हरियाणा चुनाव 2025: क्या बदल रहा है?

हरियाणा में इस बार का चुनाव कई लोगों के लिए खास है। सबको पता है कि हरियाणा की राजनीति अक्सर राष्ट्रीय रुझानों को परावर्तित करती है, लेकिन इस बार कुछ स्थानीय मुद्दे ज्यादा असर डाल रहे हैं – जैसे कृषि दवाब, रोजगार और शिक्षा की स्थिति। आप अगर इस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता हैं या सिर्फ जानकारी चाहते हैं, तो इस गाइड में आपको सब कुछ मिलेगा।

मुख्य पार्टियाँ और उनका प्रदर्शन

भाजपा, कांग्रेस और नई पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कॉन्फेडरेशन (एनआरसी) इस बार के बड़े खिलाड़ी हैं। भाजपा ने पिछले दो चुनावों में मजबूत जीत हासिल की थी, लेकिन किसान आंदोलन और टूल्स‑ट्रेम्बल के बाद उनका भरोसा थोड़ा घटा है। कांग्रेस ने फिर से किसानों के मुद्दे उठाकर समर्थन जुटाने की कोशिश की है, और एनआरसी ने युवा वोटर और पहली बार वोट देने वालों को अपील कर अपना द्रव्यमान बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

पार्टी के प्रमुख चेयरमैन और उम्मीदवारों की बातें भी काफी रोचक हैं। भाजपा के दावेदार ने अपने पिछले काम को उजागर किया, जबकि कांग्रेस ने नई युवा चेहरे को सामने लाया जिससे दर्शकों को ताज़गी मिली। एनआरसी ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं को प्रमुखता दी, जैसे सड़क और जल संरक्षण परियोजनाएँ।

किसान, नौकरियों और वोटर टर्नआउट पर फोकस

हरियाणा की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है, इसलिए किसान मुद्दे हमेशा चुनाव में चमकते हैं। पानी की कमी, फसलों की कीमतें और नई तकनीकें अब प्रमुख चर्चा हैं। पार्टियों ने अपने घोषणापत्र में सॉलर पंप, माइक्रो-इंडस्ट्री और स्किल ट्रेनिंग पर ज़ोर दिया है। अगर आप किसान हैं, तो ये बात आपके वोट को दिशा दे सकती है।

युवा वर्ग के लिए रोजगार ही सबसे बड़ा सवाल है। हरियाणा में कई कॉलेज स्नातक अभी भी नौकरी नहीं पा रहे हैं, इसलिए पार्टियां स्किल विकास, स्टार्ट‑अप फंड और एमपीए (Mohan Punjab Act) जैसी योजनाओं को प्रमुख बना रही हैं। जिस पार्टी की योजना आपके निकटस्थ रोजगार के अवसर बनाती है, वह आपके वोट को जीत सकती है।

अब बात करते हैं वोटर टर्नआउट की। पिछले चुनाव में लगभग 70% टर्नआउट था, लेकिन इस बार राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ने के कारण यह आंकड़ा 75% तक पहुँच सकता है। अगर आप पहली बार वोट डाल रहे हैं, तो अपने एलीड्रॉप या मतदाता कार्ड की जाँच करना न भूलें। आपके वोट की ताकत तब बढ़ती है जब आप सही टाइम पर, सही उम्मीदवार को चुनते हैं।

आपको याद रखना चाहिए कि चुनाव केवल पार्टी नहीं, बल्कि विकास की दिशा तय करता है। एक वोटर के रूप में, अपने क्षेत्र की जरूरतें, उम्मीदवार की बैकग्राउंड और पार्टी का कार्यकलाप देख कर ही निर्णय लें। बेहतर है कि आप अपने दोस्तों और पड़ोसियों से भी बात करें, क्योंकि सामूहिक चर्चा से कई कमियों को समझा जा सकता है।

अंत में, हरियाणा चुनाव आपको अपना अधिकार प्रयोग करने का सुनहरा मौका देता है। चाहे आप किसान हों, युवा नौकरीपेशा, या घर में रहने वाला, आपके वोट से राज्य की नीतियां बनती हैं। तो मतदान दिवस को याद रखें, सही स्थान पर पहुंचें और अपना वोट डालें। आपका छोटा-सा कदम बड़ा परिवर्तन ला सकता है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: अनिल विज की जीत से कांग्रेस को झटका

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: अनिल विज की जीत से कांग्रेस को झटका

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने अंबाला कैंट सीट पर शानदार विजय हासिल की। यह विज की लगातार सातवीं जीत है। उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार चित्रा सरवारा को 7,277 वोटों के अंतर से हराया। कांग्रेस के उम्मीदवार परविंदर सिंह परे पीछे रहे। विज की यह जीत बताती है कि उनका अंबाला कैंट सीट पर प्रभाव अमिट है।

Subhranshu Panda अक्तूबर 9 2024 0