मेडिकल सुरक्षा: घर और बाहर स्वस्थ रहने के आसान उपाय
जब बात आती है आपके और आपके परिवार की सेहत की, तो सबसे पहली चीज़ है मेडिकल सुरक्षा। यह सिर्फ डॉक्टर के पास जाने तक सीमित नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी आदतों से शुरू होती है। अगर आप ये छोटे‑छोटे कदम अपनाएँ, तो बीमारी का खतरा काफी कम हो जाता है और आपातकाल में भी आप खुद संभाल सकते हैं।
घर पर मेडिकल सुरक्षा के मुख्य उपाय
सबसे पहले, हाथों की साफ़‑सफ़ाई रखें। साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएँ, खासकर खाने से पहले, टॉयलेट के बाद, और बाहर से लौटते ही। अगर साबुन नहीं है, तो एंटी‑सेप्टिक सॉल्यूशन इस्तेमाल करें। यह वायरस और बैक्टीरिया को मारता है और कई संक्रमण को रोकता है।
दूसरा, घर में एक बेसिक फ़र्स्ट एड किट रखें। इसमें बैंडेज, एंटी‑सेप्टिक क्रीम, दर्द निवारक टैबलेट, पर्सेंटाइल थर्मामीटर और एंटिहिस्टामिन जैसी चीज़ें होनी चाहिए। किट को हाइलाइटेड जगह पर रखें और हर साल जांचें कि कोई expiry तो नहीं हुई।
तीसरा, दवाओं को सुरक्षित जगह पर रखें। बच्चों की पहुँच से बाहर, ठंडी, सूखी जगह पर रखिए। हर दवा का लेबल पढ़ें और डॉक्टर की डोज़ के हिसाब से ही इस्तेमाल करें। अगर आपको ड्रग इंटरैक्शन की जानकारी नहीं है, तो फ़ार्मासिस्ट से पूछिए।
चौथा, टीकाकरण को अपडेट रखें। फ़्लू, डेंफ़, टिटनेस, COVID‑19 जैसे रोगों के टीके आपके और आपके परिवार की रक्षा करते हैं। अपने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से शेड्यूल चेक करें और समय पर वैक्सीन लेवाएँ।
आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित कार्रवाई
आपातकाल में दिमाग ठंडा रखना ज़रूरी है। सबसे पहले, तुरंत भारत में 112 या 108 पर कॉल करें। कॉल करने से पहले घटना का संक्षिप्त विवरण, आपका पता और संपर्क नंबर तैयार रखें। इससे एम्बुलेंस जल्दी पहुँच पाएगी।
यदि कोई चोट लगी है, तो पहले रुकावट हटाएँ, रक्तस्राव को दबाए रखें और घायल व्यक्ति को हिलाने से बचें जब तक डॉक्टर न कहें। सिर में चोट या दिमागी चोट के लक्षण दिखें तो तुरंत प्रेशर को स्थिर रखें और पेशेवर मदद का इंतज़ार करें।
बच्चों या बुज़ुर्गों में अचानक बुखार या सांस लेने में दिक्कत आए तो तुरंत उन्हें आराम दें, ठंडा पानी या एलर्जी की दवाई न दें, बल्कि डॉक्टर से संपर्क करें। घर में पेट के दर्द या उल्टी होने पर हल्का पानी दें और डॉक्टर की सलाह का इंतज़ार करें।
सभी आपातकालीन स्थितियों में एक छोटी नोटबुक रखें जिसमें एमरजेंसी कॉन्टैक्ट्स, एलर्जी की जानकारी, मौजूदा दवाइयों की लिस्ट और डॉक्टर का नाम हो। यह जानकारी एम्बुलेंस वाले या डॉक्टर को जल्दी समझ में आ जाएगी।
इन सरल उपायों को अपनी रोज़मर्रा की रूटीन में जोड़ें, तो मेडिकल सुरक्षा बहुत मजबूत हो जाएगी। चाहे छोटे मोड़ पर हो या बड़ी मेडिकल इमरजेंसी, तैयार रहना हमेशा फायदेमंद है। याद रखें, आपके छोटे‑छोटे कदम ही बड़ी बीमारी को रोक सकते हैं।
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