पुरी रथ यात्रा 2025 – क्या है, कब है और कैसे देखें?

अगर आप भारतीय त्योहारों में कुछ अनोखा देखना चाहते हैं तो पुरी रथ यात्रा जरूर देखें। यह जगन्नाथ (श्री भगवान विष्णु) के बड़े रथ को पहियों पर खींचने का इवेंट है, जहाँ लाखों श्रद्धालु बेताल और शंकु रथों के पीछे चलते हैं।

रथ यात्रा कब होती है?

रथ यात्रा हर साल के शरद ऋतु में होते हैं, आमतौर पर जून या जुलाई के बीच। 2025 में एलाली (शुक्ल द्वादशी) के दिन रथ बंधन होता है, फिर अगले दिन (जटरा) रथ निकलेगा। यही वह दिन है जब जघन्य भीड़ को देखना सबसे रोमांचक लगता है।

रथ यात्रा में क्या खास है?

मुख्य आकर्षण है ‘मथुरा रथ’ और ‘बनारसी रथ’ – दो बड़े लकड़ी के रथ, जिनके ऊपर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा बैठते हैं। रथ को 12,000+ जड़ाऊ हाथों (बालभक्त) खींचते हैं। इस दौरान बड़ो ने ‘हाथ झुलाना’, ‘छत्री फेंकना’, ‘नाचना’ जैसे रस्में भी देखे जा सकते हैं।रथ यात्रा सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक भी है: उड़ती हुई ध्वज, पिचकारी, धूप के बर्तन, और सैकड़ों कलाकार जोगी के गीत गाते हैं।

अगर आप पहली बार जा रहे हैं तो कुछ आसान टिप्स मदद करेंगे:

  • टिकट और एसीमेंट: रथ यात्रा में प्रवेश मुफ्त है, पर मंदिर परिसर में भीड़ बहुत होती है। जल्दी पहुँचे तो भीड़ से बचेंगे।
  • परिवहन: पुरी का मुख्य रेलवे स्टेशन और समुंद्री लेन दोनो ही शहर के केंद्र से 3‑5 किमी दूर हैं। टैक्सी, ऑटो या सरकारी बस से रथस्थल (श्रीशैल) तक पहुँचें।
  • भोजन: स्थानीय स्टॉल पर स्नैक (चोखा, पिठा, चने का साग) मिलते हैं, पर साफ़ पानी और स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • सुरक्षा: भीड़ में अपना सामान सुरक्षित रखें, बोझिल बैकपैक न ले जाएँ, और बच्चों को हाथ में रखें।
  • फ़ोटो: रथ की तस्वीरें खींचना allowed है, पर नज़र नहीं चुराने वाले क्षेत्रों में कैमरा पॉइंट न रखें।

एक और बात – रथ यात्रा के बाद “रथ स्नान” होता है जहाँ रथ को ताजे पानी से धोया जाता है। इस समय मंदिर के बाहर का माहौल शांत और पवित्र लगता है, और आप भी एक छोटी गेंद लेकर पानी में डाल सकते हैं, मानो अपना छोटा आशीर्वाद दे रहे हों।

क्या आप सोच रहे हैं कि इस यात्रा में क्या नहीं देखना चाहिए? कुछ लोग भीड़ में उलझकर डिट्रोइट की तरह हो जाते हैं। इसलिए सबसे बेहतर तरीका है: सुबह जल्दी पहुँचें, अपने कदमों को तय करेंगे, और भीड़ की लहर से बचेंगे। अगर आप शांत माहौल चाहते हैं तो रथ बंधन के बाद के दो‑तीन घंटे में रथस्थल के चारों ओर घूमें।

समाप्ति में, पुरी रथ यात्रा सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक अनुभव है। इतिहास, संगीत, नृत्य और भावनात्मक ऊर्जा एक साथ मिलती है। अगर आप 2025 में भारत की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस इवेंट को अपनी सूची में जरूर रखें। याद रखें, सही तैयारी, समय पर पहुँच और थोड़ी सावधानी के साथ, आप इस अद्भुत परम्परा को बिल्कुल न्यूनतम झंझट के साथ देख पाएँगे।

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का शुभारंभ, राष्ट्रपति मुर्मू होंगी सम्मिलित

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का शुभारंभ, राष्ट्रपति मुर्मू होंगी सम्मिलित

पुरी, ओडिशा में 7 जुलाई 2024 को भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा का शुभारंभ हुआ। इस साल का उत्सव खगोलीय व्यवस्थाओं के कारण 1971 के बाद पहली बार दो-दिवसीय होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस पवित्र यात्रा में भाग लेंगी। ओडिशा सरकार ने उनके दौरे के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।

Subhranshu Panda जुलाई 8 2024 0