T20I विकेट्स – क्या है खास?

अगर आप क्रिकेट के फैन हैं तो आपको पता होगा कि T20 में हर विकेट का वजन बहुत बड़ा होता है। सिर्फ 20 ओवर में टीम का बंडल अक्सर एक-तीन विकेट से बदल जाता है। इसलिए बॉलर्स के लिये विकेट लेना सिर्फ जीत की कुंजी नहीं, बल्कि मैच के मोमेंटम को भी बदल देता है।

आइए देखें कि इस फॉर्मेट में कौन-से बॉलर्स ने सबसे ज्यादा प्रभाव डाला है और क्यों उनका फॉर्मूला काम करता है। आप भी अपनी अगली प्रेडिक्शन में इन बातों को ध्यान में रख सकते हैं।

सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़

पिछले दो सीज़न में भारत के निखिल मैडू और वेस्ट इंडिया के कलेब लुईस ने लगातार वीकेंड्स को कब्ज़ा किया है। मैडू की तेज़ गति और स्लाइसिंग डिलीवरी ने बल्लेबाज़ों को उलझा दिया, जबकि लुईस की डॉपिंग बॉल ने कई टॉप ऑर्डर को झटक दिया। इनके अलावा, अफ़ग़ानिस्तान के हमीद सजग़ी ने भी 2024 में 25 विकेट लेकर लाइपसेट बनाया। ये तीन खिलाड़ी हर मैच में 3‑4 विकेट पर कब्ज़ा कर लेते हैं, जिससे उनका टीम तुरंत आगे बढ़ जाती है।

अगर आप अपने फैंटेसी टीम बना रहे हैं तो इन बॉलर्स को प्राथमिकता देनी चाहिए। इनके पास सिर्फ विकेट नहीं, बल्कि कंट्रोल भी है – कम रन देना और ओवर में छक्का नहीं देना। यही कारण है कि वे अक्सर ‘बेबीॉन’ बिंदु में आते हैं।

विकेट लेने की स्मार्ट तकनीक

विकेट तभी आते हैं जब बॉलर बैट्समैन की कमज़ोरी को समझे। आजकल कोचिंग में बॉलर्स को विभिन्न परिस्थितियों के हिसाब से डिलीवरी बदलने की ट्रेनिंग दी जाती है। उदाहरण के तौर पर, शुरुआती ओवर में सीम रेंज पर लाइन और लंबाई नियंत्रित करके बल्लेबाज़ों को खुश करना, फिर मिड‑ऑवर्स में अंदाज़ा बदलकर प्लेटफ़ॉर्म शॉट्स को बाधित करना।

एक और ट्रिक है ‘वेरिएशन’ – स्लोअर बॉल, कट बॉल और यॉर्कर को मिलाकर रिदम तोड़ना। इससे बैट्समैन की टाइमिंग बिगड़ती है और अक्सर वो गिरा हुआ बॉल से आउट हो जाता है। इस तरह की डिलीवरी में बॉलर को अपने हाथ की फीलिंग का भरोसा होना चाहिए, इसलिए कई टीमें अब बॉलर्स को ‘फील्डिंग सेंस’ के साथ स्कैन कराती हैं।

ऑन‑फ़ील्ड पर भी फील्ड प्लेसमेंट का बड़ा रोल है। अगर आप बैट्समैन को कॉर्नर या स्लिप में जगह नहीं देते, तो वाइकट की संभावना बढ़ती है। इसलिए आधुनिक टीमें बॉलर और फील्डर की तालमेल को ‘विकेट मशीन’ बना देती हैं।

अंत में यह कहना सही रहेगा कि T20I में विकेट लेना केवल बल नहीं, बल्कि दिमागी खेल है। बॉलर को शॉट्स की पढ़ाई करनी चाहिए, फील्डर को सही पजिशन में होना चाहिए, और टीम को रणनीति के अनुसार बदलते रहना चाहिए। इस फॉर्मूला को समझकर आप न सिर्फ मैच देखेंगे, बल्कि हर गेंद पर डिटेल में सोचना भी शुरू कर देंगे।

तो अगली बार जब आप T20 मैच देखें, तो सिर्फ रन स्कोर पर नहीं, बल्कि विकेटों के पीछे की रणनीति पर भी नज़र रखें। शायद यही आपका अगला क्रिकेट विश्लेषण बन जाए!

टी20आई में 100 विकेट: अर्शदीप सिंह ने रचा इतिहास, ओमान के खिलाफ अनोखा रिकॉर्ड

टी20आई में 100 विकेट: अर्शदीप सिंह ने रचा इतिहास, ओमान के खिलाफ अनोखा रिकॉर्ड

अर्शदीप सिंह ने ओमान के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय में 100 विकेट पूरे कर भारतीय क्रिकेट में इतिहास रच दिया। वह टी20आई में 100 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज और दुनिया के सबसे तेज तेज गेंदबाज बने। यह उपलब्धि उनके दबाव में प्रदर्शन और डेथ ओवर की कुशलता का सबूत है। यह माइलस्टोन भारत की टी20 गेंदबाजी की नई दिशा भी दिखाता है।

Subhranshu Panda सितंबर 20 2025 0