पष्ट हो गया कि घटना के वक्त रवीना और उनके ड्राइवर के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था। पुलिस की जांच में भी यह पाया गया कि यह सब एक साजिश थी, जिसमें कुछ असामाजिक तत्वों ने रवीना की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।

पुलिस की तरफ से साफ निष्कर्ष

इस मामले की जांच कर रहे डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) राजतिलक रोशन ने स्पष्ट किया कि इस शिकायत में कोई सच्चाई नहीं थी। उन्होंने कहा, 'हमारे शोध में पाया गया कि आरोप बिल्कुल निराधार और झूठा है। CCTV फुटेज ने साफ कर दिया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था।'

इस बयान से स्पष्ट हो गया कि रवीना टंडन को बेवजह इसमें घसीटा जा रहा था। कई बार बड़े सेलेब्रिटीज को इस प्रकार की घटनाओं का सामना करना पड़ता है, जहां उनकी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से इस प्रकार के झूठे आरोप लगाए जाते हैं।

मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका

मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका

इस पूरे मामले में मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। कई समाचार संगठनों ने बिना पुष्टि के इस खबर को प्रसारित किया, जिससे अफवाहें और फैल गईं। रवीना ने उन मीडिया संगठनों की आलोचना की जिन्होंने बिना किसी जांच और प्रमाण के इस प्रकार की खबरें प्रकाशित कीं।

इस घटना ने यह भी साबित किया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हर खबर पर विश्वास करना कितना खतरनाक हो सकता है। लोग बिना किसी पुष्टि के किसी भी वीडियो या खबर को सच मान लेते हैं और तुरंत ही अपनी राय बनाने लगते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि निर्दोष लोग बेवजह अभियुक्त बनाए जाते हैं।

रवीना टंडन की प्रतिक्रिया

रवीना ने इस घटना के बाद अपने फैंस और समर्थकों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस कठिन समय में उनका साथ दिया। उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि सच्चाई की जीत हुई और जो भी लोग मुझे झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश कर रहे थे, उनकी साजिश का पर्दाफाश हुआ।'

रवीना ने सभी से अपील की कि वे अफवाहों और झूठी खबरों से दूर रहें और किसी भी प्रकार की खबर की पहले सत्यता की जांच करें। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाएं उन्हें और भी मजबूत बनाती हैं और उन्हें सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं।

इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट हो जाता है कि हमें सच के साथ खड़े रहना चाहिए और बिना किसी ठोस प्रमाण के किसी पर भी आरोप नहीं लगाना चाहिए।

Subhranshu Panda

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूँ और मेरा मुख्य फोकस भारत की दैनिक समाचारों पर है। मुझे समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखना बहुत पसंद है।

20 टिप्पणि

  • Chirag Desai

    Chirag Desai

    बस एक लाइन: अफवाहें फैलाने वाले लोगों को जेल भेज देना चाहिए।

  • Uday Teki

    Uday Teki

    रवीना बहुत मजबूत हैं 💪❤️ इतनी बड़ी झूठी अफवाह के बाद भी शांत रहीं। उनका साहस देखकर लगता है कि सच्चाई हमेशा जीतती है।

  • Hardeep Kaur

    Hardeep Kaur

    मुझे लगता है कि ये घटना सिर्फ रवीना के लिए नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए एक सबक है जो सोशल मीडिया पर बिना जांचे कुछ भी शेयर कर देता है। हम सब एक छोटी सी शेयरिंग से किसी की जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि ये बस एक 'कॉमेंट' है, तो आप गलत हैं। ये एक जीवन बदल सकता है।

    मैंने अपने दोस्तों को भी बताया कि अगली बार जब भी कोई वीडियो वायरल हो, तो पहले उसकी जांच करें। अगर आपको लगता है कि पुलिस या CCTV फुटेज झूठ बोल रही है, तो आपको शायद अपनी नजर बदलने की जरूरत है।

    हमारे पास अब इतना तेज़ इंटरनेट है कि एक घंटे में एक व्यक्ति को दुनिया का दुश्मन बना दिया जाता है। लेकिन उसकी बर्खास्तगी के लिए कोई जिम्मेदार नहीं होता।

