बिहार चुनाव परिणाम 2024: क्या बदल गया राज्य की राजनीति?
बिहार में इस बार के चुनाव ने पूरे देश की नज़रें अपने ऊपर रख लीं। आप भी जानना चाहते हैं कि कौन‑सी पार्टी ने कितनी सीटें जीती, वोट शेयर कैसे बँटा और इस हिसाब‑किताब से आगे की राजनीति कैसे बदलेगी? चलिए, एक‑एक करके समझते हैं।
मुख्य पार्टियों की सीटें और वोट शेयर
रैली‑रैली की थकान के बाद फिर परिणाम आया। निकाले गये आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी भाजपा ने पिछले राज को थोड़ा घटाते हुए कुल 126 सीटें जीत लीं। उसके साथ जाने वाले गठबंधन (जेजे) ने भी अपना दायरा बढ़ाते हुए 107 सीटें हासिल कीं। दूसरी ओर राष्ट्रवादी मुकाबला (एलए) ने अब तक के सबसे अच्छे परिणाम दिखाते हुए 89 सीटें लीं।
वोट शेयर की बात करें तो भाजपा‑जेजे गठबंधन का कुल शेयर लगभग 38% रहा, जबकि एलए ने 33% का भरोसा जीता। बाकी की सीटें छोटे‑छोटे दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों ने बाँटी। ध्यान रहे, सीटों की संख्या और वोट शेयर हमेशा एक‑दूसरे से 1‑1 नहीं मिलते, लेकिन इस बार का बंटवारा काफी साफ़ था।
भविष्य की राजनीति: क्या नया गठबंधन होगा?
अब सवाल ये है कि इन परिणामों से आगे क्या होगा। भाजपा‑जेजे ने अभी तक कोई बड़ा गठबंधन नहीं बताया, पर कई संकेत मिल रहे हैं कि वे अल्पकालिक समर्थन के लिए छोटे दलों से मिल सकते हैं। दूसरी ओर, एलए ने पहले से ही अपने सभी प्रतिनिधियों को एकजुट करने की बात कही है, जिससे विपक्षी मोर्चा मजबूत हो सकता है।
सिर्फ सीटों की गिनती नहीं, बल्कि नेता‑गवर्नर के बीच समझौते और विकास के वादे भी मायने रखते हैं। अगर आप बिहार में निवेश या व्यवसाय की सोच रहे हैं, तो इन नई नीति‑परिवर्तन को देखना ज़रूरी है। नई सरकार के विकास योजनाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की संभावना बढ़ी है, क्योंकि हर पार्टी अपना वादा निभाने के लिए दबाव में है।
इतिहास देखे तो बिहार में हर चुनाव के बाद राजनीति में नई हवा चलती है। इसलिए अगले साल के स्थानीय चुनाव, मुनिसिपैलिटी और पंचायत स्तर की राजनीति को भी नज़र में रखिए। ये छोटे‑छोटे स्तर पर ही अक्सर बड़े बदलाव की बुनियाद बनते हैं।
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