निफ्टी का सरल गाइड – क्या है, कैसे देखें, क्यों जरूरी?

अगर आप शेयर बाजार में थोड़ा‑बहुत रुचि रखते हैं तो "निफ्टी" का नाम आपका भी सुनने में आया होगा। निफ्टी एक ऐसी संख्या है जो 50 सबसे बड़ी और ट्रेडिंग वॉल्यूम वाली कंपनियों के शेयरों की औसत चाल को दर्शाता है। यही कारण है कि बाजार की पूरी हालत जानने के लिए लोग सबसे पहले निफ्टी पर नज़र डालते हैं।

निफ्टी कैसे काम करता है?

निफ्टी को NIFTY 50 भी कहते हैं क्योंकि इसमें 50 कंपनियाँ शामिल हैं। ये कंपनियाँ विभिन्न सेक्टरों – बैंकिंग, आईटी, फार्मा, ऑटो, रिटेल आदि – से आती हैं, इसलिए निफ्टी में सभी उद्योगों का एक झलक मिलता है। हर ट्रेडिंग दिन में बम्पे (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्‍सचेंज (NSE) इन शेयरों की कीमतों को एकत्रित करके एक वेटेड औसत निकालते हैं। इस औसत को आधार मानकर निफ्टी का अंक तय होता है।

जब किसी बड़ी कंपनी के शेयर की कीमत अचानक बढ़ती या गिरती है, तो वह निफ्टी को भी असर करती है। इसलिए निफ्टी को बाजार की “जीवनधारा” कहा जाता है। अगर निफ्टी ऊपर जाता है, तो आमतौर पर शेयर बाजार की भावना सकारात्मक होती है; नीचे जाना उल्टा संकेत देता है।

निफ्टी में निवेश के आसान टिप्स

निफ्टी खुद में एक निवेश विकल्प नहीं है, लेकिन आप निफ्टी से जुड़े फंड या ETF (एक्सचेंज‑ट्रेडेड फंड) खरीद सकते हैं। ये फंड निफ्टी के उसी सूचकांक को फॉलो करते हैं, इसलिए एक ही लेन‑देन में आप 50 बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी ले लेते हैं।

पहला कदम – अपने निवेश लक्ष्य तय करें। अगर आप लंबी अवधि (5‑10 साल) के लिए पूंजी बढ़ाना चाहते हैं, तो निफ्टी‑फ़ंड एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह बाजार की कुल वृद्धि का फायदा देता है। दोसरा – नियमित रूप से निवेश करें। हर महीने एक समान राशि डालें, इससे बाजार के उतार‑चढ़ाव का असर कम हो जाता है।

तीसरा – समाचार और आर्थिक डेटा पर नज़र रखें। ब्याज दरें, वैश्विक बाजार, और मौसमी रिपोर्ट निफ्टी को जल्दी‑जल्दी हिला सकती हैं। अगर आपको कोई बड़ा गिरावट दिखता है, तो आप अतिरिक्त यूनिट खरीद कर औसत लागत घटा सकते हैं।

आख़िरी बात – जोखिम को समझें। निफ्टी एक इंडेक्स है, लेकिन यह कभी‑न कभी गिर सकता है। अपने पोर्टफोलियो में बॉन्ड, गोल्ड या छोटे‑मध्यम‑कैप फंड को मिलाकर जोखिम को बंटा सकते हैं।

अंत में, निफ्टी को सिर्फ़ एक नंबर नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक कहानी मानें। रोज़ाना के छोटे‑छोटे बदलाव आपको बड़ी प्रवृत्तियों का पता चलाते हैं। इस ज्ञान को अपने निवेश निर्णयों में डालें और बाजार की धारा के साथ चलें।

वित्तीय बजट 2025: बजट घोषणाओं के बाद सेंसेक्स और निफ्टी की प्रतिक्रिया

वित्तीय बजट 2025: बजट घोषणाओं के बाद सेंसेक्स और निफ्टी की प्रतिक्रिया

वित्तीय बजट 2025 के बाद शेयर बाजार में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दिखीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट प्रस्तुत करने पर सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी आई, जबकि कुछ आर्थिक सुधारों के बावजूद बाजार पर्यवेक्षकों का मानना है कि लंबे समय के ट्रेंड्स का ध्यान रखना आवश्यक है।

Subhranshu Panda फ़रवरी 1 2025 13
शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी पर वैश्विक अनिश्चितता के प्रभाव

शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी पर वैश्विक अनिश्चितता के प्रभाव

घरेलू शेयर बाजार में 7 अक्टूबर, 2024 को 4.5% की भारी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक बाजार से नकारात्मक संकेतों के कारण हुई। मध्य पूर्व में तनाव के चलते कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने और संभावित आपूर्ति विघटन को लेकर चिंता बढ़ी। निफ्टी के प्रमुख समर्थन स्तर टूटे। आईटीसी, इन्फोसिस और एयरटेल की कीमतों में गिरावट आई। निवेशक मध्य पूर्व की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

Subhranshu Panda अक्तूबर 8 2024 16
भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट: सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट, रुपया रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर

भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट: सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट, रुपया रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर

25 जून 2024 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 1.5% गिरकर 61,133.41 अंकों पर बंद हुआ और एनएसई निफ्टी 1.4% गिरकर 18,320.15 अंकों पर बंद हुआ। इस गिरावट का मुख्य कारण भारतीय रुपये का अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंचना था।

Subhranshu Panda जून 25 2024 7