तुंगभद्रा बांध – जल शक्ति का नया केंद्र

क्या आप जानते हैं कि तुंगभद्रा बांध सिर्फ एक बड़ी सी जल संरचना नहीं, बल्कि आसपास के किसानों, उद्योगों और पर्यटन को भी नया जीवन देता है? इस लेख में हम इस बांध के मुख्य पहलुओं, उसके लाभ‑हानियों और भविष्य की योजनाओं पर एक नज़र डालेंगे।

बांध का परिचय और मुख्य उद्देश्य

तुंगभद्रा बांध पूरव मध्य भारत में तुंगभद्रा नदी पर स्थित है। इसका निर्माण 2015 में शुरू हुआ और 2021 में पूर्ण रूप से चालू हुआ। मुख्य लक्ष्य हैं:

  • सिंचाई के लिए विश्वसनीय जल स्रोत बनाना, खासकर उन गाँवों के लिए जो पहले सूखे से पीड़ित थे।
  • बिजली उत्पादन – बांध के जल टर्बाइन से 120 मेगावॉट तक की ऊर्जा उत्पन्न की जाती है।
  • बाढ़ नियंत्रण – भारी बारिश में पानी को नियंत्रित कर आसपास के क्षेत्रों को बाढ़ से बचाया जाता है।

इन तीनों उद्देश्य ने मिलकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद की है।

स्थानीय जीवन पर असर और पर्यटन अवसर

बांध के खुलने के बाद, कई खेतों में फसल की पैदावार 30‑40% तक बढ़ी है। किसान अब वही फसल दो-तीन बार लगा सकते हैं, जिससे उनकी आय में स्पष्ट सुधार आया है। इसके अलावा, जल शक्ति से चलती छोटी हाइड्रोपावर प्लांटें गांवों को सस्ती बिजली देती हैं, जिससे घरों में लाइट जलते हैं और मोबाइल चार्ज होते हैं।

पर्यटन के लिहाज़ से भी तुंगभद्रा बांध एक आकर्षण बन गया है। खूबसूरत जलाशय, नौका विहार और पिकनिक स्पॉट्स ने यहाँ स्थानीय और बाहरी यात्रियों को आकर्षित किया है। सालाना एडवेंचर फेस्टिवल आयोजित होने से होटल, रेस्तरां और छोटे व्यवसायों को नई आय मिलती है।

हालाँकि, कुछ समस्याएं भी सामने आईं। शुरुआती दौर में जल शोधन की कमी के कारण पानी में गंदगी बढ़ी और मछलियों की संख्या घट गई। लेकिन स्थानीय परिषद ने जल शोधन यूनिट स्थापित करके इस समस्या को काफी हद तक हल किया है।

भविष्य की योजनाओं में जल पुनर्चक्रण, सौर पैनलों की सहायता से ऊर्जा उत्पादन बढ़ाना और बांध के आसपास एक इको‑टूरिज़्म क्लस्टर बनाना शामिल है। ये कदम न केवल पर्यावरण को बचाएंगे, बल्कि नौकरी के नए अवसर भी देंगे।

सारांश में, तुंगभद्रा बांध ने जल सुरक्षा, ऊर्जा, कृषि और पर्यटन के क्षेत्र में ठोस बदलाव लाए हैं। अगर आप अपने गांव या क्षेत्र में ऐसे प्रोजेक्ट की संभावनाएं देख रहे हैं, तो तुंगभद्रा मॉडल एक अच्छी सीख दे सकता है।

तुंगभद्रा बांध के गेट बहने से मची अफरा-तफरी, आपातकालीन प्रतिक्रिया जारी

तुंगभद्रा बांध के गेट बहने से मची अफरा-तफरी, आपातकालीन प्रतिक्रिया जारी

10 अगस्त की रात को तुंगभद्रा बांध का एक स्पिलवे गेट बह गया, जिससे प्रशासन और स्थानीय निवासियों में चिंता फैल गई। यह घटना रात 10:50 बजे के आसपास घटी, जब गेट नंबर 19 अपनी जगह से हट गया। इसके बाद, तुंगभद्रा बोर्ड ने उच्च अधिकारियों और आपदा प्रबंधन अधिकारियों को सूचना दी। आपातकालीन प्रतिक्रिया के तहत, एक नया स्टॉप लॉग गेट बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

Subhranshu Panda अगस्त 12 2024 0