नितीश कुमार रेड्डी की पहली टेस्ट सेंचुरी: क्या बदलेगा भारतीय टीम का चेहरा?

किसी भी टीम के लिए नया खिलाड़ी जब टेस्ट में शतक बनाता है, तो अक्सर बात बन जाती है। हाल ही में नितीश कुमार रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया टूर में अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी बनाई और पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। अगर आप क्रिकेट फैन हैं तो इस शॉट को मिस नहीं करना चाहेंगे। इस लेख में हम देखेंगे कि रेड्डी ने कैसे जीत हासिल की, उनका साझेदारी कैसे रहा और आगे उनकी संभावनाएँ क्या हैं।

मैच का सारांश और रेड्डी का प्रदर्शन

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के दूसरे टेस्ट में नितीश ने 127 रन बनाकर टीम को फॉलो‑ऑन से बचाया। वह पहले बार टेस्ट खेल रहे थे, लेकिन आईपीएल में दिखाए गए धमाके के बाद चयनकों ने उन्हें मौका दिया। उन्होंने पहले 30 ओवर में 67 रन बनाए, फिर 70वें ओवर में तेज़ी से पचीस रन जोड़े, जिससे उनका स्कोर 127 तक पहुँचा। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 56.2 रहा, जो आज‑कल के टेस्ट क्रिकेट में अच्छी मानी जाती है।

जैसे‑जैसे बात बनाई, भारतीय टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी इमरान और बचन ने उनकी तकनीक की सराहना की। विशेषकर उनकी रेंजिंग और टॉप‑एडजस्टमेंट को कोच रॉबिन ने “ध्यान देने लायक” बताया। इस तरह की बारीकी से देखी गई प्रशंसा अक्सर युवा खिलाड़ी के आत्मविश्वास को बढ़ाती है।

साझेदारी और टीम पर असर

रेड्डी की सबसे बड़ी ताकत उनकी साझेदारी है। उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर के साथ 127‑रन की समझदारी भरी साझेदारी बनाई, जिससे भारत ने बड़े ऑवर्स बचाए। इस साझेदारी ने न केवल स्कोर को स्थिर किया, बल्कि बॉलिंग का दवाब भी कम किया।

टेस्ट टीम में नये ऑल‑राउंडर की जरूरत हमेशा रहती है। रेड्डी की बैटिंग के साथ‑साथ उनकी तेज़ गेंदबाज़ी भी असरदार रही, उन्होंने कुछ औसत ओवर भी गेंदबाज़ी में दिए। अगर उन्हें नियमित रूप से प्लेइंग XI में जगह मिले, तो भारतीय टीम को बैटिंग, फील्डिंग और स्पिन दोनों में फायदे के दोहरे पहलू मिलेंगे।

भविष्य की बातें करें तो नितीश को अभी भी अपनी टॉप‑ऑफ़ इस्पोर्ट को परिपूर्ण करना बचेगा। अभी उनका टेस्ट औसत 33.5 है, लेकिन अगर वह लगातार 30‑40 रन बनाते रहें, तो वह क्रमशः टीम का भरोसेमंद “क्लिच‑हिट” बन सकते हैं। अगले टूर में अगर उन्हें निरंतर मौका मिलता है, तो वे भारत के मध्य‑क्रम के स्थायी खिलाड़ी बन सकते हैं।

अंत में एक बात जरूरी है – नितीश की सफलता सिर्फ एक शतक नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है। यदि आप क्रिकेट के फैंटेसी टीमों में भी शामिल हैं, तो उनके आने वाले मैचों में प्रदर्शन को ज़रूर देखें। उनके केस से पता चलता है कि गरिमापूर्ण मेहनत और सही अवसर मिलते ही हर कोई चमक सकता है।

तो, क्या आप अगली बार रेड्डी के और खूबसूरत पलों का इंतज़ार कर रहे हैं? हमें बताइए, आपका पसंदीदा नितीश क्षण कौन सा रहा!

महाराज़ा मूवी रिव्यू: नितिलन समीNathan की रोमांचक थ्रिलर में विजय सेतुपति का जोरदार प्रदर्शन

महाराज़ा मूवी रिव्यू: नितिलन समीNathan की रोमांचक थ्रिलर में विजय सेतुपति का जोरदार प्रदर्शन

महाराज़ा फिल्म की समीक्षा में नितिलन समीNathan की अनूठी फिल्म निर्माण शैली की तारीफ की गई है। यह कहानी एक नाई महाराज़ा के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने घर में चोरी की रिपोर्ट करता है। विजय सेतुपति के शानदार प्रदर्शन के बावजूद फिल्म का आखिरी हिस्सा आम तौर पर क्लीशे साबित होता है। फिर भी, फिल्म एक आकर्षक अनुभव देती है।

Subhranshu Panda जून 14 2024 0