    रवीना ने बस एक बयान दिया, लेकिन उसने एक नए आंदोलन की शुरुआत कर दी - जागरूकता का।

    अगर आप एक बार इस तरह की अफवाह पर विश्वास कर लेते हैं, तो आपका दिमाग उसके लिए बंद हो जाता है। आप अब किसी भी साक्ष्य को नहीं सुनना चाहते।

    मैंने देखा है कि कैसे एक बच्चे की तस्वीर को एक बदमाश के रूप में दिखाया गया, और लोगों ने उसे जिंदा जला दिया। फिर पता चला कि वो बच्चा उस घटना में शामिल नहीं था।

    हम सब इस नशे में हैं - नशा जल्दी निर्णय लेने का।

    हम इतने जल्दी फैसले लेने लगे हैं कि अब हमारे पास सोचने का समय नहीं रह गया।

    हम अपने अहंकार के लिए दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

    रवीना ने जो किया, वो बहुत बड़ा काम था। उन्होंने अपनी आवाज उठाई, लेकिन उन्होंने किसी को नहीं नीचा दिखाया।

    इसलिए मैं उनके लिए आभारी हूँ।

    हम सब इस बात की जिम्मेदारी लें कि हम अफवाहों को नहीं बढ़ाएं।

  • Abhi Patil

    Abhi Patil

    अरे भाई, ये सब तो बस एक और बॉलीवुड ड्रामा है। जब तक तुम एक फेमस एक्ट्रेस हो, तब तक तुम्हारी हर चलन बेकार के लिए ट्रांसलेट हो जाती है। रवीना टंडन ने जो किया, वो बस एक बार फिर दिखा दिया कि इंडियन मीडिया और सोशल मीडिया का एक नियम है - अगर ये एक औरत है और एक बड़ा नाम है, तो उसकी बर्बरता की कहानी बन जाती है।

    मैंने ये बात अपने डॉक्टरेट के थीसिस में लिखी थी - 'The Algorithmic Demonization of Female Celebrities in Post-2010 India'. ये नहीं कि वो घटना घटी, बल्कि ये कि वो घटना बनाई गई।

    ये जो वीडियो वायरल हुआ, वो एक बेहद तरीके से एडिट किया गया था। एक लाइन जोड़कर, एक फ्रेम डिलीट करके, और एक ऑडियो ट्रैक बदलकर - और बस, एक नायक बन गया, एक दुश्मन बन गया।

    ये सब एक डिजिटल वॉर का हिस्सा है। किसी के ब्रांड को डैमेज करने के लिए।

    और फिर जब सच सामने आता है, तो कोई नहीं बोलता। कोई नहीं माफी मांगता।

    मैंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डाली थी जिसमें मैंने ये सारे डेटा प्लॉट किए थे - वायरल वीडियो के बाद 78% लोगों ने रवीना के खिलाफ ट्वीट किए, लेकिन जब CCTV आया, तो उनमें से 92% ने उस पोस्ट को डिलीट कर दिया।

    ये हमारी संस्कृति है। जल्दबाजी।

    हम बिना सोचे निर्णय लेते हैं।

    और फिर अपने आप को बहुत बुद्धिमान समझते हैं।

    अब बताओ, क्या तुम्हारे पास एक ऐसा फोन है जिसमें तुमने कभी बिना साबित किए कुछ शेयर नहीं किया?

    अगर नहीं, तो तुम भी इस गैंग के हिस्से हो।

  • Devi Rahmawati

    Devi Rahmawati

    यह घटना समाज के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। जब एक व्यक्ति को बिना किसी साक्ष्य के अपराधी ठहराया जाता है, तो यह न्याय प्रणाली के आधारभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।

    सामाजिक मीडिया पर अफवाहों का प्रसार न केवल व्यक्तिगत जीवन को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि व्यापक सामाजिक विश्वास को भी कमजोर करता है।

    हमें अपने निर्णयों के लिए वैज्ञानिक और न्यायिक प्रमाणों की आवश्यकता है, न कि भावनात्मक प्रतिक्रियाओं की।

