एयर प्यूरीफायर खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए?

क्या आप सुबह‑शाम धूल और एलर्जी से परेशान हैं? अक्सर इंटीरियर में जागरूक नहीं रहते कि हवा में कितनी गैसें और कण मौजूद हैं। एक अच्छा एयर प्यूरीफायर इन समस्याओं को कम कर सकता है, बस जब आप सही मॉडल चुनें।

फ़िल्टर की क्वालिटी सबसे अहम

फ़िल्टर दो प्रकार के होते हैं – प्री‑फ़िल्टर और HEPA फ़िल्टर। प्री‑फ़िल्टर बड़े कण जैसे धूल और पालतू बालों को पकड़ता है, जबकि HEयर फ़िल्टर 0.3 माइक्रोन तक के सूक्ष्म कणों को फ़िल्टर करता है। यदि घर में बच्चों या एलर्जी वाले सदस्य हों तो HEPA फ़िल्टर वाला मॉडल ज़्यादा भरोसेमंद रहेगा।

कमरा का आकार और एयर प्यूरीफायर की क्षमता

हर मशीन की एक कवरेज रेटिंग होती है, जैसे 20 m², 30 m² आदि। इसे इधर‑उधर न देखिए, सही आकार चुनिये। छोटा यंत्र बड़े लिविंग रूम में चलाएंगे तो काम नहीं करेगा, और बड़ी मशीन छोटे कमरे में रखेंगे तो बिजली बेतरतीब बर्बाद होगी।

जब आप शॉपिंग साइट पर जाएँ, तो ‘CADR’ (Clean Air Delivery Rate) देखिए। यह संख्या जितनी बड़ी होगी, उतनी तेज़ हवा साफ होगी। कुछ मॉडल में ‘ऑटो मोड’ भी होता है जो कमरे की वायु स्तर के हिसाब से फ़ैन स्पीड बदल देता है।

आगे बढ़ने से पहले एक बात याद रखें – एयर प्यूरीफायर कोई जादू की छड़ी नहीं है। यह सिर्फ़ हवा को फ़िल्टर करता है, लेकिन रोज़-रोज़ सफाई, पालतू की देखभाल और नियमित वेंटिलेशन भी ज़रूरी है।

अब बात करते हैं रख‑रखाव की। फिल्टर को हर 6‑12 महीने में बदलना चाहिए, यह निर्माता की रिफ़रेंस पर निर्भर करता है। अगर आपको फिल्टर की बदलती महँगी लागत से डर है, तो वैक्यूम क्लीनर वाले प्री‑फ़िल्टर वाले मॉडल पर विचार कर सकते हैं, क्योंकि ये अक्सर दो‑तीन साल तक चले होते हैं।

बिल्ली‑प्यारे घर में अगर पालतू के बाल बहुत होते हैं, तो आप ‘ड्युअल‑फ़िल्टर’ वाले एयर प्यूरीफायर चुन सकते हैं, जिसमें कार्बन फिल्टर के साथ साथ HEPA भी रहता है। कार्बन फिल्टर गंध और VOCs (वॉलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स) को हटाता है, जिससे आपका घर ताज़ा महकता है।

अगर बजट कम है, तो पोर्टेबल मॉडल देखें। ये छोटे, डेस्क‑टॉप अथवा बेड‑साइड पर रखे जा सकते हैं। इन्हें प्लग‑इन या चार्जेबल दो तरह से चलाया जा सकता है, इसलिए जब आप यात्रा पर हों तो इन्हें साथ ले जाना आसान रहता है।

एक और सवाल अक्सर पूछते हैं – क्या एयर प्यूरीफायर आवाज़ करता है? हाँ, फ़ैन की गति के अनुसार ह्यूमन ईयर पर कुछ डेसिबल आवाज़ होती है। यदि आप शयनकक्ष में उपयोग करने वाले मॉडल को चुन रहे हैं, तो ‘नाइट मोड’ या ‘वाइल्ड‑व्हिस्पर’ वाले विकल्प देखें, जो 30 dB से भी कम आवाज़ में काम करता है।

अंत में, ब्रांड का भरोसा भी देखें। बड़े और विश्वसनीय ब्रांड अक्सर बेहतर वॉरंटी, सर्विस नेटवर्क और यूज़र सपोर्ट देते हैं। छोटे ब्रांड चुनते समय ऑनलाइन रिव्यू पढ़ें और पता करें कि क्या सेवा में कोई समस्या तो नहीं।

तो संक्षेप में:

  • सही फ़िल्टर (HEPA + कार्बन) चुनें
  • कमरे के आकार के हिसाब से कवरेज रेटिंग देखें
  • रख‑रखाव और फ़िल्टर बदलने की लागत ध्यान में रखें
  • शांत मोड वाला मॉडल अगर शयनकक्ष में है तो बेहतर रहेगा
  • विश्वसनीय ब्रांड और वॉरंटी को प्राथमिकता दें

इन बिंदुओं को ध्यान में रखकर आप अपना घर साफ़ और स्वस्थ हवा से भरपूर बना सकते हैं। अब तैयार हो जाएँ, सही एयर प्यूरीफायर चुनें और सांस लेने में आराम महसूस करें!

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Subhranshu Panda नवंबर 18 2024 0