स्वतंत्रता दिवस: क्यों है यह खास और कैसे मनाएँ?

जब 15 अगस्त 1947 की सुबह का सूरज उठता था, तो भारत ने पहली बार अपना झंडा फहराया था। वह दिन आज तक हर साल बड़ी धूमधाम से याद किया जाता है। अगर आप पूछें कि इस जश्न में क्या खास है, तो सबसे पहले ये कहेंगा कि यह हमारे शहीदों की कुर्बानी और आज़ादी के संघर्ष को याद करने का मौका है।

स्वतंत्रता दिवस की इतिहासिक झलक

ब्रिटिश राज के खिलाफ लड़ाई 1857 में शुरू हुई, लेकिन पूरा मुकाम 1940 के दशक में आया। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और कई लाखों लोगों ने मिलकर एक बड़ा आंदोलन चलाया। 2 अक्टूबर 1947 को भारत का संविधान बनाया गया, जो आज भी हमारे लोकतांत्रिक जीवन की रीढ़ है। 15 अगस्त को ब्रिटिश सरकार ने औपचारिक तौर पर भारत को स्वतंत्र घोषित किया। तब से हर साल, राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस पर संसद में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जहाँ शाही परेड, घोड़े की सवारी और राष्ट्रीय गान की ध्वनि सुनाई देती है।

आज के समय में उत्सव के तरीके

आजकल स्वतंत्रता दिवस सिर्फ राजदूतों की परेड नहीं, बल्कि हर घर की छोटी‑छोटी खुशी भी है। स्कूलों में बच्चों को झंडा फहराने और देशभक्तियों पर नाटकों की तैयारी करने को मिलता है। कई लोग अपने सोशल मीडिया पर देशभक्तिपूर्ण पोस्ट डालते हैं, जिससे युवा पीढ़ी को इतिहास से जोड़ने का नया जरिया बनता है। कुछ शहरों में सांस्कृतिक महोत्सव, संगीत कार्यक्रम और रात्रि में लाइट शो भी आयोजित होते हैं। अगर आप बाहर नहीं जा पा रहे, तो घर में भी छोटी‑छोटी चीज़ें कर सकते हैं—जैसे कि ट्राइंग्लो बनाकर, या परिवार के साथ स्वतंत्रता से जुड़े क्विज़ खेलें।

एक और तरीका है शहीदों को याद करना। कई NGOs और स्कूलों में शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित करने की परंपरा है। आप अपने घर में एक छोटा बैज या तस्वीर लगाकर भी इस भावना को बनाये रख सकते हैं। इससे न केवल इतिहास के प्रति सम्मान बढ़ता है, बल्कि आने वाले बच्चों को भी यह सीख मिलती है कि स्वतंत्रता मुफ्त नहीं मिली थी।

अगर आप यात्रा करने का सोच रहे हैं, तो दिल्ली में लाल किला, जम्मू में जला कब्र और कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल देखना लाजवाब रहेगा। इन जगहों पर खास आयोजन होते हैं और आपको प्रत्यक्ष तौर पर स्वतंत्रता की भावना महसूस होगी।

आख़िर में, स्वतंत्रता दिवस का असली मतलब सिर्फ झंडा फहराना नहीं, बल्कि वह भाव है कि हम अपने अधिकारों का सम्मान करें और देश को बेहतर बनाएं। चाहे आप बड़ी कंपनी में काम करते हों या छोटे गाँव में रहते हों, हर छोटा कदम देश की प्रगति में योगदान देता है। इसलिए इस 15 अगस्त को सिर्फ़ उत्सव नहीं, बल्कि अपने सपनों को सच करने की नई शुरुआत मानें।

नागालैंड के दो पीएम श्री स्कूलों ने 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया

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78वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले में आयोजित समारोह में नागालैंड के दो पीएम श्री स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों को विशेष मेहमान के रूप में आमंत्रित किया गया। ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करने वाले उदाहरणात्मक स्कूलों के रूप में स्थल बनाए गए हैं।

Subhranshu Panda सितंबर 5 2024 0