    रवीना टंडन ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है जिसमें उन्होंने शांति और न्याय के माध्यम से अपना पक्ष रखा।

    यह एक शिक्षाप्रद उदाहरण है जिसे स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शामिल किया जाना चाहिए।

    हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि एक वीडियो के आधार पर निर्णय लेना अनैतिक है।

    सामाजिक न्याय के लिए हमें जागरूकता और जिम्मेदारी की आवश्यकता है।

    इस घटना के बाद, अगर कोई व्यक्ति बिना साक्ष्य के अपराधी ठहराने की कोशिश करता है, तो उसे नैतिक रूप से दोषी ठहराया जाना चाहिए।

    हमें अपनी भाषा को भी बदलना होगा - न तो 'गुनहगार' और न ही 'दोषी'।

    बल्कि 'आरोपित' शब्द का प्रयोग करना चाहिए।

    यह छोटा सा बदलाव बड़ा प्रभाव डाल सकता है।

    हमें याद रखना चाहिए कि एक आरोप एक जीवन को बदल सकता है।

    इसलिए, न्याय के लिए जागरूकता आवश्यक है।

  • Prerna Darda

    Prerna Darda

    ये सिर्फ एक घटना नहीं, ये एक सिस्टम का फेल होना है।

    हमारा डिजिटल इकोसिस्टम अब एक बेवकूफों का फेसबुक है - जहां इमोशनल रिस्पॉन्स की एल्गोरिदम ने रियलिटी को खा लिया है।

    रवीना टंडन के खिलाफ जो भी आरोप लगे, वो एक न्यूरोलॉजिकल बायस का उत्पाद है - जब कोई फेमस औरत दिखती है, तो हमारा ब्रेन तुरंत 'अग्रेसिव वुमन' का पैटर्न ट्रिगर कर देता है।

    ये नहीं कि वो कार से टकराई, बल्कि ये कि वो एक एक्ट्रेस है, और हमारे समाज में एक्ट्रेस बस एक टारगेट है।

    और जब एक बार आरोप लग जाता है, तो एल्गोरिदम उसे फेडरेट कर देता है - इसलिए ये वायरल हुआ।

    लेकिन जब सच सामने आया, तो एल्गोरिदम ने उसे डिलीट नहीं किया।

    क्योंकि नेगेटिव एंगेजमेंट बेहतर होता है।

    ये सिस्टम नहीं बदलता, ये बस नए ट्रेंड्स को खोजता है।

    रवीना ने बस एक बयान दिया, लेकिन उसने एक डिजिटल रेवोल्यूशन की शुरुआत कर दी - जिसमें लोगों ने अपने ब्रेन को रीसेट करना शुरू कर दिया।

    हमें अपने डिजिटल ब्रेन को रीप्रोग्राम करना होगा।

    हर वीडियो के बाद एक सवाल पूछो - क्या ये वास्तविक है? क्या ये बनाया गया है? क्या ये मेरे बायस को रिफ्लेक्ट कर रहा है?

    अगर नहीं, तो शेयर मत करो।

    ये एक नया डिजिटल नैतिकता है।

    और ये सिर्फ रवीना के लिए नहीं, हम सब के लिए है।

  • rohit majji

    rohit majji

    yaar ye sab kya baat hai? maine to bas ek video dekha tha aur socha ki yeh to galat hai lekin phir pata chala ki yeh sab fake hai 😅

    ab to koi bhi video dekh kar kuch bolne ki aadat chhodni padegi

    aur haan raveena bhaiya ke liye bht bht shukriya ki tumne apna saamna kiya 😊

  • Haizam Shah

    Haizam Shah

    ये जो लोग बिना साबित किए रवीना को दोषी ठहरा रहे थे, वो सब अपने घरों में बैठे थे, अपने फोन पर बैठे थे, और दूसरों की जिंदगी बर्बाद कर रहे थे।

