ग्रीष्म संक्रांति 2025: क्यों, कब और कैसे मनाएँ?

भाई‑बहनों, साल में दो बार सूर्य का उत्तरायण होता है – एक केसरी शरद में (अझा) और दूसरा ग्रीष्म में। ग्रीष्म संक्रांति वह दिन है जब सूरज उत्तर की ओर सीधा झुका होता है और पूरी धरती का सबसे लंबा दिन मिलता है। 2025 में यह 21 जून को आएगा, और कई लोग इसे ‘सूर्यावर्त’ या ‘ऊँचा सूर्य’ कहकर याद करते हैं।

परम्परागत रिवाज़: घर में क्या‑क्या करते हैं?

बाजार में जड़ी‑बूटी, किवा, नारियल और घी मिलते हैं, पर सबसे अहम चीज़ है सूर्य दान – सुबह जल्दी उठकर कप में पानी लेकर सूर्य को अर्पित करना। कहा जाता है कि इससे ऊर्जा बढ़ती है और रोग‑प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। कुछ परिवार छोटे‑छोटे झूले बनाते हैं, बच्चों को लटकों पर झुलाते हैं और गाने‑गानों की धूम रहती है।

खान‑पान में मुख्य आकर्षण है भजिया, सरसों के साग और साबूदाना खिचड़ी। ये पकवान तरल‑संतुलन को सुधारते हैं, खासकर गर्मियों में शरीर की प्यास बुझाते हैं। कुछ क्षेत्रों में मीठे में हलवा और ताजे तांगड़ी तैयार होते हैं, जो बच्चों को भी बहुत पसंद आते हैं।

पारंपरिक गाइड: यात्रा और स्वास्थ्य टिप्स

सौभाग्य मानने वाले लोग इस दिन पहाड़ों की सैर या नदी किनारे की यात्रा करते हैं। ठंडी हवा, हरे‑भरे नजारें और सूर्य का उजाला मिलाकर मन को शांति मिलती है। अगर आप कहीं बाहर नहीं जा सकते, तो घर के आँगन में छोटा‑सा जैविक बगीचा लगा सकते हैं – बस एक गिलास पानी और कुछ धूप, पौधों को फिर से जीवित कर देगा।

स्वास्थ्य की बात करें तो गर्मी में पसीना बहुत ज़्यादा आता है, इसलिए हाइड्रेशन पर ध्यान दें। नींबू पानी, नारियल पानी या जीरा‑पानी रोज़ाना पीना फ़ायदेमंद रहता है। हल्के स्ट्रेचिंग या योग के आसन जैसे त्रिकोणासन और विरभद्रासन सूर्य के प्रकाश में करने से शरीर में लचीलापन भी बढ़ता है।

ध्यान रखें, ग्रीष्म संक्रांति सिर्फ एक त्योहारी दिन नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने का मौका है। अपने परिवार को एक साथ लाएँ, कुछ पुराने गाने गाएँ और सूर्य को नमस्ते कहने का मज़ा उठाएँ। चाहे आप गाँव में हों या शहर में, छोटी‑छोटी रीतियों से इस दिन को खास बनाएं। याद रखिए, सूरज की किरणें जितनी तेज़, आपके दिल की खुशी भी उतनी ही उज्ज्वल होगी!

ग्रीष्म संक्रांति: वर्ष का सबसे लंबा दिन और इसका खगोलीय महत्व

ग्रीष्म संक्रांति: वर्ष का सबसे लंबा दिन और इसका खगोलीय महत्व

21 जून को होने वाला ग्रीष्म संक्रांति वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, जो एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। इस दिन पृथ्वी की धुरी 23.5 डिग्री पर सूरज की ओर सबसे बड़े झुकाव पर होती है, जिससे उत्तरी गोलार्ध में अधिकतम धूप मिलती है। इसका वैश्विक महत्व है और विभिन्न संस्कृतियों में इसका उत्सव मनाया जाता है।

Subhranshu Panda जून 21 2024 18