वायु गुणवत्ता: क्यों है महत्वपूर्ण और कैसे सुधारे घर की हवा

क्या आप हमेशा सांस लेते वक्त थोड़ा घुटन महसूस करते हैं? यही अक्सर खराब वायु गुणवत्ता का असर होता है। भारत में शहरों के धुएँ, धुंध और धूल से हवा में हानिकारक कण (PM2.5) बढ़ रहे हैं, जिससे लोगों की सेहत पर बोझ पड़ता है। इस लेख में हम सरल तरीका बतायेंगे जिससे आप अपने आसपास की हवा को साफ़ रख सकते हैं और इस मुद्दे की ताज़ा खबरों से अपडेट रह सकते हैं।

वायु गुणवत्ता के प्रमुख संकेतक

हवा में मौजूद कणों को मापने के लिए AQI (Air Quality Index) इस्तेमाल किया जाता है। AQI 0‑50 साफ़ हवा, 51‑100 हल्की प्रदूषित, 101‑200 मध्यम, 201‑300 उच्च, और 300 से ऊपर अत्यधिक खतरनाक माना जाता है। मुख्य गैसें जैसे कि सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) और ओज़ोन (O₃) भी AQI में गिना जाता है। इन मानों को देख कर आप जल्दी समझ सकते हैं कि कब बाहर जाना सुरक्षित है या नहीं।

भारत के कई बड़े शहरों में PM2.5 स्तर अक्सर 150‑200 µg/m³ तक पहुँच जाता है, जो WHO की अनुशंसा (25 µg/m³) से कई गुना अधिक है। winter में धुंध और ठंडी हवा के कारण यह स्तर और बढ़ जाता है, इसलिए इस मौसम में विशेष सतर्कता की जरूरत होती है।

वायु गुणवत्ता सुधारने के आसान कदम

घर के अंदर की हवा को साफ़ रखने के लिए कुछ छोटे-छोटे बदलाव काफी असरदार होते हैं। सबसे पहले, घर में एयर प्यूरीफ़ायर या HEPA फ़िल्टर वाले वेंटिलेशन सिस्टम लगाएँ। ये उपकरण छोटे कणों को फ़िल्टर करके हानिकारक गैसों को कम करते हैं।

दूसरा, अपने घर के आसपास हरियाली बढ़ाएँ। पत्ते वाले पौधे जैसे मनी प्लांट, स्नेक प्लांट और एलो वेरा CO2 को吸ते हैं और आयुष्मान बढ़ाते हैं। अगर बगीचा है तो झाड़ी‑झाड़ फेंकने से बचें, क्योंकि टूटे हुए पत्ते हवा में धूल बनते हैं।

तीसरा, धुएँ वाले काम को बाहर ही रखें। अगर आप घर में पकाते समय तेल अधिक इस्तेमाल करते हैं, तो धुंध इकट्ठा हो जाती है। फुर्सत में किचन एग्जॉस्ट फ़ैन चलाएँ या खिड़की खोलें।

साथ ही, कार या दोपहिया वाहन का उपयोग कम करें। पैदल चलना, साइकिल चलाना या सार्वजनिक परिवहन लेना इससे हवा में कार्बन डाइऑक्साइड कम होती है। यदि आप वाहन चलाते हैं तो इंधन की नियमित जांच कराएँ, क्योंकि खराब इंजन ज्यादा धुआँ निकालता है।

अंत में, स्थानीय सरकारी सूचनाओं पर नज़र रखें। कई शहरों में अब मोबाइल एप्स या वेबसाइट पर रीयल‑टाइम AQI दिखाया जाता है। अगर AQI हाई है तो बाहर के काम को देर तक टालें और घर में रहकर मास्क पहनें।

वायु गुणवत्ता केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, निजी प्रयास भी जरूरी है। छोटे‑छोटे बदलावों से आप अपने परिवार की सेहत बचा सकते हैं और शहर को साफ़ हवा की ओर ले जा सकते हैं। अगली बार जब आप बाहर निकलें, तो अपने मोबाइल पर AQI चेक करना न भूलें – यह एक छोटी सी आदत बड़े फ़रक ला सकती है।

प्रदूषण की चपेट में दिल्ली: वायु शोधक और मास्क की बिक्री में भारी वृद्धि

प्रदूषण की चपेट में दिल्ली: वायु शोधक और मास्क की बिक्री में भारी वृद्धि

दिल्ली और एनसीआर गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं, जिससे एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में अचानक वृद्धि हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर प्लस' श्रेणी में पहुंच चुका है। विशेषज्ञ लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं, खासकर जब घर से बाहर निकलें। इसके बावजूद सरकारी कदम उठाए जाने बाकी हैं।

Subhranshu Panda नवंबर 18 2024 0