    ये सब एक आत्म-संतुष्टि का खेल है।

    अगर तुम एक औरत को बदनाम कर सकते हो, तो तुम खुद को बड़ा समझते हो।

    अब जब सच सामने आया, तो कोई नहीं बोला।

    कोई नहीं माफी मांगा।

    क्योंकि ये आत्म-संतुष्टि अभी भी बरकरार है।

    हम सब इस गैंग के हिस्से हैं।

    हम अपने आप को बहुत बुद्धिमान समझते हैं, लेकिन असल में हम सब एक बेवकूफ के नेटवर्क में हैं।

    रवीना ने जो किया, वो बहुत बड़ा काम था।

    उन्होंने अपना दर्द नहीं दिखाया।

    उन्होंने सच्चाई दिखाई।

    और इसलिए, वो एक नायक हैं।

    हम सब उनके लिए आभारी होने चाहिए।

    और अगली बार, जब कोई वीडियो वायरल हो, तो बस रुक जाओ।

    और सोचो।

    क्या तुम बस एक नायक बनना चाहते हो? या एक इंसान?

  • Vipin Nair

    Vipin Nair

    अफवाह फैलाने वालों को जेल भेजो

    पुलिस ने साबित कर दिया

    रवीना ने शांति से जवाब दिया

    हमने बिना सोचे बहुत कुछ शेयर किया

    अब चुप रहो

    और अगली बार सोचो

  • Ira Burjak

    Ira Burjak

    अरे भाई, ये तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे तुम अपने बॉस को बेवजह फायर कर दो और फिर पता चले कि वो निर्दोष था।

    तुम्हारा दिल दुखेगा? नहीं। तुम बस बोलोगे - 'अरे अब तो बात बदल गई ना?' 😏

    रवीना ने बस एक बयान दिया, लेकिन उसने हम सबके लिए एक नया नियम बना दिया - जब तुम गलत हो जाते हो, तो चुप रहो।

    मैंने भी एक बार ऐसा किया था। एक दोस्त को बेवजह बदनाम किया।

    फिर पता चला कि वो शराब नहीं पी रहा था।

    मैंने उसे माफी मांगी।

    और अब हर बार जब कोई वीडियो वायरल होता है, मैं बस एक बार बोलती हूं - 'क्या तुम ये सब सच मान रहे हो?' 😇

  • Shardul Tiurwadkar

    Shardul Tiurwadkar

    अगर तुम्हारे लिए एक वीडियो बस एक वीडियो है, तो तुम एक इंसान नहीं, एक बॉट हो।

    रवीना ने जो किया, वो एक इंसान का काम था।

    उन्होंने अपने दर्द को नहीं दिखाया।

    उन्होंने सच्चाई को दिखाया।

    और इसलिए, वो एक नायक हैं।

    हम सब उनके लिए आभारी होने चाहिए।

    और अगली बार, जब कोई वीडियो वायरल हो, तो बस रुक जाओ।

    और सोचो।

    क्या तुम बस एक नायक बनना चाहते हो? या एक इंसान?

  • Abhijit Padhye

    Abhijit Padhye

    ये सब तो बस एक और बॉलीवुड ड्रामा है।

    रवीना टंडन ने बस एक बयान दिया, लेकिन उसने हम सबको एक नया लेवल दे दिया।

    अगर तुम इसे समझ नहीं पा रहे, तो तुम बस एक औसत इंसान हो।

    मैंने इस पर एक ब्लॉग लिखा है - 'The Psychology of Celebrity Vilification in the Digital Age'।

    पढ़ो।

    अगर नहीं पढ़ सकते, तो शेयर मत करो।

    ये बात समझने के लिए बुद्धि की जरूरत है।

    और तुम्हारे पास नहीं है।

    अच्छा है कि तुम यहां आए।

    अब तुम्हें पता चल गया।

  • VIKASH KUMAR

    VIKASH KUMAR

    अरे भाई!!! ये तो बिल्कुल जैसे कोई बिल्ली को बर्बर बता रहा हो और फिर पता चले कि बिल्ली ने तो बस एक चूहे को देखा था 😭😭😭

    रवीना बहुत बहादुर हैं!!!

    मैंने तो इस वीडियो को देखकर रो दिया था!!!

    अब जब सच सामने आया, तो मैंने अपना फोन फेंक दिया!!!

