नकली वेबसाइट

जब बात नकली वेबसाइट, ऐसी साइट जो दिखावे में वास्तविक लगती है लेकिन उपयोगकर्ता को धोखा देने के इरादे से बनाई गई होती है, फर्जी साइट की हो, तो कई जोखिम सामने आते हैं। सबसे बड़ा खतरा है फिशिंग, ऐसी तकनीक जहाँ अपराधी वैध संस्थानों की नकल करके व्यक्तिगत डेटा चुराते हैं, धोखा ई‑मेल। फिशिंग का दिमागी दांव यही है कि आप भरोसेमंद लिंक पर क्लिक कर दें, पासवर्ड या कार्ड नंबर डाल दें, और फिर नुकसान आपसे ही हो जाता है। इसलिए नकली वेबसाइट को पहचानना ऑनलाइन सुरक्षा का पहला कदम है।

नकली वेबसाइट पहचानने के लिए दो मुख्य उपकरण काम आते हैं: डोमेन जांच और वेबसाइट सत्यापन। डोमेन जांच में आप साइट का URL, HTTPS सर्टिफिकेट, और रजिस्ट्रार जानकारी देख सकते हैं—यदि कोई पुराना या कम खर्च वाला डोमेन अचानक बैंक‑लॉगिन जैसा दिख रहा हो, तो शक करना ही सही है। वेबसाइट सत्यापन में साइट के ‘About Us’ पेज, संपर्क विवरण, और ग्राहक समीक्षाओं की जाँच शामिल है। अक्सर नकली साइटें इन हिस्सों को खाली या असंगत छोड़ देती हैं। यही कारण है कि ऑनलाइन ठगी, डिजिटल दुनिया में धोखाधड़ी की एक विस्तृत श्रेणी है जिसमें नकली शॉपिंग साइट, झूठी इन्वेस्टमेंट स्कीम, और फ़र्जी लोटरी शामिल हैं, डिजिटल धोखा को रोकने के लिए हर चरण में सतर्क रहना जरूरी है।

साइबर सुरक्षा के तीन आसान कदम

पहला कदम है दो‑फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) सेट करना। चाहे आप ई‑मेल, बैंकों या सोशल मीडिया में लॉगिन कर रहे हों, 2FA टोकन या बायोमीट्रिक से अतिरिक्त परत जोड़ता है, जिससे नकली साइटें पासवर्ड ही चुरा लें तो भी एक्सेस नहीं मिल पाता। दूसरा कदम है एड‑ब्लॉकर और एंटी‑वायरस एक्सटेंशन का उपयोग। ये टूल्स अक्सर साइट के स्क्रिप्ट को रोकते हैं, जिससे फिशिंग पेज आपके ब्राउज़र में खुलनै नहीं देते। तीसरा कदम है नियमित रूप से पासवर्ड बदलना और हर साइट के लिए यूनिक पासवर्ड बनाना। पासवर्ड मैनेजर से यह काम आसान हो जाता है, और यदि एक साइट समझौता हो भी जाए, तो बाकी अकाउंट सुरक्षित रहेंगे। इन तीन साधनों को मिलाकर आप न केवल नकली वेबसाइट से बचते हैं, बल्कि व्यापक ऑनलाइन ठगी के खिलाफ भी मजबूत किले का निर्माण करते हैं।

अब तक हमने समझा कि नकली वेबसाइट क्या है, फिशिंग और ऑनलाइन ठगी से कैसे जुड़ी है, और साइबर सुरक्षा के बेसिक टूल्स क्या हैं। नीचे आप उन लेखों की सूची पाएँगे जो इस टैग से जुड़े विभिन्न पहलुओं—डोमेन जांच, फिशिंग केस स्टडी, सुरक्षित ब्राउज़िंग टिप्स—पर गहराई से चर्चा करते हैं। पढ़ते रहें और अपनी डिजिटल पहचान को सुरक्षित रखने के लिए ताज़ा जानकारी और व्यावहारिक टिप्स हासिल करें।

साहित्य आजतक टिकट धोखाधड़ी से बचें: केवल 3 आधिकारिक प्लेटफ़ॉर्म

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आजतक ने साहित्य आजतक टिकट धोखाधड़ी से बचने की चेतावनी दी। केवल aajtak.in, बुकमायशो और इन्साइडर से बुक करें, फर्जी साइटों से सावधान रहें।

Subhranshu Panda अक्तूबर 3 2025 4