जमानत क्या है? सरल शब्दों में समझिए

जमानत का मतलब है कि किसी को पुलिस या कोर्ट में रखे गए बंधन से मुक्त कर दिया जाए, बशर्ते वह कुछ शर्तें पूरी करे। यानी, आरोपी को एक निश्चित राशि या वस्तु जमा करके अस्थायी रिहाइश मिलती है, जब तक कि उसका केस सुनवाई न हो जाए। जमानत का उद्देश्य अभियुक्त को बेकार जेल में नहीं रखना और परीक्षण के दौरान सुगमता से पेश करना है।

जमानत के मुख्य प्रकार

जमानत दो बड़े वर्गों में बाँटी जाती है – आर्थिक जमानत और सशर्त जमानत। आर्थिक जमानत में आप पैसे या जमानती संपत्ति जमा करते हैं, जबकि सशर्त जमानत में कोर्ट कुछ नियम निर्धारित करता है, जैसे कि पुलिस से संपर्क न करना या तय शहर में रहना।

आर्थिक जमानत के सबसे आम रूप हैं: बंधक, पैसा, या कोई मूल्यवान सामान। सशर्त जमानत में अक्सर पुलिस रिपोर्ट में बताई गई शर्तें जैसे कि समय पर कोर्ट में उपस्थित होना, यात्रा पर प्रतिबंध, या पुलिस द्वारा पूछताछ से बचना शामिल होते हैं।

जमानत पाने की आसान प्रक्रिया

जमानत के लिए आवेदन करने के कदम बहुत सहज हैं। सबसे पहले, आप या आपका वकील पुलिस स्टेशन या कोर्ट में जमानत के लिए लिखित याचिका दायर करे। इसमें गिरफ्तारी का कारण, आपराधिक आरोप और आपके पास मौजूद जमानत की जानकारी होनी चाहिए।

फिर कोर्ट याचिका पढ़ता है, सबूत देखता है और जमानत देने या न देने का फैसला करता है। अगर कोर्ट जमानत मंजूर कर देती है, तो आपको तय राशि या शर्तें पूरी करनी होती हैं। शर्तें पूरी होने के बाद आपको रिहा कर दिया जाता है, और केस की सुनवाई के बाद जमानत की राशि वापस कर दी जाती है, बशर्ते कोई नियम टूट न हो।

ध्यान रखें, कुछ गंभीर मामलों में जैसे हत्या, रसद की चोरी, या जब आरोपी ने पहले भी जेल में समय बिताया हो, तो कोर्ट जमानत देने में सख्ती बरत सकता है। ऐसे में जमानत का विकल्प नहीं रह जाता, बल्कि आरोपी को जेल में रहना पड़ता है जब तक बयान नहीं दिया जाता।

अगर आप जमानत के दौरान किसी भी शर्त का उल्लंघन करते हैं, तो कोर्ट तुरंत जमानत रद्द कर सकता है और तत्काल हिरासत में ले सकता है। इसलिए, जमानत मिलने के बाद सभी नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।

सारांश में, जमानत एक ऐसी सुविधा है जो आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया के दौरान अस्थायी स्वतंत्रता देती है, बशर्ते वे कोर्ट द्वारा तय शर्तों का पालन करें। सही जानकारी और वकील की मदद से आप इस प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकते हैं।

हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निर्दोष: झारखंड हाई कोर्ट ने दी जमानत

हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निर्दोष: झारखंड हाई कोर्ट ने दी जमानत

झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देते हुए कहा कि उनके विरुद्ध किसी भी अपराध में शामिल होने का प्रमाण नहीं है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के दावे की आलोचना की और संभावना के आधार पर भविष्य में सोरेन द्वारा पुनः अपराध करने की संभावना कम बताई।

Subhranshu Panda जून 29 2024 0