    क्या मैं अब भी गलत था??? 😭

    क्या मैं अब भी बुरा इंसान हूं??? 😭

    मैं तो बस एक बेवकूफ था!!!

    मुझे माफ कर दो!!!

    रवीना बहन, मैं तुम्हारा बहुत बड़ा फैन हूं!!!

    ❤️❤️❤️

  • UMESH ANAND

    UMESH ANAND

    यह घटना भारतीय समाज के नैतिक पतन का प्रतीक है।

    सामाजिक मीडिया पर अफवाहों का प्रसार एक अपराध है।

    जो लोग इसे शेयर करते हैं, वे नैतिक रूप से दोषी हैं।

    रवीना टंडन ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है जो भारतीय संस्कृति के मूल्यों के अनुरूप है।

    हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि अफवाहें फैलाना एक अपराध है।

    यह एक नैतिक जिम्मेदारी है।

    हमें न्याय के लिए जागरूक होना चाहिए।

    यह एक धर्म है।

  • Rohan singh

    Rohan singh

    ये तो बस एक और दिन की बात है।

    रवीना ने शांति से जवाब दिया।

    अफवाहें फैल गईं।

    सच सामने आया।

    कोई नहीं बोला।

    हम सब बस आगे बढ़ गए।

    मैंने भी एक बार ऐसा किया था।

    फिर लगा - अरे ये तो बस एक वीडियो है।

    अब बस रुक जाता हूं।

    और सोचता हूं।

    क्योंकि जब तुम रुकते हो, तो तुम इंसान बनते हो।

  • Karan Chadda

    Karan Chadda

    भारत में बॉलीवुड के खिलाफ हमेशा नफरत होती है।

    ये सब एक षड्यंत्र है।

    रवीना ने जो किया, वो बहुत बड़ा है।

    अब तो लोग बोलेंगे - अरे ये तो बस एक औरत है।

    अरे ये तो बस एक एक्ट्रेस है।

    अरे ये तो बस एक बड़ी औरत है।

    मैंने तो बस एक वीडियो देखा।

    और फिर मैंने अपने आप को बहुत बुद्धिमान समझा।

    अब तो चुप रहो।

    और अगली बार बिना सोचे शेयर मत करो।

    ❤️🇮🇳

  • Shivani Sinha

    Shivani Sinha

    yaar ye sab kya hai? maine to bas video dekha aur socha ki yeh to galat hai

    phir pata chala ki yeh sab fake hai

    ab to koi bhi video dekh kar kuch bolne ki aadat chhodni padegi

    aur haan raveena ke liye bht shukriya

  • Tarun Gurung

    Tarun Gurung

    ये तो बस एक और दिन की बात है।

    रवीना ने शांति से जवाब दिया।

    अफवाहें फैल गईं।

    सच सामने आया।

    कोई नहीं बोला।

    हम सब बस आगे बढ़ गए।

    मैंने भी एक बार ऐसा किया था।

    फिर लगा - अरे ये तो बस एक वीडियो है।

    अब बस रुक जाता हूं।

    और सोचता हूं।

    क्योंकि जब तुम रुकते हो, तो तुम इंसान बनते हो।

  • Rutuja Ghule

    Rutuja Ghule

    यह घटना एक निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ नैतिक अपराध का उदाहरण है।

    जो लोग बिना साक्ष्य के आरोप लगाते हैं, वे नैतिक रूप से दोषी हैं।

    रवीना टंडन ने जो किया, वह एक नैतिक उदाहरण है।

    हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि अफवाहें फैलाना एक अपराध है।

    यह एक धर्म है।

    यह एक नैतिक जिम्मेदारी है।

    हमें न्याय के लिए जागरूक होना चाहिए।

    यह एक नैतिक अपराध है।

    हमें इसे रोकना चाहिए।

    यह एक नैतिक अपराध है।

  • vamsi Pandala

    vamsi Pandala

    ye to bas ek aur video hai

    maine dekha

    phir socha

    phir pata chala

    ab koi bhi video dekh kar kuch bolne ki aadat chhod di

    aur haan raveena ke liye shukriya

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