26/11 हमला – क्या हुआ, कौन था पीछे और आज हमारी सुरक्षा में क्या बदलाव?
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए दहशत भरे हमले को आज भी लोग याद करते हैं। कारावास में बंद 10 आतंकियों ने किसे, कब और कैसे हमला किया, इस पर नज़र डालते हैं तो पता चलता है कि योजना कितनी बारीकी से बनाई गई थी और प्रतिक्रिया में क्या-क्या कमी रहे। इस लेख में हम आपको घटना के मुख्य बिंदु, आरोपी की पकड़ और उसके बाद हुए सुरक्षा सुधारों के बारे में सरल भाषा में बताएंगे।
हमले की प्रमुख घटनाएं
वक्त 10:30 एएम के आसपास, लुता, क्राईस्टल, टॉवर, लोला और फोर्ट मिल्स जैसी प्रमुख जगहों पर कम से कम 9 सशस्त्र लोग घुसे। उन्होंने होटल के लिफ्ट, द्वार और रूमों में बंधे लोगों को बंदी बना लिया और बंदूक, गैस और रॉकेट ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। कुल 166 लोगों की जान गई, 300 से अधिक घायल हुए और कई लोगों को दौड़ते-भेजते बचाया गया।
हाथ में फायरआर्म और हाई-टेक कम्युनिकेशन गेज़ेट होने से आतंकियों को तेजी से कमांड मिलती रही। पुलिस और सीएसआईडी को पहली बार चेतावनी मिलने में 30‑40 मिनट लगे – यही देर वाकई में कई ज़िंदगियों को बचा नहीं सकी।
अपराधियों की गिरफ्तारी और न्याय प्रक्रिया
हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े पैमाने पर एक्शन प्लान चलाया। मुंबई के सफाई दल, पुलिस, ब्यूरो और वायवीय सुरक्षा बलों ने मिलकर 8 आतंकियों को मार डाला या गिरफ्तार किया। बाकी दो, कजाख़स्तान और अफगानिस्तान से आए, को बाद में जाँच में बरामद किया गया।
2009 में नायडू पासा को फाँसी की सजा सुनाई गई, बाकी कई आरोपी आज तक जेल में हैं। कोर्ट ने कई बार रैवेन्यू, दंडात्मक और पुनर्वासात्मक उपायों की सिफारिश की, पर केस की लंबी प्रक्रिया से अक्सर न्याय मिलने में देरी होती रहती है।
यह दहशत भारतीय सुरक्षा को नई दिशा दी। भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा डिलीवरी आयोग का गठन किया, मुंबई में सर्विलांस कैमरा, बायो‑मेट्रिक स्कैन और रेस्पॉन्स टीमों को तेज़ किया। अब हर बड़े सार्वजनिक स्थल पर एंटी‑टेरर ट्रेनिंग अनिवार्य है।
कुल मिलाकर, 26/11 हमला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि भारतीय सुरक्षा नीति में एक बड़े मोड़ का संकेत था। हम सब को इस बात का अहसास होना चाहिए कि सतर्क रहें, जानकारी साझा करें और जब सही समय पर सही प्रतिक्रिया दें, तभी ऐसी दहशत को रोका जा सकेगा।
मुंबई 26/11 हमला: सचिन तेंदुलकर ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, जानें कैसे बदला था मुंबई का मंजर
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों की 16वीं वर्षगांठ पर शहीद जांबाजों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इस घटना को देश की अटूट सहनशीलता का प्रमाण बताते हुए कहा कि मुंबई और वहां के लोग हमेशा एकजुट और मजबूत कदम पर रहे। इसके साथ ही अन्य प्रख्यात व्यक्तियों ने भी इस मौके पर शहीदों को याद किया। इस घटना ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत नीति को दुहराया।